कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ सुस्त पड़ने के बावजूद इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशन हाई बनी हुई है। उधर, आईपीओ मार्केट में भी हलचल है। रिटेल इनवेस्टर्स मुनाफा कमाने के लिए आईपीओ में पैसे लगा रहे हैं। न सिर्फ घरेलू निवेशक बल्कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की दिलचस्पी भी आईपीओ में दिख रही है। एसजी की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल विदेशी निवेशकों ने आईपीओ में 6 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश किया है। यह 2021 के बाद से सबसे ज्यादा है। एसएमई आईपीओ ने जिस तरह का रिटर्न दिया है, उससे लोग यह समझने लगे हैं कि यह फटाफट मुनाफा कमाने का सबसे अच्छा जरिया है। इस साल बीएसई का एसएमई आईपीओ इंडेक्स 136 फीसदी चढ़ा है। यह इस दौरान सेंसेक्स में आई 14 फीसदी की तेजी के मुकाबले बहुत ज्यादा है।
रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल के आईपीओ (IPO) को करीब 5,000 करोड़ रुपये की बोली मिली। यह इश्यू करीब 420 गुना सब्सक्राइब हुआ। इस कंपनी के यामाहा के सिर्फ दो शोरूम हैं। इसके सिर्फ 8 एंप्लॉयीज हैं। कंपनी का बिजनेस काफी छोटा है और इसे लॉस भी हुआ है। यह अपवाद नहीं है। ऐसी कई दूसरी कंपनियों के आईपीओ में भी निवेशकों की दिलचस्पी दिखी है, जो कर्ज के बोझ से दबी हुई है या जिनके बिजनेस को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। SEBI ने इसी वजह से एमएसएमई आईपीओ को लेकर निवेशकों को सतर्क किया है। मार्केट रेगुलेटर का मानना है कि कुछ प्रमोटर्स निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बिजनेस को लेकर सुनहरी तस्वीर पेश कर रहे हैं। अगर आप भी आईपीओ में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो पहले कंपनी के बारे में ठीक से जान लें।
Gulf Oil Lubricants India
रेलटेल का शेयर 2 सितंबर को 1.46 फीसदी की तेजी के साथ 497.95 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी को 'नवरत्न' का दर्जा मिल गया है। बुल्स का कहना है कि अब RailTel अब 1,000 करोड़ रुपये तक का निवेश सरकार की मंजूरी के बगैर कर सकेगी। नवरत्न कंपनियों को अपने नेटवर्थ का करीब 15 फीसदी किसी खास प्रोजेक्ट के लिए ऐलोकेट करने की इजाजत है। यह कंपनी के लिए अच्छा है। उधर, बेयर्स का कहना है कि इस सरकारी कंपनी की ऑर्डरबुक में नॉन-रेलवे प्रोजेक्ट्स की ज्यादा हिस्सेदारी है, जबकि रेलवे से जुड़े प्रोजेक्ट्स की हिस्सेदारी सिर्फ 22 फीसदी है। इसके अलावा कंपनी ने यह भी कहा है कि FY25 की पहली तिमाही में इसने जो प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं, उनमें मार्जिन कम है।
यह भी पढ़ें: Buzzing Stocks: मेडी असिस्ट से लेकर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स तक, आज इन 10 शेयरों पर निवेशक रखें नजर
ग्लोबस स्पिरिट्स के शेयरों में 2 सितंबर को 3.8 फीसदी उछाल आया। शेयर 1,114 रुपये पर बंद हुए। मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड ने इस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदी है। बुल्स का कहना है कि Globus Spirits ने अच्छी ग्रोथ दिखाई है। इसका रेवेन्यू 3,000 करोड़ को पार कर गया है। इसका ऑपरेटिंग मार्जिन 20 फीसदी से ज्यादा है। आईएमएफएल सेगमेंट में इसकी स्थिति बेहतर होने से इसके मुनाफा कमाने की क्षमता बढ़ी है। उधर, बेयर्स की दलील है कि ऑपरेटिंग मार्जिन 12 फीसदी से नीचे जाने का मतलब है कि कंपनी के मुनाफे पर असर पड़ेगा। प्रोजेक्ट्स में देर, बढ़ती कॉस्ट और रेगुलेशन में बदलाव का असर कंपनी की फाइनेंशियल स्टैबिलिटी पर पड़ सकता है।