Stock Market Outlook: अगले हफ्ते कैसा रहेगा बाजार का मिजाज, ये 10 बड़े फैक्टर करेंगे तय
अगले हफ्ते शेयर बाजार में Q4 रिजल्ट्स, अमेरिका-चीन टैरिफ जंग, महंगाई और ग्लोबल डेटा जैसे 10 बड़े फैक्टर अहम रहेंगे। छुट्टियों और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बीच बाजार में उतार-चढ़ाव और सतर्कता बनी रह सकती है। आइए जानते हैं पूरी डिटेल।
अमेरिका-चीन टैरिफ से जुड़ी किसी भी नई खबर का बाजार पर सीधा असर पड़ेगा।
Stock Market Outlook: बीते सप्ताह शेयर बाजार हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ। इस दौरान बाजार में भारी उतार-चढ़ाव भी दिखा। पहले अमेरिका ने अपने सभी व्यापारिक साझेदारों पर उम्मीद से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया। इससे मार्केट में भारी गिरावट आई। लेकिन, सप्ताह के आखिर में डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों के लिए 90 दिन का टैरिफ ब्रेक देने का ऐलान किया। इससे प्रमुख इंडेक्स ने अपने ज्यादातर नुकसान की भरपाई कर ली।
अगर आने वाले हफ्ते की बात करें, तो इसमें दो छुट्टियां रहेंगी- सोमवार (14 अप्रैल) को अंबेडकर जयंती और शुक्रवार (18 अप्रैल) को गुड फ्राइडे। इससे निवेशक सतर्क रह सकते हैं, क्योंकि TCS ने उम्मीद से कमजोर तिमाही नतीजे दिए हैं। उसने यह भी माना है कि ट्रेड वॉर का असर कारोबार पर पड़ा है। अमेरिका-चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर, Q4 के कॉर्पोरेट नतीजे, महंगाई के आंकड़े, चीन की GDP ग्रोथ और यूरोपीय सेंट्रल बैंक की ब्याज दरों का फैसला- ये सभी फैक्टर बाजार को दिशा देंगे।
Religare Broking के SVP (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा कि अमेरिका-चीन टैरिफ से जुड़ी किसी भी नई खबर का बाजार पर सीधा असर पड़ेगा। वहीं, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि Q4 नतीजों और अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी से बाजार में वोलैटिलिटी बनी रहेगी। आइए जानते हैं कि अगले हफ्ते किन 10 फैक्टर से बाजार की दिशा प्रभावित होगी।
कंपनियों के कॉरपोरेट नतीजे
आने वाले सप्ताह में Q4 के कॉरपोरेट रिजल्ट का दौर जोर पकड़ लेगा। बड़ी IT कंपनियां (Infosys, Wipro) और प्रमुख बैंक (HDFC Bank, ICICI Bank) के अलावा HDFC Life Insurance, HDFC AMC, ICICI Lombard, ICICI Prudential, Tata Elxsi, Angel One, Waaree Renewables, Network 18 और Yes Bank जैसे नाम भी अपने नतीजे पेश करेंगे।
TCS के कमजोर नतीजों ने शुरुआती संकेत दे दिए हैं कि इस बार कंपनियां ट्रेड वॉर और डिस्क्रेशनरी खर्च में कटौती के कारण दबाव में रह सकती हैं।
टैरिफ से जुड़े अपडेट भी अहम
US-China ट्रेड वॉर अभी भी बाजार के मूड को तय करने वाला बड़ा फैक्टर है। भले ही ट्रंप ने 90 दिनों तक चीन को छोड़ बाकी देशों के लिए टैरिफ में राहत दी हो, लेकिन चीन ने बदले में US प्रोडक्ट्स पर 125% तक टैरिफ बढ़ा दिए हैं। ट्रंप ने चीन से आने वाले कुछ तकनीकी सामान जैसे स्मार्टफोन और कंप्यूटर को टैरिफ से छूट दी है, जिससे Apple जैसी कंपनियों को राहत मिली है।
Religare Broking के विनोद नायर के अनुसार, अगर ट्रेड वॉर और तेज हुआ तो उभरते बाजारों पर इसका बुरा असर पड़ेगा। साथ ही भारत और अमेरिका के बीच चल रही द्विपक्षीय बातचीत भी फोकस में रहेगी।
फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल का भाषण
16 अप्रैल को फेड चेयर पॉवेल का भाषण होगा, जिसमें वे मौद्रिक नीति पर आगे की रणनीति के संकेत दे सकते हैं। पिछले भाषण में उन्होंने कहा था कि फेड हालात स्पष्ट नहीं होने तक कोई बड़ा फैसला नहीं लेगा। इसके अलावा US की जॉब्स रिपोर्ट, रिटेल सेल्स और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़े भी मार्केट पर असर डालेंगे।
ECB बैठक और चीन की GDP
