इस साल करीब 50 फीसदी उछाल के बाद निफ्टी ऑटो इंडेक्स में गिरावट दिख सकती है। सितंबर में पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल्स में सुस्ती दिखी है। निफ्टी ऑटो इंडेक्स की तेजी पर ब्रेक लग सकता है। चीन के स्टॉक मार्केट्स में तेजी और जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने का असर इंडियन स्टॉक मार्केट्स पर पड़ता दिख रहा है। विदेशी निवेशक इंडियन मार्केट्स में बिकवाली बढ़ा सकते हैं। लेकिन, रिटेल इनवेस्टर्स बाजार में हर गिरावट पर खरीदारी करने के लिए तैयार हैं। इससे मार्केट पर विदेशी निवेशकों की बिकवाली का ज्यादा असर नहीं दिखेगा।
मार्क मोबियस जैसे दिग्गज निवेशक ने भी इंडियन मार्केट्स को लेकर पॉजिटिव राय जताई है। उनका कहना है कि चीन में अगर कंपनियां सरकार की तरफ से दबाव का सामना करती हैं तो इससे चीन के स्टॉक मार्केट्स में आई तेजी नहीं टिकेगी।
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मुथूट फाइनेंस के शेयर में 1 अक्टूबर को 2 फीसदी गिरावट देखने को मिली। इसकी वजह आरबाई का निर्देश है। केंद्रीय बैंक ने गोल्ड लोन कंपनियों को लोन के प्रोसेस पर विचार करने को कहा है। उन्हें कमियों को दूर करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है। जेफरीज ने कहा है कि आरबीआई के निर्देश का Muthoot Finance सहित गोल्ड लोन कंपनियों पर पड़ेगा। सख्त नियमों का असर उनकी ग्रोथ पर पड़ सकता है। लेकिन, मुथूट फाइनेंस जैसी बड़ी गोल्ड लोन कंपनियों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। उधर, बेयर्स की दलील है कि आरबीआई के निर्देश गोल्ड लोन कंपनियों से जुड़े सेंटिमेंट पर पड़ेगा। इसके अलावा, गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर पहुंच जाने के बावजूद गोल्ड लोन कंपनियों के शेयरों में ज्यादा उछाल नहीं आया है।