Share Market Falls: इन 4 कारणों से लुढ़का शेयर बाजार, सेंसेक्स दिन के हाई से 550 अंक टूटा
Share Market Falls: भारतीय शेयर बाजारों ने सोमवार 24 नंवबर को गिरावट के साथ कारोबारी हफ्ते की शुरुआत की। आखिरी घंटे में हुई तेज बिकवाली के चलते सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने अपनी शुरुआती बढ़त गंवा दी और लाल निशान में बंद हुए। सेंसेक्स दिन के हाई से 550 अंकों तक फिसल गया। वहीं निफ्टी लुढ़ककर 26,000 के नीचे आ गया
Share Market Falls: शेयर बाजार में आज लगातार दूसरे दिन मुनाफावसूली देखने को मिली
Share Market Falls: भारतीय शेयर बाजारों ने सोमवार 24 नंवबर को गिरावट के साथ कारोबारी हफ्ते की शुरुआत की। आखिरी घंटे में हुई तेज बिकवाली के चलते सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने अपनी शुरुआती बढ़त गंवा दी और लाल निशान में बंद हुए। सेंसेक्स दिन के हाई से 550 अंकों तक फिसल गया। वहीं निफ्टी लुढ़ककर 26,000 के नीचे आ गया।
कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 85,473.47 के स्तर तक पहुंच गया था। लेकिन अंत में यह 331 अंक या 0.39 फीसदी की गिरावट के साथ 84,900.71 पर बंद हुआ। निफ्टी में भी निफ्टी 50 में भी 108 अंकों या 0.42% की गिरावट आई और यह 25,959.50 पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान यह 26,143 के स्तर तक पहुंच गया था।
आईटी को छोड़कर लगभग सभी सेक्टरोल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। सबसे अधिक गिरावट रियल्टी, बैंकिंग, मेटल, FMCG और फाइनेंशियल शेयरों में देखने को मिली। बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप भी लाल निशान में रहे।
मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शेयर बाजार में आज की इस गिरावट के पीछे 4 बड़े कारण रहे-
1. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने शुक्रवार 21 नवंबर को 1,766 करोड़ के शेयर बेचे थे, जिसका असर आज 24 नवंबर के कारोबार पर साफ दिखाई दिया। नवंबर महीने में अब तक विदेशी निवेशक करीब 13,840 करोड़ रुपये भारतीय बाजार से निकाल चुके हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने बताया कि विदेशी निवेशकों के चलते ही शेयर बाजार के सितंबर 2024 के हाई को पार करने कोशिश नाकाम रही। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने बाजार में तेजी के मोमेंटम को रोक दिया है। इसके अलावा भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी से भी बाजार में निराशा रही।
2. प्रॉफिट बुकिंग
शेयर बाजार में आज लगातार दूसरे दिन मुनाफावसूली देखने को मिली। इससे पहले पिछले 9 में से 8 दिन बाजार हरे निशान में बंद हुए थे। ऐसे में निवेशकों ने ऊंचे स्तर पर कुछ मुनाफा बुक करना शुरू किया है। इसके अलावा निफ्टी की मंगलवार को एक्सपायरी से पहले भी निवेशक सतर्क दिखाई दिए।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के प्रवेश गौर ने कहा कि इस हफ्ते बाजार को प्रभावित करने वाला कोई बड़ा घरेलू फैक्टर नहीं है। ऐसे में बाजार की निगाहें अब अमेरिका के महंगाई आंकड़ों, डॉलर इंडेक्स, ग्लोबल संकेतों और FIIs की चाल पर है। आने वाले दिनों में यही फैक्टर्स बाजार की चाल तय कर सकते हैं।
3. रुपये की रिकॉर्ड कमजोरी से निवेशकों में चिंता
भारतीय रुपया शुक्रवार को अमेरिका डॉलर के मुकाबले गिरकर 89.49 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। हालांकि RBI के संभावित हस्तक्षेप के बाद रुपये में थोड़ी रिकवरी हुई और यह 89.15 के स्तर तक आया। फिर भी यह 90 रुपये के मनोवैज्ञानिक स्तर के आसपास बना हुआ है।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने गुरुवार को रुपये की हालिया कमजोरी की वजह अमेरिकी डॉलर की अधिक डिमांड को बताया। उन्होंने कहा कि अगर भारत और अमेरिका ट्रेड डील के लिए राजी हो जाते हैं, तो यह गिरावट कम हो सकती है। उन्होंने कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, रुपये को पर्याप्त "प्रोटेक्शन" देता है।
LKP Securities के जतिन त्रिवेदी का कहना है कि, “रुपये में निकट अवधि में कमजोरी जारी रह सकती है और यह 89.20–90.00 की रेंज में रह सकता है।” CR Forex ने भी कहा कि रुपये ने 89 का स्तर निर्णायक रूप से तोड़ दिया है। ऐसे में बाजार अब 88.90–90.20 की नई रेंज तलाश रहा है।
4. ब्रेकआउट का इंतजार कर रहे निवेशक
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि शेयर मार्केट उस निर्णायक स्तर को पार नहीं कर पा रहा जिसके बाद मजबूत तेजी शुरू हो सके। जब तक ऐसा ब्रेकआउट नहीं होता, उतार-चढ़ाव जारी रहेगा।
चॉइस ब्रोकिंग ने कहा, "निफ्टी के लिए 26,000-25,900 का स्तर अहम सपोर्ट है, लेकिन 25,900 के नीचे टूटने पर तेज गिरावट आ सकती है। मौजूदा स्ट्रक्चर को देखते हुए ‘बाय-ऑन-डिप्स’ की रणनीति अभी भी अनुकूल है। हालांकि, बाजार में जारी उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए ट्रेडर्स को स्टॉप-लॉस का सख्ती से पालन करना चाहिए।"
वहीं SAMCO सिक्योरिटीज ने कहा कि निफ्टी के लिए 25,900 का स्तर ‘आर या पार" जोन बना हुआ है। ब्रोकरेज ने कहा कि, "इंडेक्स जब तक 25,900 के नीचे नहीं टूटता, तब तक कोई बड़ी कमजोरी नजर नहीं आएगी। इन रेंज के टूटने तक प्राइस एक्शन एक सीमित दायरे में ही घूमता रह सकता है।"
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