Stock Markets: मार्केट से ज्यादा रिटर्न कमाना है तो स्टॉक सेलेक्शन पर फोकस बढ़ाना होगा, HDFC AMC के श्रीनिवासन राममूर्ति की सलाह

एचडीएफसी एएमसी के फंड मैनेजर श्रीनिवासन राममूर्ति का मानना है कि दूसरे देशों के मुकाबले इंडिया बेहतर स्थिति में दिख रहा है। एक्सपोर्ट्स पर इंडिया की निर्भरता कम है। ग्रोथ का आउटलुक बेहतर है। कंपनियों की बैलेंसशीट अच्छी है

अपडेटेड May 23, 2025 पर 1:26 PM
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राममूर्ति ने कहा कि मास कंजम्प्शन सेगमेंट में कुछ रिकवरी दिखी है। पिछले साल तेज गिरावट के बाद पूंजीगत खर्च भी बढ़ रहा है।

एचडीएफसी एएमसी के फंड मैनेजर श्रीनिवासन राममूर्ति का कहना है कि एक्सपोर्ट्स से जुड़े सेक्टर में रिस्क बढ़ा है। इसकी वजह सुस्त ग्लोबल ग्रोथ और करेंसी में मजबूती है। अर्निंग्स ग्रोथ भी एक समान नहीं रहेगी। ऐसे में पोर्टफोलियो से ज्यादा रिटर्न कमाने के लिए स्टॉक सेलेक्शन पर फोकस जरूरी है। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने इनवेस्टमेंट और मार्केट्स के बारे में कई बातें बताईं।

जियोपॉलिटिकल और टैरिफ पर निगाहें

राममूर्ति ने कहा कि इंडिया सहित उभरते बाजारों में विदेशी निवेशकों का निवेश इस बात पर निर्भर करेगा कि जियोपॉलिटिकल और टैरिफ को लेकर आगे किस तरह की स्थितियां रहती हैं। लेकिन, दूसरे देशों के मुकाबले इंडिया बेहतर स्थिति में दिख रहा है। एक्सपोर्ट्स पर इंडिया की निर्भरता कम है। ग्रोथ का आउटलुक बेहतर है। कंपनियों की बैलेंसशीट अच्छी है। मार्च तिमाही में कंपनियों के प्रॉफिट में ज्यादा निगेटिव चीजें नहीं दिखी हैं। इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को छोड़ दिया जाए तो बाकी सेक्टर में अर्निंग्स पहले से अच्छी रही है।


स्थिति बेहतर होने के संकेत

उन्होंने कहा कि मास कंजम्प्शन सेगमेंट में कुछ रिकवरी दिखी है। पिछले साल तेज गिरावट के बाद पूंजीगत खर्च भी बढ़ रहा है। इससे अगले साल अर्निंग्स ग्रोथ बेहतर रह सकती है। एक्सपोर्ट्स डिमांड में कमी एक बड़ा रिस्क है। मीडियम टर्म में अर्निंग्स ग्रोथ इंडिया की इकोनॉमिक ग्रोथ जितनी रह सकती है। अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी और जियोपॉलिटिकल टेंशन को लेकर चैंलेंज बना हुआ है। टैरिफ के बारे में 90 दिन का पीरियड खत्म होने के बाद ही तस्वीर साफ होगोी। टैरिफ की वजह से ग्लोबल ग्रोथ सुस्त पड़ सकती है। इनफ्लेशन बढ़ सकता है।

बेहतर रिटर्न जेनरेट करना पहला मकसद

एचडीएफसी के फंड मैनेजर ने कहा कि एसेट एलोकेशन मैनेजमेंट में हमारा पहला मकसद इनवेस्टर्स के लिए अच्छा रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न जेनरेट करना है। इसके अलावा माइक्रो इनकोनॉमिक आउटलुक, सेंटिमेंट्स और लिक्विडिटी जैसे मसलों पर भी हमारी नजरें हैं। हम इक्विटी और डेट पोर्टफोलियो बनाने के लिए बॉटम-अप फंडामेंटल एप्रोच अपना रहे हैं।

मार्केट की चाल को लेकर ट्रेंड साफ नहीं

पिछले कुछ हफ्तों में बाजार की दिशा को लेकर साफ ट्रेंड नहीं दिख रहा है। 22 मई को बीएसई सेंसेक्स और एनएसई में तेज गिरावट आई थी। लेकिन, 23 मई को मार्केट में रौनक लौट आई। सेंसेक्स दोपहर में 1.10 फीसदी यानी 889 प्वाइंट्स चढ़कर 81,837 प्वाइंट्स पर चल रहा था। Nifty 1.15 फीसदी के उछाल के साथ 24,892 अंक पर था।

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