पिछले पांच कारोबारी सत्रों में निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 3.2 फीसदी तक गिर चुका है, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में लगभग 4 फीसदी की गिरावट आई है। बेंचमार्क निफ्टी और सेंसेक्स में भी गिरावट देखने को मिली है, इनमें लगातार छह सत्रों से गिरावट का दौर जारी है। इस दौरान, सेंसेक्स में 2.73 फीसदी और निफ्टी में 2.52 फीसदी की गिरावट आई है। विश्लेषकों का मानना है कि निफ्टी स्मॉलकैप, मिडकैप इंडेक्सों में गिरावट का कारण मुनाफावसूली और कुछ लॉन्ग पोजीशनों की निकासी हो सकती है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रुचित जैन ने कहा, "यह गिरावट एक बुलिश मार्केट के भीतर का करेक्शन प्रतीत होती है। इसलिए,यह करेक्शन पोजीशनल ट्रेडरों और निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर बन सकती है। हालांकि,स्विंग ट्रेडिंग के नजरिए से यह एक कठिन दौर हो सकता है और इसलिए, कड़ा पोजीशनल रिस्क मैनेजमेंट करना चाहिए और ट्रेंड रिवर्सल का इंतजार करना चाहिए।"
अमेरिका द्वारा 1 अक्टूबर से ब्रांडेड या पेटेंटेड दवाओं के आयात पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद स्मॉलकैप सेगमेंट में फार्मा शेयरों को भारी नुकसान हुआ। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स के 100 में से केवल 13 शेयर ही हरे निशान में बंद हुए । न्यूलैंड लैबोरेटरीज और नैटको फार्मा के शेयरों में कल इंट्राडे में 4 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई।
ट्रस्टलाइन होल्डिंग्स की फाउंडर और सीईओ एन अरुणागिरी ने कहा "हालांकि निफ्टी जैसे बेंचमार्क इंडेक्सों में जल्द ही कोई मजबूत बढ़त देखने को नहीं मिलेगी, लेकिन स्मॉल और मिड-कैप शेयरों में मौके नजर आ रहे हैं। इस सेगमेंट में आई हालिया कमज़ोरी ने उन निवेशकों के लिए अच्छे मौके बना दिए हैं जो क्विलिटी शेयरों पर फोकस करते हैं। यह इंडेक्स के पीछे भागने वाला बाजार नहीं है। यह एक ऐसा बाजार है ब्रॉडर मार्केट के चुनिंदा शेयरों में निवेश के मौके दिख रहे हैं। हमारा मानना है कि यह लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए बहुत अच्छा मौका है। उन निवेशकों के लिए बहुत अच्छे मौके हैं जो स्मॉल और मिड-कैप सेक्टर की फंडामेंटली मज़बूत कंपनियों की पहचान करने के लिए बॉटम-अप नजरिया अपनाने को तैयार हैं।"
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