Gensol Engineering पर SEBI का बड़ा एक्शन; प्रमोटर मार्केट से बैन, स्टॉक स्प्लिट पर भी रोक

क्या Gensol Engineering सिर्फ फर्जीवाड़े पर चल रही थी? SEBI की जांच में खुलासा हुआ कि करोड़ों का लोन गायब, फर्जी ऑर्डर और झूठी घोषणाओं से शेयर बाजार को गुमराह किया गया। अब SEBI ने प्रमोटरों पर सख्त एक्शन लिया है। आइए जानते हैं पूरी डिटेल।

अपडेटेड Apr 15, 2025 पर 8:04 PM
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सेबी ने अपनी जांच में पाया कि दोनों प्रमोटरों ने Gensol Engineering में फंड का दुरुपयोग किया।

 

Gensol Engineering Scam: सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने Gensol Engineering और उसके प्रमोटरों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है। मार्केट रेगुलेटर ने दोनों प्रमोटरों- अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को किसी भी डायरेक्टोरियल या प्रमुख प्रबंधन पद पर रहने से रोक दिया है। साथ ही, उन्हें शेयर बाजार में किसी भी प्रकार के लेन-देन से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

सेबी ने क्यों लिया एक्शन?


दरअसल, मार्केट रेगुलेटर सेबी ने अपनी जांच में पाया कि दोनों प्रमोटरों ने Gensol Engineering में फंड का दुरुपयोग किया। साथ ही, शेयर बाजार में हेरफेर करने के लिए भ्रामक जानकारी भी दी। सेबी अब कंपनी की वित्तीय गतिविधियों की गहन जांच कराने के लिए एक फॉरेंसिक ऑडिटर नियुक्त करेगा। यह रिपोर्ट छह महीने के भीतर देने को कहा गया है।

EV खरीद में भारी गड़बड़ी

जांच में सामने आया कि Gensol Engineering ने ₹977.75 करोड़ का टर्म लोन लिया था। इसमें से ₹663.89 करोड़ से 6,400 इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) खरीदे जाने थे। लेकिन सिर्फ 4,704 गाड़ियां खरीद गईं, जिनकी कीमत ₹567.73 करोड़ बताई गई। ऐसे में ₹262.13 करोड़ की राशि का कोई स्पष्ट हिसाब नहीं मिला।

बाकी पैसे कहां गए?

आरोप है कि बाकी रकम प्रमोटरों और उनके रिश्तेदारों से जुड़ी संस्थाओं को डायवर्ट की गई। इसमें लग्जरी खर्च, रियल एस्टेट की खरीद और परिजनों को कैश ट्रांसफर शामिल हैं। साथ ही Gensol और इसके EV सप्लायर Go-Auto के बीच पैसे की राउंड-ट्रिपिंग भी पाई गई। राउंड-ट्रिपिंग मतलब अपना ही पैसा दो कंपनियों के बीच ऐसे घुमाना, जैसे सच में उससे सौदा किया गया है।

झूठे दावे और फर्जी ऑर्डर का खेल

Gensol Engineering ने दावा किया था कि उसे 30,000 EVs के ऑर्डर मिले हैं, लेकिन जांच में पता चला कि ये सिर्फ गैर-बाध्यकारी समझौते (MoU) थे। इनमें कीमत और डिलीवरी जैसी जरूरी बातें ही नहीं थीं। एक साइट विजिट के दौरान Gensol की फैक्ट्री में कोई मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटीज नहीं मिली।

स्टॉक स्प्लिट पर भी रोक

Gensol Engineering ने हाल ही में 1:10 स्टॉक स्प्लिट का भी ऐलान किया था। सेबी ने उस पर भी रोक लगा दी है। मार्केट रेगुलेटर का कहना है कि यह कदम निवेशकों के हित में नहीं है। दिसंबर 2024 के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक, कंपनी में 35.34% रिटेल इन्वेस्टर्स थे। साथ ही, इसमें प्रकाश एस जालान और मुकुल महावीर अग्रवाल जैसे बड़े निवेशकों का भी पैसा लगा था।

शेयर में गिरावट

इस घटनाक्रम से पहले Gensol Engineering के शेयर बीएसई पर ₹3.05 (2.29%) गिरकर ₹130.15 पर बंद हुए। पिछले 1 महीने में कंपनी के शेयर 45.50% तक क्रैश हो चुके हैं। वहीं, बीते 1 साल में शेयरों की 86.14% वैल्यू साफ हो गई है। Gensol का शेयर अपने ₹1,124.90 के 52 वीक हाई से फिलहाल 88.52% नीचे है।

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Apr 15, 2025 8:04 PM

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