स्टॉक मार्केट 30 अगस्त को लगातार 12वें दिन तेजी के साथ खुले। निफ्टी 50 नई उंचाई पर पहुंच गया है। स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों का प्रदर्शन बेंचमार्क सूचकांकों (निफ्टी 50 और सेंसेक्स) से अच्छा रहा है। घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) और गैर-संस्थागत निवेशक उन शेयरों को खरीद रहे हैं, जो विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) और प्रमोटर्स बेच रहे हैं। बीते पांच सालों की बात करें तो दिसंबर 2019 से जून 2014 के बीच निफ्टी 50 में प्रमोटर्स की औसत शेयरहोल्डिंग 240 बेसिस प्वाइंट्स घटी है, जबकि एफआईआई की शेयरहोल्डिंग 120 बेसिस प्वाइंट्स कम हुई है। उधर, निफ्टी 50 में घरेलू संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 460 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ी है। रिटेल पार्टिसिपेशन भी बढ़ा है। लेकिन, इसकी रफ्तार डीआईआई के मुकाबले कम रही है।
प्रमुख सूचकांकों के लगातार उंचाई के नए रिकॉर्ड बनाने से यह संकेत मिलता है कि मार्केट घरेलू निवेशकों (Domestic Investors) की बदौलत चढ़ रहा है। इसमें बड़े संस्थागत निवेशकों (Institutional Investors) के साथ ही आपके और हमारे जैसे छोटे निवेशक भी शामिल हैं। ऐसे में जो लोग मार्केट में करेक्शन का इंतजार कर रहे थे, वे हाथ मलते नजर आ रहे हैं। निवेशक पहले की तरह शानदार रिटर्न कमा रहे हैं। यह एक लूप जैसा बन गया है। निवेशक मार्केट में कैश इनवेस्ट कर रहे हैं। मार्केट चढ़ रहा है और फिर फटाफट मुनाफा कमाने के लिए नए निवेशक मार्केट में आ रहे हैं।
एचसीएल टेक के शेयरों में 29 अगस्त को 2 फीसदी तेजी आई। ये 1,51.85 रुपये पर बंद हुए। HCL Tech ने हाल में इनवेस्टर डे पर मीडियम-टर्म में अपनी ग्रोथ स्ट्रेटेजी के बारे में बताया था। वह मार्जिन बढ़ाने और इनवेस्टमेंट के लिए कॉस्ट-सेविंग भी कर रही है। व्यापक एआई सॉल्यूशंस और नए फ्रंटियर मार्केट्स में ज्यादा हिस्सेदारी और फोकस की बदौलत आगे अच्छी ग्रोथ जारी रहने की उम्मीद है। केआईई ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में बताया है। उधर, बेयर्स की दलील है कि कंपनी के रेवेन्यू में एंप्लॉयीज की खर्च की हिस्सेदारी कोविड से पहले के लेवल से ज्यादा हो गई है। कंपनी ने कॉस्ट घटाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कॉस्ट घटाने के और उपाय करने होंगे। नुवामा ने कहा है कि अमेरिका स्लोडाउन बना हुआ है और एंप्लॉयीज के नौकरी छोड़ने का असर अर्निंग्स पर दिख सकता है।
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केईसी इंटरनेशनल के शेयर 29 अगस्त को 4 फीसदी से ज्यादा उछाल के साथ 903.30 रुपये पर हुए थे। KEC International को मिडिल-ईस्ट में 1,171 करोड़ रुपये का नया ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रिब्यूशन (T&D) ऑर्डर मिला है। इस वजह से इसके शेयरों में तेजी दिखी। बुल्स का कहना है कि स्ट्रेटेजिक डायवर्सिफिकेशन, शानदार एग्जिक्यूशन कैपेबिलिटीज और हाई ग्रोथ सेगमेंट्स पर फोकस से आगे कंपनी की ग्रोथ अच्छी रह सकती है। उधर, बेयर्स की दलील है कि एग्जिक्यूशन में देरी हो सकती है, जो एक रिस्क है। उधर, T&D मार्केट्स में स्लोडाउन है। इसके अलावा फॉरेक्स और कमोडिटीज की कीमतों में उतारचढ़ाव का असर भी रेवेन्यू और मार्जिन पर दिख सकता है।