यूरोपियन सेंट्रल बैंक की बैठक और चीन की पहली तिमाही की GDP ग्रोथ भी वैश्विक संकेतों में अहम रहेंगी। उम्मीद है कि ECB डिपॉजिट रेट 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 2.25% कर सकता है।
वहीं, रॉयटर्स पोल के मुताबिक, चीन की GDP ग्रोथ Q1-CY25 में घटकर 5.1% रह सकती है, जो Q4-2024 में 5.4% थी। यूरोजोन की महंगाई के आंकड़े भी निवेशकों की नजर में होंगे।
भारत में महंगाई का डेटा
घरेलू मोर्चे पर, बाजार की नजर 15 अप्रैल को आने वाले मार्च महीने की महंगाई दर (CPI) पर रहेगी, जो फरवरी में 3.61% थी। विश्लेषकों का मानना है कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी के चलते महंगाई और कम हो सकती है। इससे रिजर्व बैंक को नीतिगत रुख में नरमी बरकरार रखने का मौका मिलेगा।
विनोद नायर ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि खाद्य महंगाई के ठंडा पड़ने से CPI और नीचे जा सकती है, जिससे RBI को नीतिगत राहत मिल सकती है।' इसके अलावा, 18 अप्रैल को विदेशी मुद्रा भंडार और मार्च के पैसेंजर व्हीकल बिक्री के आंकड़े जारी होंगे।
कच्चे तेल की कीमतें (Oil Prices)
कच्चे तेल की कीमतों की चाल पर भी बाजार की नजर रहेगी। बीते हफ्ते ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स करीब चार साल के निचले स्तर तक गिरने के बाद मामूली रिकवरी करते हुए सप्ताहांत पर 1.25% की गिरावट के साथ $64.76 प्रति बैरल पर बंद हुए। भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए यह अच्छी खबर है क्योंकि इससे कंपनियों की लागत और सरकार का राजकोषीय घाटा दोनों कम हो सकता है।
अब निगाहें 5 मई को होने वाली OPEC+ बैठक पर होंगी, जो क्रूड ऑयल की सप्लाई को लेकर बड़ा संकेत दे सकती है।
FII फ्लो
FII (विदेशी संस्थागत निवेशक) इस महीने अब तक शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। वे 34,641.79 करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं। इसकी बड़ी वजह ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी है। अगर FII का यह रुझान जारी रहता है, तो बाजार की तेजी सीमित रह सकती है।
हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने इस कमजोरी को काफी हद तक संतुलित किया है और अब तक 27,588.18 करोड़ रुपये की खरीदारी की है।
तकनीकी विश्लेषण (Technical View)
तकनीकी रूप से, निफ्टी 50 ने 100-सप्ताह EMA को क्लोजिंग आधार पर डिफेंड किया है। वीकली चार्ट पर लंबा बुलिश कैंडल बना है, जो पॉजिटिव संकेत है। हालांकि, इंडेक्स लगातार lower highs-lower lows पैटर्न बना रहा है और 5, 10, 20, 50 सप्ताह EMA से नीचे ट्रेड कर रहा है, जिससे शॉर्ट टर्म में कमजोरी बनी रह सकती है।
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर निफ्टी 22,900 के ऊपर निकलता है, तो 23,000-23,050 तक जा सकता है। वहीं नीचे की ओर, 22,700 और फिर 22,550 व 22,250 पर सपोर्ट है।
F&O सेगमेंट का हाल
साप्ताहिक ऑप्शंस डेटा के अनुसार, 23,000 निफ्टी के लिए अहम रेजिस्टेंस हो सकता है, जबकि 22,500 मजबूत सपोर्ट माना जा रहा है।
Call Side: सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट 23,500 स्ट्राइक पर, फिर 23,000 और 23,800 पर। सबसे ज्यादा कॉल राइटिंग 23,500 पर हुई है।
Put Side: सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट 22,500 पर, फिर 22,800 और 22,400 पर। सबसे ज्यादा पुट राइटिंग 22,800 और फिर 22,900 व 23,000 पर हुई है।
शेयर बाजार की अस्थिरता को बताने वाला India VIX 6.17% गिरावट के बावजूद 20.11 पर बंद हुआ। इससे जाहिर होता है कि बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है।
कॉर्पोरेट ऐक्शन (Corporate Action)
अगले सप्ताह जिन प्रमुख कंपनियों के डिविडेंड, बोनस, स्प्लिट या अन्य कॉर्पोरेट एक्शन होने हैं। आइए देखते हैं पूरी लिस्ट।