Share Market Crash: मिडिल ईस्ट में तनाव के बीच शेयर बाजार सोमवार 16 अप्रैल को शुरुआती कारोबारी में भर-भराकर गिर गए और कारोबार के अंत में सेंसेक्स 845 अंकर गिरकर 73,399.78 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 247 अंक टूटकर 22,272.50 पर रहा। इस गिरावट के चलते बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप एक झटके में करीब 6 लाख करोड़ रुपये गिरकर 394.68 पर आ गया। ईरान और इजराइल के बीच जंग ने निवेशकों के सेंटीमेंट को कमजोर कर दिया है। ऑयल एंड गैस को छोड़कर, बीएसई के बाकी सभी सेक्टरोल इंडेक्स लाल निशान में चले गए हैं। आइए जानते हैं कि शेयर बाजार में आज गिरावट के 5 प्रमुख कारण क्या रहे।
1. ईरान और इजराइल के बीच जंग
अधिकतर मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का मुख्य कारण ईरान-इजराइल युद्ध है। इस जंग के चलते ग्लोबल लेवल पर अनिश्चितताएं बढ़ गई, जिसके चलते निवेशक बाजार से पैसे खींच रहे हैं। ईरान और इजराइल के बीच जंग की शुरुआत सीरिया में स्थित एक ईरानी दूतावास पर हमले से हुई। ईरान ने 1 अप्रैल को हुए इस हमले के पीछे इजराइल का हाथ बताया। इस हमले में ईरान के 2 जनरल सहित 7 लोग मारे गए। इसके 2 हफ्ते बाद अब ईरान ने इजराइजल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए हैं। यह पहला मौका है, जब ईरान ने इजराइज के खिलाफ सीधी सैन्य कार्रवाई की है। आशंका जताई जा रही है आने वाले दिनों में इजराइल भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है।
ईरान और इजराइल के बीच जंग अगल लंबा चला, तो क्रूड ऑयल के दाम बढ़ सकते हैं। फिर क्रूड ऑयल के दाम 90 डॉलर प्रति बैरल के पास हैं। बाजार को डर है कि जंग के चलते पूरे मिडिल ईस्ट में क्रूड से जुड़ा यातायात प्रभावित हो सकता है। हालांकि अभी राहत की बात यह ईरान की ओर से छोड़े गए 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलों में से 99% को इजराइल हवा में ही नष्ट करने में सफल रहा और अभीतक जानमाल का नुकसान न्यूनतम रहा है।
अमेरिकी डॉलर में लगातार मजबूती जारी है। डॉलर इंडेक्स 106 के करीब पहुंच गया है। भारतीय रुपया भी सोमवार को शुरुआती कारोबार में छह पैसे की गिरावट के साथ 83.44 प्रति डॉलर पर रहा। इसके अलावा अमेरिका में महंगाई के आंकड़े भी अर्थशास्त्रियों के अनुमानों से अधिक रहे हैं, जिससे ब्याज दरों में जल्द कटौती की संभावना कमजोर हुई है।
4. भारत-मॉरीशस टैक्स समझौता
भारत ने मॉरीशस के साथ डबल टैक्सेशन अवॉयडेंस एग्रीमेंट (DTAA) में संशोधन किया है, जिससे टैक्स में छूट के दुरुपयोग और चोरी को रोका जा सके। इस समझौते में एक 'प्रिसंपल परपज टेस्ट (PPT)' नाम का क्लॉज जोड़ा गया है, जो कहता है कि अगर व्यक्ति या संस्था ने जिस टैक्स बचाने के उद्देश्य से लेनदेन या समझौता किया है, तो उस पर DTAA की शर्ते लागू नहीं होंगी। इसे मॉरीशस के रास्ते भारतीय शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले FPI के लिए एक झटका माना जा रहा है।
मिडिल ईस्ट तनाव बढ़ने के बाद ग्लोबल मार्केट्स में भी बिकवाली देखी गई है। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को लाल निशान में बंद हुए थे। वहीं एशियाई बाजारों में जापान का निक्की225, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में कारोबार कर रहे थे।