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Jane Street पर बढ़ सकता है SEBI का शिकंजा, पोजीशन लिमिट नियमों के उल्लंघन की भी हो सकती है जांच

SEBI की शुरुआती जांच में पता चला है कि ऐसा कई बार हुआ था जब Bank Nifty में पोजीशंस 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई थी। एक इंडेक्स में पोजीशंस के लिए 500 करोड़ की लिमिट तय है। पोजीशंस तय लिमिट से ज्यादा होने का संदेह होने पर सेबी ने डेटा का विश्लेषण करना शुरू किया था

अपडेटेड Jul 07, 2025 पर 5:50 PM
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जेन स्ट्रीट ने ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल मुनाफा कमाने के लिए किया, जिससे उसे तो कमाई हुई, लेकिन दूसरे ट्रेडर्स को लॉस उठाना पड़ा।

जेन स्ट्रीट पर सेबी का शिकंजा कस सकता है। रेगुलेटर न सिर्फ ट्रेडिंग में मैनिपुलेशन बल्कि इस बात की भी जांच कर सकता है कि क्या जेन स्ट्रीट ने फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में पोजीशंस लिमिट के नियमों का भी उल्लंघन किया है। मनीकंट्रोल को सूत्रों से यह जानकारी मिली है। एक इंडेक्स में पोजीशंस के लिए 500 करोड़ की लिमिट तय है।

पोजीशंस लिमिट 50,000 करोड़ पार कर गई थी

SEBI की शुरुआती जांच में पता चला है कि ऐसा कई बार हुआ था जब Bank Nifty में पोजीशंस 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई थी। एक सूत्र ने बताया, "एक समय ऐसा था जब जेन स्ट्रीट की पोजीशंस बैंक निफ्टी में 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी। सेबी डेटा का विश्लेषण कर रहा है। अगर ऐसा हुआ है तो यह नियम के खिलाफ है।" पोजीशंस तय लिमिट से ज्यादा होने का संदेह होने पर सेबी ने डेटा का विश्लेषण करना शुरू किया था। इस जांच में सेबी को ऐसी कई चीजें मिली कि उसे Jane Street के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करना पड़ा।


मुनाफे के लिए ऐसी स्ट्रेटेजी का किया गया इस्तेमाल

एक दूसरे सूत्र ने कहा कि पोजीशंस तय लिमिट से ज्यादा होना ठीक नहीं है। उसने कहा, "मान लीजिए एक ट्रेडर का 'एट द मनी कॉल' में बैंक निफ्टी में पोजीशंस 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होता है और वह 'आउट द मनी कॉल' में 50,000 करोड़ रुपये का पोजीशंस ले लेता है। ऐसे में दोनों का नेट पोजीशंस जीरो हो जाएगा। लेकिन एक्चुअल डेटा 25,000 करोड़ रुपये का होगा, जो सेबी के सर्कुलर में तय पोजीशन लिमिट का 50 गुना है। यह पूरी तरह से सर्कुलर के खिलाफ है।"

सेबी ने OI के कैलकुलेशन के नियमों में बदलाव किया

ऐसे मामलों को ध्यान में रख सेबी ने 1 जुलाई से ओपन इंटरेस्ट (ओआई) और इंडेक्स पोजीशंस लिमिट के कैलकुलेशन के नियमों में बदलाव किया है। अब OI का कैलगुलेशन फ्यूचर इक्विवैलेंट बेसिस पर होता है। इस बारे में सेबी को भेजे ईमेल का जवाब नहीं मिला। सेबी के होल टाइम डायरेक्टर अनंत नारायण ने 3 जुलाई को अपने अंतरिम आर्डर में Jane Street पर बैन लगा दिया। इतना ही नहीं सेबी ने इंडियन मार्केट में गलत तरीके से हुई 4,843.5 करोड़ रुपये की कमाई जेन स्ट्रीट से रिकवर करने आदेश दिया है।

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जेन स्ट्रीट पर लगे हैं कई गंभीर आरोप

इंडिया में जेन स्ट्रीट ग्रुप के बैंक अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया गया है। सेबी ने जेन स्ट्रीट पर बैंक निफ्टी और निफ्टी के दूसरे सूचकांकों में मैनिपुलेशन का आरोप लगाया है। जेन स्ट्रीट ने ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल मुनाफा कमाने के लिए किया, जिससे उसे तो कमाई हुई, लेकिन दूसरे ट्रेडर्स को लॉस उठाना पड़ा। जेन स्ट्रीट फ्यूचर्स और कैश में पहले बुलिश पोजीशन लेती थी, जिससे इनवेस्टर्स को बाजार में तेजी दिखती थी। उसके बाद वह दोपहर में बेयरिश पोजीशंस ले लेती थी।

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