Short Call: इस वजह से FIIs की बिकवाली का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, जानिए Aurobindo Pharma और Muthoot Finance क्यों सुर्खियों में हैं

चीन के मार्केट में तेजी की वजह से अगर विदेशी निवेशक इंडियन मार्केट्स में बिकवाली करते हैं तो इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि रिटेल इनवेस्टर्स की खरीदारी स्ट्रॉन्ग बने रहने की उम्मीद है। पिछले कुछ समय से मार्केट में आई तेजी में घरेलू निवेशकों का बड़ा हाथ रहा है

अपडेटेड Oct 03, 2024 पर 11:19 AM
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चीन के स्टॉक मार्केट्स में तेजी और जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने का असर इंडियन स्टॉक मार्केट्स पर पड़ता दिख रहा है।
     
     
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    इस साल करीब 50 फीसदी उछाल के बाद निफ्टी ऑटो इंडेक्स में गिरावट दिख सकती है। सितंबर में पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल्स में सुस्ती दिखी है। निफ्टी ऑटो इंडेक्स की तेजी पर ब्रेक लग सकता है। चीन के स्टॉक मार्केट्स में तेजी और जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने का असर इंडियन स्टॉक मार्केट्स पर पड़ता दिख रहा है। विदेशी निवेशक इंडियन मार्केट्स में बिकवाली बढ़ा सकते हैं। लेकिन, रिटेल इनवेस्टर्स बाजार में हर गिरावट पर खरीदारी करने के लिए तैयार हैं। इससे मार्केट पर विदेशी निवेशकों की बिकवाली का ज्यादा असर नहीं दिखेगा।

    मार्क मोबियस जैसे दिग्गज निवेशक ने भी इंडियन मार्केट्स को लेकर पॉजिटिव राय जताई है। उनका कहना है कि चीन में अगर कंपनियां सरकार की तरफ से दबाव का सामना करती हैं तो इससे चीन के स्टॉक मार्केट्स में आई तेजी नहीं टिकेगी।

    Aurobindo Pharma

    अरबिंदो फार्मा के शेयर 1 अक्टूबर को 1.13 फीसदी गिरकर 1,422 रुपये पर बंद हुए थे। इसकी वजह यूएसएफडीए का ऑब्जर्वेशन है। उसने Aurobindo Pharma की इकाई Apitoria की एपीआई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को लेकर 10 ऑब्जर्वेशन दिए हैं। ब्रोकरेज फर्म यूबीएस सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अरबिंदो फार्मा का अमेरिका और यूरोप के जेनेरिक्स मार्केट में काफी ज्यादा एक्सपोजर है। इससे कंपनी की अर्निग्स ग्रोथ कम रही है। हाई बेस पर अच्छी ग्रोथ हासिल करने के लिए कंपनी को बिजनेस डायवर्सिफिकेशन पर निवेश बढ़ाना होगा। सुस्त ग्रोथ के बीच हाई वैल्यूएशन चिंता की बात है। उधर, बुल्स का कहना है कि अगले दो साल में कंपनी की ग्रोथ ज्यादा रहने की उम्मीद है, क्योंकि पेंसिलिट जी प्रोडक्शन प्लांट चालू हो गया है। कैंसर की दवा Revlimid की बंपर सफलता का लाभ कंपनी को अगले साल जनवरी तक जारी रहने की उम्मीद है। इससे कंपनी को बिजनेस डायवर्सिफेकशन पर निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी।


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    Muthoot Finance

    मुथूट फाइनेंस के शेयर में 1 अक्टूबर को 2 फीसदी गिरावट देखने को मिली। इसकी वजह आरबाई का निर्देश है। केंद्रीय बैंक ने गोल्ड लोन कंपनियों को लोन के प्रोसेस पर विचार करने को कहा है। उन्हें कमियों को दूर करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है। जेफरीज ने कहा है कि आरबीआई के निर्देश का Muthoot Finance सहित गोल्ड लोन कंपनियों पर पड़ेगा। सख्त नियमों का असर उनकी ग्रोथ पर पड़ सकता है। लेकिन, मुथूट फाइनेंस जैसी बड़ी गोल्ड लोन कंपनियों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। उधर, बेयर्स की दलील है कि आरबीआई के निर्देश गोल्ड लोन कंपनियों से जुड़े सेंटिमेंट पर पड़ेगा। इसके अलावा, गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर पहुंच जाने के बावजूद गोल्ड लोन कंपनियों के शेयरों में ज्यादा उछाल नहीं आया है।

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