Share Market Today: भारतीय शेयर बाजार आज 8 सितंबर को अपनी शुरुआती बढ़त गंवाने के बाद लगभग सपाट बंद हुए। आईटी और FMCG शेयरों में मुनाफावसूली ने बाजार को दिन के ऊपरी स्तर से खींच लिया। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली से मार्केट का सेंटीमेंट कमजोर हुआ। इसके चलते सेंसेक्स दिन के हाई से करीब 400 अंक टूट गया।
कारोबार के अंत में, बीएसई सेंसेक्स 76.54 अंक यानी 0.09% बढ़कर 80,787.30 पर बंद हुआ। दिन के दौरान यह 460 अंक चढ़कर 81,171.38 के ऊपरी स्तर तक पहुंचा गया था। NSE निफ्टी भी 32.15 अंक यानी 0.13% बढ़कर 24,773.15 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी 24,800 के पार निकल गया था।
शेयर बाजार में दोपहर बाद दिखी इस बिकवाली के पीछे 3 बड़े कारण रहे-
1) आईटी शेयरों में मुनाफावसूली
अमेरिका के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो के एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद आईटी कंपनियों के शेयरों में तेज मुनाफावसूली देखने को मिली। निफ्टी आईटी इंडेक्स अपनी सारी बढ़त खोकर लगभग 1 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। पीटर नवारो ने अपनी पोस्ट में विदेशी रिमोट वर्करों पर टैरिफ लगाने की बात दोहराई गई। इससे भारतीय आईटी एक्सपोर्ट पर असर की आशंका बनी और निवेशकों ने बिकवाली की।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, “शेयर बाजार शुरुआती बढ़त को कायम नहीं रख पाया। आखिर में हुई बिकवाली से साफ है कि फिलहाल बाजार में ‘बाय ऑन डिप्स, सेल ऑन रैलीज’ रणनीति चल रही है। ऑटो शेयरों में जीएसटी कटौती के बाद डिमांड रिकवरी की उम्मीद पर तेजी रही, वहीं आईटी सेक्टर में ग्लोबल अनिश्चितताओं के चलते दबाव दिखा।”
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने शुक्रवार को 1,304.91 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। लगातार जारी इस बिकवाली का असर बाजार की धारणा पर पड़ा और तेजी सीमित रही। जुलाई महीने से अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से करीब 1 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की है। सिर्फ सितंबर महीने में अब तक वे करीब 5600 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं।
3) कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव सोमवार को 1.88% चढ़कर 66.73 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया। भारत जैसे बड़े तेल खरीदार देशों के लिए यह बढ़ोतरी इंपोर्ट बिल बढ़ा सकता है और महंगाई के मोर्चे पर भी दबाव डाल सकता है। इस चिंता ने भी निवेशकों को सतर्क कर दिया।
टेक्निकल एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च SVP, अजीत मिश्रा ने कहा, “शेयर बाजार में मौजूदा खींचतान तब तक खत्म नहीं होगी, जब तक निफ्टी 25,000 के ऊपर निर्णायक रूप से ब्रेकआउट नहीं करता। नीचे की ओर 24,400 से 24,600 का दायरा मजबूत सपोर्ट रहेगा। ट्रेडर्स को बैंकिंग और आईटी शेयरों पर नजर रखनी चाहिए। वहीं दूसरे सेक्टर्स में रोटेशनल तेजी के मौके भी बन रहे हैं।”
डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।