सेबी चॉइस ब्रोकिंग की जांच कर रहा है। मार्केट रेगुलेटर को चॉइस ब्रोकिंग के एंप्लॉयीज पर बड़े क्लाइंट्स से जुड़े ट्रेड में फ्रंट-रनिंग का संदेह है। इस मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि सेबी ने ब्रोकरेज फर्म के मुंबई ऑफिस पर छापा मारा था। यह कार्रवाई 6 से 10 जनवरी के बीच हुई थी। चॉइन ब्रोकिंग ने ऐसी किसी कार्रवाई से इनकार किया है। उसने कहा है कि जिस कार्रवाई की बात की जा रही है वह ब्रोकरेज फर्म के सेबी के साथ नियमित एंटरएक्शन का हिस्सा है।
चॉइस ब्रोकिंग ने सेबी की जांच से किया इनकार
चॉइस ब्रोकिंग ने कहा है कि सेबी की तरफ से चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग के खिलाफ किसी तरह की सर्च और सीजर कार्रवाई नहीं की गई है। उसने कहा है कि रेगुलेटेड एनटिटी होने के नाते चॉइस ब्रोकिंग नियमित रूप से सेबी और दूसरी अथॉरिटीज के संपर्क में रहती है। इसका मकसद सभी रेगुलेटरी रिक्वायरमेंट का पालन होता है। सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि सेबी के सर्विलांस डिपार्टमेंट की तरफ से की गई जांच कथित रूप से संदिग्ध ट्रेडिंग एक्टिविटी से जुड़ी हुई है।
फ्रंट रनिंग के लिए समानांतर सिस्टम बनाया गया था
सूत्रों के मुताबिक, सेबी के अधिकारी एक बड़े क्लाइंट के फ्रंट-रनिंग की जांच करने गए थे। लेकिन ऐसे सबूत मिले जिनसे पता चला कि ब्रोकरेज फर्म के एंप्लॉयीज कई बड़े क्लाइंट्स के ट्रेड में फ्रंट-रनिंग में शामिल थे। मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि ऐसा लगता है कि इसके लिए (फ्रंट रनिंग) एक समानांतर ट्रेडिंग सिस्टम बनाया गया था। इस ट्रेडिंग सिस्टम का इस्तेमाल डीलर के क्लाइंट के बड़े ऑर्डर को पंच करने से पहले किया जाता होगा।
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फ्रंट रनिंग की गतिवधियां अवैध हैं
फ्रंट रनिंग तब होती है जब किसी व्यक्ति या एनटिटी के पास ऐसी कोई जानकारी होती है, जो दूसरे लोगों के पास नहीं होती है। वह इस जानकारी का इस्तेमाल किसी बड़े क्लाइंट के ट्रेड से फायदा उठाने के लिए कर सकता है। ट्रेड का मतलब यहां सिक्योरिटीज की खरीद और बिक्री से है। इससे बड़े इनवेस्टर या क्लाइंट को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस तरह की गतिविधियां अवैध मानी जाती है। किसी एंप्लॉयी या एनटिटी के ऐसी गतिविधि में शामिल होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।