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अब खत्म होगा पंप-एंड-डंप का खेल, SEBI ला रहा एडवांस टूल; चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने दी जानकारी

पंप-एंड-डंप जैसी हेरफेर को रोकने के लिए SEBI अब नए एडवांस टूल्स ला रहा है। चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने बताया कि इससे बाजार की निगरानी पहले से तेज और सटीक होगी, साथ ही निवेशकों की सुरक्षा भी बढ़ेगी। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Oct 11, 2025 पर 10:33 PM
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सेबी चीफ ने बताया कि पंप-एंड-डंप स्कीम्स पैटर्न फॉलो करती हैं, जिसका पता लगाया जा सकता है।

मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) अब ऐसे एडवांस टूल तैयार कर रहा है, जो बाजार में होने वाली मैनिपुलेशन यानी हेरफेर की घटनाओं को पहले से और तेजी से पकड़ सकेंगे। इसकी जानकारी SEBI के चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने दी है।

उन्होंने शनिवार को बीएसई ब्रोकर्स फोरम (BBF) के एक कार्यक्रम में कहा, 'हम निगरानी के क्षेत्र में अब रिएक्टिव सुपरविजन से प्रेडिक्टिव ओवरसाइट की ओर बढ़ रहे हैं। हमने अपने डेटा वेयरहाउस सिस्टम को पूरी तरह अपडेट किया है ताकि नए रूल-बेस्ड अलर्ट के जरिए पंप-एंड-डंप जैसी एक्टिविटीज का पता लगाया जा सके। इससे बड़े सौदे में होने वाले धोखाधड़ी भरे ट्रेड्स का पता भी चल सकेगा।'

सेबी चीफ ने बताया कि पंप-एंड-डंप स्कीम्स पैटर्न फॉलो करती हैं, जिसका पता लगाया जा सकता है। यह चीज SEBI के कई ऑर्डर्स में दिखी है। नई तकनीक से ऐसे मामलों की पहचान डेटा-बेस्ड एनालिसिस के जरिए पहले से हो सकेगी। इसका मतलब है कि सेबी को जल्दी एक्शन लेने में आसानी होगी।


DPs के लिए सेफ्टी नेट

SEBI अब डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DPs) के लिए भी एक सेफ्टी नेट मैकेनिज्म बना रहा है। पांडे ने कहा, 'हम नया सिस्टम लाने पर भी विचार कर रहे हैं। इससे अगर किसी DP में कोई तकनीकी दिक्कत या आउटेज हो, तो उसे डिपॉजिटरी स्तर पर संभाला जा सके। ठीक वैसे ही, जैसे स्टॉक ब्रोकर्स के लिए सुरक्षा व्यवस्था होती है।'

डेरिवेटिव्स मार्केट में सुधार

डेरिवेटिव्स यानी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) में वीकली एक्सपायरी के मुद्दे पर सेबी चीफ का कहना है कि मार्केट रेगुलेटर ने पहले ही डेटा एनालिसिस के आधार पर कई रेगुलेटरी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'हम आगे भी यही सोच-समझ कर और कंसल्टेशन के साथ कदम उठाएंगे, ताकि बाजार में सुधार हो और निवेशकों की सुरक्षा बनी रहे।'

कैश मार्केट और SLBM पर फोकस

पांडे ने बताया कि कैश इक्विटी मार्केट का डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम पिछले तीन साल में दोगुना होकर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। यह पूंजी निर्माण की बुनियाद है। उन्होंने कहा, 'हमें इस मार्केट को और गहराई देनी होगी। साथ ही, सिक्योरिटी लेंडिंग एंड बॉरोइंग मैकेनिज्म (SLBM) फ्रेमवर्क को रिस्क मैनेजमेंट के हिसाब से रिव्यू करना होगा।'

NRI के लिए आसान KYC

SEBI प्रमुख ने कहा कि एनआरआई निवेशकों के लिए KYC प्रक्रिया को आसान बनाने पर भी काम चल रहा है। SEBI, UIDAI और RBI के साथ मिलकर एक ऐसा सिस्टम बना रहा है, जिससे NRI बिना भारत आए रिमोट KYC कर सकें। पांडे ने कहा, 'यह फिलहाल टेस्टिंग स्टेज में है और हमारा लक्ष्य इसे जल्द शुरू करना है।'

FPI रजिस्ट्रेशन और इनोवेशन पर जोर

पांडे ने कहा कि SEBI विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को और सरल बनाना चाहता है। उन्होंने कहा, 'FPI रजिस्ट्रेशन हमारी दुनिया से जुड़ने की खिड़की है। अगर उसी पर जाले लग जाएं, तो वह चमक नहीं पाएगी।' उन्होंने इंडस्ट्री से नए प्रोडक्ट्स और छोटे SIPs को प्रमोट करने के लिए इनोवेशन करने की अपील भी की। सेबी चीफ ने कहा, 'SEBI निवेशकों को उनकी रिस्क क्षमता के हिसाब से ज्यादा निवेश विकल्प देने पर फोकस करता रहेगा।'

कमोडिटी मार्केट और टैक्सेशन पर सुधार

कमोडिटी मार्केट पर बात करते हुए पांडे ने कहा कि भारत के कई कमोडिटी सेगमेंट्स में अभी बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, 'टैक्सेशन, डिलीवरी सिस्टम और GST से जुड़े कई मुद्दों को सुलझाना होगा। इसके लिए वर्किंग ग्रुप बनाए गए हैं, और उनकी सिफारिशों के बाद हम आगे बढ़ेंगे।'

ब्रोकर्स के लिए नियमों में सुधार

पांडे ने बताया कि SEBI स्टॉक ब्रोकर्स के लिए नियमों को सरल और कम खर्चीला बनाने पर भी काम कर रहा है। उन्होंने कहा, 'हमें कई सुझाव मिले हैं, और हम सितंबर तक इस प्रस्ताव को बोर्ड के पास मंजूरी के लिए ले जाएंगे।'

फिनफ्लुएंसर्स और साइबर फ्रॉड पर सख्ती

SEBI चेयरमैन ने कहा कि साइबर फ्रॉड्स और अनरजिस्टर्ड फिनफ्लुएंसर्स से निवेशकों की सुरक्षा SEBI की प्राथमिकता बनी रहेगी। इस दिशा में SEBI बाजार संस्थानों और इंटरमीडियरीज के साथ मिलकर काम कर रहा है।

आखिर में सेबी चीफ ने कहा, 'हम सबको इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हमने एक मजबूत बाजार बनाया है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि यह ग्रोथ टिकाऊ बने। हमें सिर्फ सफल बिजनेस नहीं, बल्कि मजबूत संस्थान भी खड़े करने होंगे।'

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