कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन यानी 05 सितंबर को बाजार में उतार-चढ़ाव रहा। सेंसेक्स- निफ्टी की फ्लैट क्लोजिंग हुई। सेंसेक्स 7 प्वाइंट गिरकर 80 हजार 711 पर और निफ्टी 7 प्वाइंट चढ़कर 24 हजार 741 पर बंद हुआ। मिडकैप, स्मॉलकैप इंडेक्स बढ़त पर बंद हुए। आज के बाजार में सेंसेक्स के 30 में से 16 शेयरों में बिकवाली रही तो निफ्टी के 50 में से 27 शेयरों में खरीदारी दिखी। बाजार की आगे की चाल और निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड पर बात करते हुए Fund Manager Equity ध्रुमिल शाह (Dhrumil Shah) ने कहा कि मोदी सरकार ने बड़ा राहत पैकेज दिया है। GST कट से इकोनॉमी में कंजम्पशन बढ़ेगी। GST कट से कई सेक्टर को फायदा मिलेगा। कंजम्पशन, ऑटो सेक्टर को फायदा मिलेगा। कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर के लिए भी बढ़िया है। सरकार पहले भी इनकम टैक्स में राहत दे चुकी है। कंजम्पशन बूस्ट करने के लिए ये कदम है। अगले 3–4 क्वार्टर में अर्निंग्स पर असर संभव है।
बाजार पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीने से बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बाजार पर टैरिफ का असर दिखा। GST रेट कट से मार्केट का मूड अच्छा किया। पिछले 1 साल से मार्केट रेंज-बाउंड रहा है। कंसॉलिडेशन से कई जगहों पर महंगे वैल्युएशन सुधरे है। अभी मार्केट ना बहुत सस्ता है, ना बहुत महंगा हुआ। गवर्नमेंट बेनिफिट सेक्टर्स में प्राइस बढ़ चुके हैं। कंजम्पशन, ऑटो सेक्टर पर नजर रखें। बैंकिंग, IT सेक्टर के वैल्युएशन किफायती हुए। IT सेक्टर का आउटलुक सुधरा तो निफ्टी ऊपर जा सकता है। बाजार में मॉडरेट रिटर्न की उम्मीद है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर पर राय देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 2–3 सालों में प्रीमियम कारों की सेल्स बढ़ी है। एंट्री-लेवल कारों की सेल्स में स्लोडाउन रहा। नए GST बदलाव से ये गैप भर सकता है। अब एंट्री-लेवल कारों की डिमांड बढ़ेगी। फेस्टिव सीजन में ऑटो सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। 2-व्हीलर सेगमेंट में संभावनाएं है।
पिछले 2 क्वार्टर्स में FMCG डिमांड कमजोर रही। बड़ी कंपनियों की वॉल्यूम ग्रोथ कम रही। दाम घटने से कई चीजें अफोर्डेबल होगी। खर्च कम होने से सेविंग्स बढ़ेंगी। पैसों का डायवर्सिफिकेशन होगा। एंट्री लेवल से लेकर प्रीमियम कंजम्पशन को बूस्ट मिलेगा।
Nippon India Value Fund के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि लार्ज, मिड, स्मॉलकैप - तीनों में डायवर्सिफाइड है। अंडरवैल्यूड शेयरों में निवेश करते है। शेयर्स के सही प्राइस तक पहुंचने की प्रतीक्षा करते हैं। रिकवरी है तो हाई P/E वाले स्टॉक्स भी खरीदते हैं । वैल्यू फंड्स की डिविडेंड यील्ड ज्यादा होती है। अच्छे रिटर्न के लिए लंबी अवधि तक निवेश करें। बड़ी रेंज में इन्वेस्टमेंट ऑप्शन पर फोकस रहेगा।
कमोडिटीज सेक्टर में अच्छा पोटेंशियल है। कंज्यूमर प्रोडक्ट्स में अगले 3–4 क्वार्टर में रिकवरी संभव है। फाइनेंशियल सेक्टर वैल्युएशन के हिसाब से अभी रीजनेबल है। वहीं IT सेक्टर में पॉजिटिव न्यूज से ग्रोथ की संभावना है जबकि पावर यूटिलिटी में 5 साल का स्ट्रांग ग्रोथ विजिबल है। EMS में अगले 5 साल बहुत स्ट्रांग ग्रोथ का मौका है।
कमोडिटीज को लेकर स्ट्रैटेजी? पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कई कमोडिटीज कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन के पास ट्रेड कर रही हैं। स्टील, एल्युमिनियम, कॉपर जैसी फेरस/नॉन-फेरस मेटल्स है। ग्लोबल मैक्रो सुधरे तो रैली की संभावना है। डॉलर इंडेक्स गिरा, कमोडिटीज के लिए पॉजिटिव है। कमोडिटीज में फंड का 3.5–4% वेटेज रहा।
IT सेक्टर पर अपनी नजरिया रखते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 2 सालों में ग्रोथ मॉडरेट से लो सिंगल डिजिट हुआ। अगले 2 सालों के लिए अर्निंग्स एक्सपेक्टेशन कट हुआ। EPS ग्रोथ का अनुमान पहले से काफी कम है। लार्जकैप IT के वैल्यूएशन एवरेज से नीचे रहा। सेक्टर में वैल्युएशन कंफर्ट साफ नजर आ रहा। अगले 2 साल में ग्रोथ लिमिटेड पर स्पेस इन्वेस्टेबल रहा।
वहीं कैपिटल गुड्स सेक्टर में अंडरवेट पोजिशन बना। सेक्टर के वैल्युएशन बहुत महंगे हो गए थे। पिछले 1–2 क्वार्टर्स में ऑर्डर बुक ग्रोथ मॉडरेट हुई। अभी के लिए इस सेक्टर को अवॉइड किया है। गवर्नमेंट का फोकस अब कंजम्प्शन की तरफ रहा।
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