सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने इरोज इंटरनेशनल मीडिया के प्रमोटर और पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील अर्जन लूला पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह फाइन रेगुलेटरी नियमों के उल्लंघन से जुड़े एक मामले में लगाया गया है। इससे पहले सेबी ने जून 2023 में एक अंतरिम आदेश में धन की हेराफेरी की आशंका में इरोज इंटरनेशनल, लूला सहित पांच एंटिटी को सिक्योरिटी मार्केट से बैन कर दिया था।
मार्केट रेगुलेटर ने सुनील लुल्ला को अगले आदेश तक इरोज या उसकी सहायक कंपनियों या सेबी-रजिस्टर्ड किसी भी लिस्टेड कंपनी में डायरेक्टर या प्रमुख प्रबंधकीय कर्मचारी का पद संभालने से भी रोक दिया था। इसके बाद, सुनील लुल्ला ने सेबी के अंतरिम आदेश के खिलाफ सिक्योरिटी अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) में अपील की। हालांकि, ट्रिब्यूनल ने अगस्त 2023 में रेगुलेटर के आदेश को बरकरार रखा। अक्टूबर 2023 में रेगुलेटर ने उनके खिलाफ प्रतिबंध की पुष्टि की।
बाजार नियामक ने पाया कि सुनील लूला सेबी के निर्देशों का पालन करने में विफल रहे और उन्होंने इरोज इंटरनेशनल मीडिया के निदेशक पद से इस्तीफा नहीं दिया, और कथित तौर पर रेगुलेटर की न्यायिक कार्यवाही के आदेश का पालन भी नहीं किया।
सुनील लूला को कारण बताओ नोटिस
इसके बाद, नियामक ने 22 अप्रैल 2024 को सुनील लूला को कारण बताओ नोटिस जारी किया। सेबी ने कहा कि सुनील लूला के आचरण ने रेगुलेटर के प्रति पूर्ण अवहेलना दिखाई, जो पूरी तरह से अनुचित है। सेबी ने 30 अक्टूबर को आदेश में कहा कि यह पाया गया कि उन्होंने जून 2023 से जुलाई 2024 तक नियामक के आदेश का पालन नहीं किया।
सेबी के अनुसार अगर कोई शख्स अपने पद पर रहते हुए सिक्योरिटी मार्केट रेगुलेटर द्वारा दिए गए निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो इसे और भी गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उनके (सुनील लुल्ला) कृत्य ने रेगुलेटर के प्रति पूर्ण अवहेलना दिखाई, जो उनके पद पर बैठे व्यक्ति के लिए पूरी तरह से अनुचित है।
सेबी ने 29 अक्टूबर को इरोज इंटरनेशनल मीडिया लिमिटेड के मामले में अपनी जांच का पालन न करने और पूरी और समय पर जानकारी उपलब्ध कराने में विफल रहने के लिए 17 एंटिटी पर कुल 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। रेगुलेटर ने 17 एंटिटी पर प्रत्येक पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। यह मामला इरोज इंटरनेशनल मीडिया लिमिटेड (EIML) और स्पाइसी एंटरटेनमेंट एंड मीडिया लिमिटेड (SEML) के साथ-साथ अन्य संबंधित एंटिटी के बीच समझौतों से संबंधित कथित वित्तीय गड़बड़ियों और मिस-मैनेजमेंट से जुड़ा है।