चीन से स्टील का बढ़ता निर्यात न सिर्फ इंडियन स्टील इंडस्ट्री बल्कि ग्लोबल स्टील मार्केट के लिए एक बड़ा चैलेंज रहा है। दरअसल, चीन में स्टील की खपत घटी है, जिससे वह ज्यादा एक्सपोर्ट कर रहा है। इसका असर दुनियाभर में स्टील की कीमतों पर पड़ा है। इंडिया में स्टील कंपनियां चीन से सस्ते आयात का विरोध करती रही हैं। इसके बाद सरकार ने मामले की जांच की। फिर चीन से स्टील के आयात पर 12 फीसदी एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगा दी गई। अस्थायी समय के लिए लगाई गई इस ड्यूटी से इंडियन स्टील कंपनियों को कुछ राहत मिली है।
चीन में क्रूड स्टील के उत्पादन में कमी के संकेत
इस हफ्ते खबर आई कि चीन में अप्रैल में क्रूड स्टील (Crude Steel) के उत्पादन में मार्च के मुकाबले 7 फीसदी गिरावट आई। हालांकि, साल दर साल आधार पर उत्पादन स्थिर रहा। रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल में चीन में क्रूड स्टील का उत्पादन अनुमान से कम रहा। अप्रैल में ट्रंप के टैरिफ का असर इंडस्ट्रियल सप्लाई चेन पर पड़ा था। हालांकि, अब चीन और अमेरिका में टैरिफ को लेकर समझौता हो गया है।
चीन से निर्यात घटा तो इंडियन कंपनियों को होगा फायदा
अगर चीन में स्टील की खपत बढ़ती और उसके स्टील निर्यात में किसी वजह से कमी आती है तो यह इंडिया की स्टील कंपनियों के लिए अच्छी खबर होगी। एंटी-डंपिंग ड्यूटी की वजह से बीते कुछ महीनों में इंडिया में स्टील की कीमतों में स्थिरता दिखी है। लेकिन, स्टील की कीमतों में स्थिरता के लिए चीन में स्टील की खपत बढ़नी जरूरी है। अगर चीन में स्टील की डिमांड घटती है तो स्टील की कीमतों पर इसका असर दिख सकता है। काफी कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि चीन की स्टील माइनिंग कंपनियां डिमांड में स्लोडाउन पर किस तरह से प्रतिक्रिया जताती हैं।
आयरन ओर की कीमतों में नरमी का असर इंडियन कंपनियों पर भी
अगर आयरन ओर की कीमतों में नरमी आती है तो इसका निगेटिव असर स्टील की कीमतों पर भी पड़ेगा। इससे इंडिया में स्टील का उत्पादन करने वाली कंपनियों के लिए चैलेंज बढ़ जाएगा। खासकर इंटिग्रेटेड स्टील उत्पादकों को दिक्कत का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि उनके पास कैप्टिव आयरन ओर के सोर्स हैं। उधर, चीन में अगर स्टील के उत्पादन में बड़ी गिरावट आती है तो इसका फायदा इंडियन स्टील कंपनियों को मिल सकता है।
ग्लोबल मार्केट में स्टील की डिमांड को लेकर तस्वीर साफ नहीं
बढ़ते इंपोर्ट और कीमतों पर दबाव की वजह से इंडियन स्टील कंपनियां अपनी क्षमता तेजी से नहीं बढ़ा रही थीं। हालांकि, इंडिया में स्टील की डिमांड स्ट्रॉन्ग है। 2025 के शुरुआती 4 महीनों में खपत में 10 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। इसे संकेत के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि ग्लोबल मार्केट में स्टील की डिमांड को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। ट्रंप के टैरिफ की वजह से इस बारे में अनुमान लगाने में मुश्किल आ रही है। अगर ग्लोबल मार्केट में डिमांड बढ़ती है तो इंडियन कंपनियां उसे पूरा करने में खुशी महसूस करेंगी।
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स्टील कंपनियों के शेयरों में मिलाजुला रुख
स्टील कंपनियों के शेयरों में 21 मई को मिलाजुला रुख देखने को मिला। Tata Steel का स्टॉक 1.32 फीसदी चढ़कर 160.77 रुपये पर चल रहा था। JSW Steel के शेयर का भाव 1 फीसदी की नरमी के साथ 1,002 रुपये पर चल रहा था। SAIL के शेयर की कीमत 1.45 फीसदी चढ़कर 124 रुपये चल रही थी। Jindal Steel का स्टॉक 0.16 फीसदी की कमजोर के साथ 956 रुपये था।