Small-Midcap Stocks: स्मॉलकैप-मिडकैप शेयरों में तेज गिरावट, कई स्टॉक्स 5% तक लुढ़के, ये हैं बड़े कारण
Small-Midcap Stocks: स्मॉलकैप और मिडकैप कंपनियों के शेयरों में आज 16 दिसंबर को तेज गिरावट देखने को मिली। ऊंचे वैल्यूएशन को लेकर बढ़ती चिंता के बीच निवेशकों ने इन शेयरों में मुनाफावसूली का रास्ता अपनाया। दोपहर करीब 11:50 बजे, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 0.7 फीसदी गिरकर 17,305 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। इसके साथ ही इस इंडेक्स में पिछले 3 दिनों से जारी तेजी पर आज ब्रेक लग गया
Small-Midcap Stocks: मिडकैप इंडेक्स में सबसे ज्यादा दबाव PB फिनटेक के शेयरों पर देखने को मिला
Small-Midcap Stocks: स्मॉलकैप और मिडकैप कंपनियों के शेयरों में आज 16 दिसंबर को तेज गिरावट देखने को मिली। ऊंचे वैल्यूएशन को लेकर बढ़ती चिंता के बीच निवेशकों ने इन शेयरों में मुनाफावसूली का रास्ता अपनाया। दोपहर करीब 11:50 बजे, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 0.7 फीसदी गिरकर 17,305 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। इसके साथ ही इस इंडेक्स में पिछले 3 दिनों से जारी तेजी पर आज ब्रेक लग गया।
निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स भी कारोबार के दौरान 0.8 फीसदी से ज्यादा टूटकर 59,716.60 पर पहुंच गया और इसमें लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई।
ब्रॉडर मार्केट की यह कमजोरी मुख्य बेंचमार्क इंडेक्सों पर भी दिखी। निफ्टी करीब 140 अंक यानी 0.5 फीसदी से ज्यादा फिसलकर 25,886 के आसपास कारोबार करता दिखा। वहीं सेंसेक्स करीब 473 अंकों यानी लगभग 0.6 फीसदी की गिरावट के साथ 84,734 के स्तर तक आ गया।
क्यों गिर रहे स्मॉल-मिडकैप शेयर
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्मॉल और मिडकैप शेयरों में आई यह गिरावट जोखिम लेने की क्षमता में आई कमी का नतीजा है। विभावंगल अनुकूलकरा के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर सिद्धार्थ मौर्या के मुताबिक, ऊंचे वैल्यूएशन और ग्लोबल अनिश्चितताओं के बीच किसी नए पॉजिटिव संकेत की कमी ने निवेशकों को आक्रामक मुनाफावसूली के लिए प्रेरित किया है। उनके अनुसार, यह गिरावट लंबी अवधि के फंडामेंटल्स के कमजोर होने का संकेत नहीं है, बल्कि हालिया तेजी के बाद सामान्य स्तरों पर लौटने की प्रक्रिया का हिस्सा है।
वहीं Wealth1 की बिजनेस हेड चार्मी शाह का कहना है कि मिडकैप शेयरों में आगे भी तेजी की संभावना बनी हुई है, लेकिन मौजूदा वैल्यूएशन को देखते हुए सतर्कता जरूरी है। उन्होंने बताया कि मिडकैप शेयर इस समय एक साल के फॉरवर्ड अर्निंग्स के करीब 25.79 गुना पर ट्रेड कर रहे हैं, जो उनके 10 साल के औसत 23.31 गुना से काफी ऊपर है।
इसके अलावा, बेंचमार्क इंडेक्स में तेजी के बावजूद कई मिडकैप शेयर व्यक्तिगत स्तर पर संघर्ष कर रहे हैं, जिससे इंडेक्स और ब्रॉडर मार्केट के बीच अंतर साफ दिखाई देता है। उन्होंने निवेशकों को अगले तीन से छह महीनों में चरणबद्ध तरीके निवेश की सलाह दी और 4-5 साल के लंबे निवेश नजरिए के साथ मजबूत फंडामेंटल और सेक्टर टेलविंड वाली कंपनियों पर फोकस करने को कहा।
टेक्निकल नजरिए से बोनान्जा के सीनियर टेक्निकल रिसर्च एनालिस्ट कुनाल कांबले का मानना है कि मिडकैप शेयर अभी भी शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग के लिए उचित हैं, लेकिन सख्त स्टॉप-लॉस के साथ। उनका कहना है कि जैसे-जैसे इंडेक्स अपने ब्रेकआउट टारगेट के करीब पहुंच रहा है, वैसे-वैसे चुनिंदा शेयरों में मुनाफावसूली और सावधानी बरतना जरूरी हो जाता है।
इन मिडकैप शेयरों में दिखी सबसे अधिक गिरावट
मिडकैप इंडेक्स में सबसे ज्यादा दबाव PB फिनटेक के शेयरों पर देखने को मिला। पॉलिसीबाजार की पैरेंट कंपनी के शेयर 5 फीसदी से ज्यादा टूटकर करीब 1,822 रुपये पर आ गए। इसके अलावा Swiggy और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के शेयरों में करीब 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
भारत डायनेमिक्स और इंडियन बैंक के शेयर 2 फीसदी से ज्यादा टूटे, जबकि SBI कार्ड, नायका, बीएसई, पेटीएम, NMDC, यूपीएल, प्रेस्टिज एस्टेट्स, HDFC AMC, HUDCO और गोदरेज प्रॉपर्टीज जैसे कई अन्य शेयरों में भी करीब 2 फीसदी तक की कमजोरी देखने को मिली।
इन स्मॉलकैप शेयरों में दिखी सबसे अधिक गिरावट
स्मॉलकैप सेगमेंट में ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयर सबसे ज्यादा नुकसान में रहे और यह 4 फीसदी से ज्यादा गिरकर 35.79 रुपये पर आ गए। NBCC और हिंदुस्तान कॉपर के शेयरों में करीब 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
इसके अलावा रेडिको खेतान, न्यूलैंड लैबोरेटरीज, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, जूपिटर वैगन्स और देवयानी इंटरनेशनल जैसे शेयर 2 फीसदी से ज्यादा टूटे, जबकि रेडिंगटन, HBL इंजीनियरिंग, डेटा पैटर्न्स, NCC, अनंत राज और BEML सहित कई अन्य शेयरों में भी करीब 2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
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