गिरावट पर खरीदारी की स्ट्रेटेजी में भरोसा रखने वाले निवेशकों के चेहरे पर खुशी है। सिर्फ कुछ दिन पहले की बात है। अमेरिकी इकोनॉमी के रिसेशशन (मंदी) जाने की आशंका जताई जा रही थी। येन में कैरी-ट्रेड की अनवाइंडिंग से फाइनेंशियल मार्केट्स बेदम दिख रहा था। इंटरेस्ट रेट बढ़ाने के बैंक ऑफ जापान के फैसले से हालात बेहद खराब दिख रही थी। अमेरिका में अनुमान से पहले इंटरेस्ट रेट में कमी की बातें हो रही थीं। फिर से, अमेरिकी इकोनॉमी मजबूत दिख रही है। रोजगार के नए आंकड़ों ने यूएस इकोनॉमी पर मंडरा रहे मंदी के बादल को धकेल दिया है। बैंक ऑफ जापान ने कहा है कि वह इंटरेस्ट रेट्स नहीं बढ़ाएगा। अमेरिका में जल्द इंटरेस्ट रेट घटने की उम्मीद कमजोर पड़ गई है। एक बार फिर से बुल्स मजबूत दिखने लगे हैं।
अब भी सावधानी बरतने की सलाह
इसके बावजूद फिलहाल सावधानी बरतने में नुकसान नहीं है। अमेरिकी इकोनॉमी (US Economy) में सुस्ती है। नई नौकरियों के डेटा इसका संकेत देते हैं। ऐसा लगता है कि बैंक ऑफ जापान (Bank of Japan) ने इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का फैसला इसलिए बदला है क्योंकि इससे येन में कैरी ट्रेड (Yen Carry trade) की अनवाइंडिंग से फाइनेंशियल मार्केट पर दबाव बना गया था। अमेरिका में इंटरेस्ट रेट जल्द घटने की चर्चा भले ही कमजोर पड़ गई है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स का अब भी मानना है कि फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) जल्द इंटरेस्ट रेट में कमी को लेकर आक्रामक रुख दिखा सकता है।
स्मॉलकैप में की जा सकती है मुनाफावसूली
मार्केट में आई हालिय गिरावट के दौरान दूसरे बाजारों के मुकाबेल निफ्टी का प्रदर्शन अच्छा था। इंडियन मार्केट्स में शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी कम नहीं हुई है। लेकिन, मनीकंट्रोल से बातचीत में देविना मेहरा ने भले ही मार्केट में बड़ी गिरावट से इनकार किया है, लेकिन कुछ बातों को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने यह भी कहा है कि निवेशकों को स्मॉलकैप स्टॉक्समें कुछ मुनाफावसूली कर लेनी चाहिए, क्योंकि मार्केट का सेंटिमेंट बदलने पर उन्हें बेचना मुश्किल हो जाएगा।
बीएसई के शेयर 8 अगस्त को 8.4 फीसदी उछाल के साथ 2,599 रुपये पर बंद हुए। BSE के पहली तिमाही के नतीजे अच्छे आए हैं। बुल्स का कहना है कि बीएसई का ऑपरेटिंग मार्जिन रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। मैनेजमेंट का मानना है कि यूनिफॉर्म ट्रांजेक्शन की वजह से रेवेन्यू में कमी आएगी। नए प्रोडक्ट्स लॉन्च, रिटेल पार्टिसिपेशन में वृद्धि और मार्केट को लेकर पॉजिटिव आउटलुक के शेयरों की वैल्यूएशन हाई बनी रह सकती है।
पीबी फिनेटक के शेयर 8 अगस्त को 2.1 फीसदी की कमजोरी के साथ 1,481 रुपये पर बंद हुए। कंपनी के पहली तिमाही के नतीजें अच्छे रहे हैं। बुल्स का कहना है कि ऑनलाइन इंश्योरेंस में कंपनी की हिस्सेदारी 90 फीसदी है, जो काफी ज्यादा है। PB Fintech कस्टमर इंगेजमेंट और क्लेम सर्विसिंग पर निवेश बढ़ा रही है। डिजिटल इंश्योरेंस में अच्छी ग्रोथ की संभावना दिख रही है। मार्जिन भी बढ़ने के आसार है। उधर, बेयर्स की दलील है कि इंश्योरेंस की सेल्स घट सकती है। बाजार में प्रतियोगिता बढ़ रही है। रेगुलेशन में बदलाव हो सकता है। इसका असर कंपनी की बाजार हिस्सेदारी और बारगेनिंग पावर पर पड़ेगा।
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कमिंस के शेयर 8 अगस्त को 0.6 फीसदी की कमजोरी के साथ 3,726 रुपये पर बंद हुए। बुल्स का कहना है कि कमिंस के मैनेजमेंट का आउटलुक नियर टर्म को लेकर पॉजिटिव है। इंडिया में बढ़ते पूंजीगत खर्च को देखते हुए मीडियम और लॉन्ग टर्म में भी कंपनी के लिए कोई दिक्कत नहीं दिख रही है। बेयर्स का कहना है कि कॉस्ट बढ़ने और प्रोडक्ट्स की ऊंची कीमतों का असर वॉल्यूम ग्रोथ और मार्जिन पर पड़ सकता है।