भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने 21 फरवरी को नॉर्थ ईस्टर्न कैरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (North Eastern Carrying Corporation Ltd (NECC) के शेयरों में धोखाधड़ी ट्रेड प्रैक्टिसेज में लिप्त होने के कारण छह संस्थाओं पर 62 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कैपिटल मार्केट रेगुलेटर ने रियलस्टेप एजेंसीज (Realstep Agencies) पर 15 लाख रुपये, उत्कर्ष जैन (Utkarsh Jain), वान्या जैन (Vanya Jain) (एनईसीसी के प्रमोटर), साइराबानू मोहम्मद रफीक फणसवाला (airabanu Mohd Rafiq Fanaswala ) और मालतीबेन अशोकभाई दारजी (Malatiben Ashokbhai Darji ) पर 10-10 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। जबकि चरमसुख आईटी मार्केटिंग (Charamsukh IT Marketing) पर 7 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है।
इन संस्थाओं ने पीएफयूटीपी मानदंडों (PFUTP norms) के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। एक अलग आदेश में सेबी ने आरबी ट्रेडर्स (RB Traders) और उसके मालिक राज बहादुर भदौरिया (Raj Bhadur Bhdoriya) को अनधिकृत निवेश सलाहकार सेवाएं देने के लिए छह महीने की अवधि के लिए सिक्योरिटीज मार्केट्स से प्रतिबंधित कर दिया। इसके अलावा उन पर 8 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसके अतिरिक्त उन्हें ऐसी सर्विस देकर निवेशकों से लिये गये पैसे को वापस करने के लिए कहा है।
रेगुलेटर के अनुसार वे सेबी से पंजीकरण प्राप्त किए बिना निवेश सलाह दे रहे थे। जो आईए नियमों (IA rules) का उल्लंघन है।
NECC के मामले में सेबी ने दिसंबर 2016 से अप्रैल 2017 तक शेयरों की जांच की। उसके बाद एनईसीसी के शेयरों के लिए उसने ये आदेश दिया।
आरोपों के अनुसार, उत्कर्ष, वान्या, रियलस्टेप, फणसवाला, दारजी और चरमसुख आईटी मार्केटिंग ने पीएफयूटीपी (Prohibition Of Fraudulent And Unfair Trade Practices) मानदंडों के प्रावधानों का उल्लंघन किया था।
अपनी जांच में सेबी ने पाया कि उत्कर्ष और वान्या ने शेयरों को बेच दिया। जिस दिन ऐसी ट्रेडिंग हुई थी उन दिनों के लिए बाजार में ट्रेडिंग की भ्रामक उपस्थिति पैदा की। ट्रेड्स ने नॉर्मल मार्केट मैकेनिज्सम को बाईपास कर दिया। इससे एनईसीसी के शेयरों में कारोबार करने वाले वास्तविक निवेशकों के हितों पर असर पड़ा।
रेगुलेटर ने यह भी पाया कि रियलस्टेप, फणसवाला और दारजी ने एनईसीसी के शेयरों में स्क्रिप ऑर्टिफिसियल वॉल्यूम बनाया था।