अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व क्या सितंबर में मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक से पहले इंटरेस्ट घटाएगा? स्टॉक मार्केट में पिछले तीन सत्रों की गिरावट के बाद इस सवाल को लेकर चर्चा बढ़ गई है। हालांकि, 6 अगस्त को अमेरिकी बाजारों में गिरावट का सिलसिला थम गया। लेकिन, बाजार में सेंटिमेंट अब भी स्ट्रॉन्ग नहीं लग रहा है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि फेडरल रिजर्व को जल्द इंटरेस्ट रेट में 0.75 फीसदी कमी करना चाहिए। फिर, वह सितंबर की बैठक में भी 0.75 फीसदी की कमी कर सकता है। इससे मार्केट में सेंटिमेंट मजबूत होगा।
कैपिटल टैक्स के नियमों में बदलाव का मार्केट पर पड़ेगा कितना असर?
इधर, इंडिया में प्रॉपर्टी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (Long term capital Gains tax) को लेकर सरकार के रुख में नरमी दिख रही है। सरकार प्रॉपर्टी के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर इंडेक्सेशन (Indexation) के साथ 20 फीसदी और बगैर इंडेक्सेशन 12.5 फीसदी टैक्स का ऐलान कर सकती है। यह नियम 21 जुलाई, 2004 से पहले खरीदी गई प्रॉपर्टी पर लागू होगा। चूंकि, बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों में बदलाव का ज्यादा असर मार्केट के सेंटिमेंट पर नहीं पड़ा था। इसलिए इस बात की उम्मीद कम है कि कैपिटल गेंस टैक्स में इंडेक्सेशन का बेनेफिट बहाल होने से मार्केट पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा। आने वाले हफ्तों में बाजार की दिशा ग्लोबल मार्केट्स की स्थिति से तय होगी, जहां हालात फिलहाल अच्छे नहीं दिख रहे।
मैरिको के शेयर 6 अगस्त को 6.3 फीसदी गिरकर बंद हुए। कंपनी ने पहली तिमाही के नतीजों का ऐलान कर दिया है। बुल्स का कहना है कि Marico अपने फूड्स पोर्टफोलियो को दोगुना करना चाहती है। कंपनी अपने ग्रॉस मार्जिन प्रोफाइल में भी इम्प्रूवमेंट करना चाहती है। कोपरा की कीमतें गिरने वाली हैं, जिससे कंपनी का मार्जिन बढ़ेगा। उधर, बेयर्स की दलील है कि मैरिको के रेवेन्यू में बांग्लादेश की 12 फीसदी हिस्सेदारी है। इसका मतलब है कि बांग्लादेश में अगर स्थिरता जल्द नहीं लौटती है तो मैरिको के रेवेन्यू पर खराब असर पड़ेगा।
एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का शेयर 6 अगस्त को 4.88 फीसदी गिरकर 652 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी के पहली तिमाही के नतीजे कमजोर आए हैं। इसके बाद ब्रोकरेज फर्मों ने स्टॉक्स को डाउनग्रेड किया है। LIC Housing Finance के शेयरों में सीमित तेजी की संभावना दिख रही है। बुल्स का कहना है कि मैनेजमेंट ने FY25 में लोन की ग्रोथ डबल डिजिट में रहने की उम्मीद जताई है। कंपनी के मार्जिन पर दबाव दिखा है। लेकिन मैनेजमेंट का कहना है कि मार्जिन में और कमी नहीं आएगी, क्योंकि ज्यादा यील्ड वाले सेगमेंट में क्रेडिट फ्लो बढ़ने की संभावना है। उधर, बेयर्स की दलील है कि होम लोन मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। इसका असर लोन डिस्बर्सल पर पड़ेगा। एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का ज्यादातर लोन फ्लोटिंग रेट वाला है। इससे RBI के इंटरेस्ट रेट घटाने का असर कंपनी की अर्निंग्स पर पड़ सकता है।
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Prestige Estates Projects
प्रेस्टिस एस्टेट्स के शेयर 6 अगस्त को 2 फीसदी के उछाल के साथ 1,655 रुपये पर बंद हुए। एक्सिस सिक्योरिटीज ने Prestige Estates के शेयरों को कवर करना शुरू किया है। उसने इसके शेयरों को खरीदने की सलाह दी है। बुल्स का कहना है कि कंपनी ने सबसे अच्छा प्री-सेल्स हासिल किया है। यह एन्युटी प्रोजेक्ट्स पर 10,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है, जिससे इसे FY28 से 3,300 का कैश फ्लो हासिल होगा। कंपनी दिल्ली जैसे मार्केट्स में भी धीरे-धीरे कारोबार का विस्तार कर रही है। इससे कंस्ट्रेशन रिस्क घटेगा। बिजनेस का विस्तार करने से कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़ सकता है। डिमांड या रेवेन्यू में अगर कमी आती है तो इसका कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ पर खराब असर पड़ेगा।