इंडियन स्टॉक मार्केट (Stock Market) ने दशहरे का तोहफा निवेशकों को दिया है। 4 अक्टूबर (मंगलवार) को मार्केट जबर्दस्त तेजी के साथ बंद हुए। अमेरिकी स्टॉक मार्केट (US Stock Market) में 3 अक्टूबर को आई शानदार तेजी का असर घरेलू बाजारों पर पड़ा। सबसे ज्यादा उछाल बैंकिंग शेयरों (Banking Shares) में आया। BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 2.25 फीसदी यानी 1,276.66 अंक चढ़कर 58,065.47 अंक पर पहुंच गया। NSE का 50 शेयरों वाला निफ्टी (NIFTY) भी 2.29 फीसदी यानी 386.95 की तेजी के साथ 17,274 अंक पर बंद हुआ। 5 अक्टूबर को शेयर बाजार में दशहरा की छुट्टी है।
इंडियन मार्केट में पिछले कुछ हफ्तों से काफी उतार-चढ़ाव दिखा है। मार्केट एक कदम आगे बढ़ाने के बाद दो कदम पीछे बढ़ाता है। हालांकि, अमेरिकी शेयर बाजारों के मुकाबले इंडियन मार्केट में कम गिरावट देखने को मिली है।
इंडसइंड के शेयरों में 5.25 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली। दूसरी तिमाही में बैंक के एडवान्सेज में 18 फीसदी ग्रोथ का असर इसके शेयरों पर पड़ा। महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर 11.43 फीसदी तक चढ़ गए। Bajaj Finance, L&T, Axis Bank और SBI के शेयरों में 3 से लेकर 2 फीसदी का उछाल आया। ICICI Bank का शेयर 2.32 फीसदी उछला, HDFC Bank के शेयर में 3.04 फीसदी की तेजी आई।
सेक्टर में निफ्टी पीएसयू बैंक सूचकांक 2.97 फीसदी उछला। निफ्टी मेटल 3.13 फीसदी मजबूत बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 50 और स्मॉलकैप 50 में क्रमश: 3.10 फीसदी और 2.01 फीसदी की तेजी आई।
इन वजहों से बाजार में आई तेजी:
विदेशी बाजारों से मजबूत संकेत
अमेरिकी शेयर बाजार 3 अक्टूबर को बहुत मजबूत बंद हुए थे। डाओ जोंस 2.66 फीसदी चढ़कर बंद हुआ था। S&P 500 भी 2.59 फीसदी चढ़ा था। Nasdaq में 2.27 फीसदी की मजबूती आई थी। पिछले कई हफ्तों में पहली बार अमेरिकी मार्केट में ऐसी मजबूती दिखी। इसका असर 4 अक्टूबर को इंडिया सहित दूसरे एशियाई बाजारों पर पड़ा।
डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती
डॉलर के मुकाबले रुपये में 4 अक्टूबर को मजबूती देखने को मिली। यह सोमवार के बंद स्तर के मुकाबले 0.25 फीसदी की मजबूती के शाथ 81.67 के स्तर पर खुला। इस साल डॉलर के मुकाबले दुनिया की प्रमुख करेंसी में बड़ी गिरावट आई है। हालांकि, येन और यूरो के मुकाबले रुपया कम गिरा है। पिछले कुछ सत्रों में बााजार में आई गिरावट में रुपये का बड़ा हाथ रहा है। इसलिए डॉलर के मुकाबले रुपये में तेजी से बाजार ने राहत की सांस ली है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडियन इकोनॉमी की सेहत अच्छी है। यही वजह है कि इस बार दुनिया के दूसरे बाजारों खासकर अमेरिकी बाजार के साथ इंडियन मार्केट कदम से कदम मिलाकर चलता नजर नहीं आ रहा है। अमेरिकी बाजारों के मुकाबले इंडियन स्टॉक मार्केट में काफी कम गिरावट आई है। अमेरिका और यूरोप सहित जहां दुनिया की बड़ी इकोनॉमी में ग्रोथ घट रही है। इधर, इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ सबसे तेज बनी हुई। इसलिए अगर अमेरिका में मंदी आती है तो उसका सीमित असर घरेलू अर्थव्यवस्था पर पड़ने के आसार हैं।