SEBI ने कहा है कि वह किसी स्टॉक के फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस की लिस्ट में शामिल होने की शर्तों पर फिर से विचार करेगा। इससे बाजार अनुमान लगा रहा है कि यह Avenue Supermarts के आखिरकार इस लिस्ट में जगह बनाने का संकेत है। 7 अगस्त को मार्केट से जुड़े WhatsApp ग्रुप में इस बारे में काफी चर्चा रही। दरअसल, यह चर्चा पिछले महीने से ही जारी है। Short Call ने इस बारे में बताया था। अब तक एवेन्यू सुपरमार्ट्स का एफएंडओ की लिस्ट से बाहर होना मार्केट के लिए निराशाजनक रहा है। पैसिव फंड मैनेजमेंट के आलोचकों की दलील है कि यह इस बात का सबूत है कि अयोग्य (Undeserving) कंपनियां बेंचमार्क सूचकाकों का हिस्सा बन रही हैं, जबकि बुनियादी रूप से मजबूत कंपनियों की अनदेखी हो रही है।
अच्छे प्रदर्शन के बाद भी देल्हीवेरी को लेकर जोश नहीं
Delhivery जून तिमाही में अपने लॉसेज काफी हद तक घटाने में सफल रही है। लेकिन, बाजार में अभी इस स्टॉक को लेकर जोश नहीं दिख रहा है। इसकी एक संभावित वजह यह हो सकती है कि इनवेस्टर्स की नजरें देल्हीवेरी के प्रदर्शन की जगह सेक्टर के डायनेमिक्स पर हैं। अभी निवेशकों के चुनाव करने के लिए इस सेक्टर में कुछ अच्छी लॉजिस्टिक्स कंपनियां हैं। इसके अलावा Delhivery की ग्रोथ के आंकड़े इतने स्ट्रॉन्ग नहीं हैं कि निवेशक इसमें पैसा लगाने को मजबूर हो जाए।
लॉजिस्टिक्स सेक्टर में कई बेहतर विकल्प
Morgan Stanley के मुताबिक, देल्हीवेरी का रेवेन्यू अनुमान से कम रहा। हालांकि, एक्सप्रेस पार्सल बिजनेस में वॉल्यूम और रेवेन्यू ने चौंकाया है। दूसरे सेगमेंट्स ने निराश किए हैं। इसकी वजह यह है कि दूसरी लॉजिस्टिक्स कंपनियों के डेटा बेहतर रहे हैं। इन कंपनियों के शेयरों ने मार्च के निचले स्तर से अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन, साल दर साल आधार पर करीब प्रमुख लॉजिस्टिक्स कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन ठीक-ठीक रहा है। इनमें Blue Dart, VRL, Mahindra, Snowman, Gati और Transport Corporation शामिल हैं। इसलिए इनवेस्टर्स लॉजिस्टिक्स कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग को लेकर सावधानी बरत रहे हैं।
टाटा केमिकल्स की बदली कमेस्ट्री
Tata Chemicals की पहली तिमाही के नतीजों पर मार्केट पहले ही रिएक्शन दे चुका है। पिछले साल सोडा एश की कीमतों को लेकर पॉजिटिव आउटलुक देखने को मिला था। अब स्थिति बदल रही है। नवंबर के मध्य से शेयरों के प्रदर्शन को देखने से इसका पता चलता है। सिक्योरिटीज लेंडिंग और बॉरोइंग विंडो में इस शेयर में ओपन पॉजिशंस इस महीने की शुरुआत में करीब 17.5 लाख शेयरों का था, जो घटकर करीब 14 लाख पर आ गया है। इससे इस शेयर में बेयरिश आउटलुक का संकेत मिलता है।
बीते दो महीनों में MOIL के शेयरों में 20 फीसदी से ज्यादा तेजी आई है। पिछले कुछ दिनों में इस स्टॉक में ट्रेडिंग वॉल्यूम बहुत ज्यादा रहा है, जो असामान्य है। कंपनी के सीएमडी अजीत कुमार सक्सेना ने सीएनबीसी-टीवी18 को 7 अगस्त को बताया कि उनकी कंपनी को ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन इस साल करीब 35 फीसदी रहने की उम्मीद है। कंपनी ने इस साल वॉल्यूम में 20 फीसदी ग्रोथ का टारगेट तय किया है। उन्होंने यह भी बताया कि मैंगनीज के इंपोर्ट वॉल्यूम में कमी आई है।