Stock Market : बीते सप्ताह सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों में ही तेजी देखने को मिली है। इस दौरान BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 841.45 अंक या 1.42 फीसदी के लाभ में रहा। हालांकि, बीते सप्ताह सिर्फ तीन दिन ही शेयर बाजार में कारोबार हुआ है। मंगलवार (4 अप्रैल) को ‘महावीर जयंती’ और 7 अप्रैल (शुक्रवार) को ‘गुड फ्राइडे’ के मौके पर बाजार बंद रहे थे। आने वाले सप्ताह में भी शुक्रवार को डॉ बाबा साहेब अंबडकरी जयंती के अवसर पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग नहीं होगी।
एनालिस्ट्स का मानना है कि औद्योगिक उत्पादन और मुद्रास्फीति के आंकड़े, आईटी कंपनियों के तिमाही नतीजे और वैश्विक रुख से इस कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह में शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। यहां हमने ऐसे फैक्टर्स के बारे में बताया है जिनसे बाजार के प्रभावित होने की संभावना है।
इस सप्ताह आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और इन्फोसिस के तिमाही नतीजे आने हैं। दुनियाभर में मंदी को लेकर चिंता के बीच बाजार की निगाह मैनेजमेंट की टिप्पणियों पर रहेगी। टीसीएस के तिमाही नतीजे बुधवार को और इन्फोसिस के गुरुवार को आएंगे। वहीं, शनिवार को HDFC बैंक के तिमाही नतीजे जारी होंगे। रेलिगेयर ब्रोकिंग के वाइस प्रेसिडेंट-तकनीकी शोध अजित मिश्रा ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर स्थिरता की वजह से दबाव कुछ कम हुआ। अब सभी की निगाह तिमाही नतीजों पर होगी।
महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को मार्च में राहत मिलने की उम्मीद है। मार्च के सीपीआई आधारित महंगाई के आंकड़े बुधवार को आएंगे। वहीं, मार्च का थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगा का आंकड़ा शुक्रवार को जारी होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्च में सीपीआई आधारित महंगाई 6 फीसदी के स्तर से कम होने की उम्मीद है। फरवरी में खुदरा महंगाई की दर में गिरावट आई थी और यह 6.44 फीसदी रही, जबकि जनवरी में यह 6.52 फीसदी थी। वहीं, मार्च में कोर इन्फ्लेशन 5.9-6 फीसदी के आसपास रहने की संभावना है। सीपीआई इन्फ्लेशन के अलावा फरवरी के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी जारी होंगे।
अमेरिकी मुद्रास्फीति और FOMC मिनट
वैश्विक मोर्चे पर 12 अप्रैल को अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होगे। इसके साथ ही फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक के ब्योरे की घोषणा भी होनी है।कुल मिलाकर, मुद्रास्फीति पिछले महीने में 6 प्रतिशत के मुकाबले मार्च में लगभग 5.3 फीसदी तक कम होने की उम्मीद है। वहीं, कोर ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स पर उपलब्ध पूर्वानुमान के अनुसार कोर इन्फ्लेशन के लगभग 5.5 फीसदी पर स्थिर रहने की संभावना है। फरवरी में मुद्रास्फीति 6.4 प्रतिशत से घटकर 6 प्रतिशत हो गई थी।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के ब्योरे की घोषणा इस सप्ताह की जानी है, जिसका वैश्विक बाजार पर असर देखने को मिल सकता है।’’
ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा प्वाइंट
चीन की मुद्रास्फीति और अमेरिकी नौकरियों के डेटा सहित अगले सप्ताह के अन्य प्रमुख ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा प्वाइंट यहां दिए गए हैं:
FII का रूख और कच्चे तेल की कीमतें
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख के अलावा कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, डॉलर सूचकांक और अमेरिकी में बॉन्ड प्रतिफल से बाजार की दिशा तय होगी।’’
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई का निवेश सकारात्मक है। एफपीआई पिछले छह कारोबारी सत्रों में 4,738 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।
विजयकुमार ने कहा कि डॉलर सूचकांक में गिरावट और बॉन्ड प्रतिफल घटने की वजह से एफपीआई के रुख में यह बदलाव आया है। इसके अलावा हाल के दिनों में रुपया भी मजबूत हुआ है।
शैफलर इंडिया, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, वरुण बेवरेजेज, विसाका इंडस्ट्रीज, एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज और गुडलक इंडिया एक्स-डिविडेंड पर ट्रेड करेंगी, जबकि इमामी आने वाले सप्ताह में एक्स-बायबैक करेगी।