मार्केट रेग्युलेटर सेबी (Sebi) ने शुक्रवार को आरएफएल इंटरनेशनल लिमिटेड (RFL International Ltd) के मामले में नियामक मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए दो संस्थाओं पर 27 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। अपने आदेश में सेबी ने आरएफएल इंटरनेशनल लिमिटेड पर ₹17 लाख और इसके प्रबंध निदेशक अनीश शाह पर ₹7 लाख का जुर्माना लगाया। रेग्युलेटरी नियमों का पालन किये बिना कुछ संस्थाओं को अप्रैल 2011 की तारीख वाले नकली शेयर प्रमाण पत्र जारी करने के लिए ये जुर्माना लगाया गया। सेबी को कुछ संस्थाओं से आरएफएल इंटरनेशनल लिमिटेड के अप्रैल 2011 की तिथि वाले शेयर प्रमाणपत्रों की प्रतियां प्राप्त हुई थीं। ये शेयर उन्हें आरएफएल द्वारा जारी किए गए थे।
इसके बावजूद ये पाया गया था कि मार्च 2011 से जून 2011 को समाप्त तिमाही के लिए आरएफएल के शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था। इसके बाद सेबी ने जनवरी 2011 से जून 2011 की अवधि के लिए आरएफएल इंटरनेशनल के मामले में जांच की।
रेग्युलेटर ने जांच ने पाया कि आरएफएल इंटरनेशनल ने कुछ संस्थाओं से धन प्राप्त किया। इस धन के बदले में उसने उन्हें शेयर प्रमाणपत्र जारी किया था। जिसके लिए उनके पास लिस्टिंग और ट्रेडिंग की अनुमति नहीं थी।
इसके अलावा, आरएफएल इंटरनेशनल ने इस बारे में न तो बीएसई को सूचित किया और न ही उक्त शेयरों को बीएसई पर लिस्ट किया। इसने अपने पेड अप शेयर कैपिटल में वृद्धि भी नहीं की।
सेबी ने अपनी जांच में पाया था कि आरएफएल इंटरनेशनल और उसके प्रबंध निदेशक अनीश शाह रेग्युलेटरी नियमों का उल्लंघन करके कुछ संस्थाओं को अप्रैल, 2011 के नकली शेयर प्रमाणपत्रों को जारी करने में शामिल थे।
इसके अलावा रेग्युलेटर ने आरएफएल इंटरनेशनल पर ₹3 लाख का जुर्माना लगाया है। हालांकि ये जुर्माना सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित सेबी की अपील के परिणाम के अधीन होगा। ये मामला SCRA में धारा 23E लिस्टिंग की शर्तों से संबंधित है।
इस बीच एक अलग आदेश में मार्केट वॉचडॉग ने इंद्रेश्वर शुगर मिल्स लिमिटेड (Indreshwar Sugar Mills Ltd) के मामले में नियामक मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए एक संस्था पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया है।
सेबी ने अप्रैल 2010 से मार्च 2014 की अवधि के लिए इंद्रेश्वर शुगर मिल्स लिमिटेड (आईएसएमएल) के मामले की जांच की। उनकी जांच पूरी होने के बाद रेग्युलेटर ने जुर्माना लगाने का आदेश दिया है।