Credit Cards

चढ़ने के मुकाबले गिरने वाले शेयरों की संख्या आखिर लगातार क्यों बढ़ रही है?

फरवरी लगातार तीसरा महीना है जब एडवान्स डेक्लाइन रेशियो 1 से नीचे है। यह बताता है कि इनवेस्टर्स में आत्मविश्वास की कमी है। वे स्टॉक मार्केट की चाल को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। लार्जकैप स्टॉक्स के मुकाबले मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स पर ज्यादा दबाव है

अपडेटेड Feb 27, 2025 पर 10:22 AM
Story continues below Advertisement
सिर्फ फरवरी में ए/डी रेशियो 0.77 फीसदी गिरा है। यह मार्च 2020 के बाद सबसे कम ए/डी रेशियो है।

स्टॉक मार्केट का एक अहम डेटा निवेशकों के बीच डर बढ़ने का संकेत दे रहा है। एवरेज एडवान्स-टू-डेक्लाइन रेशियो गिरकर पांच साल के निचले स्तर पर आ गया है। मनीकंट्रोल के एनालिसिस से यह जानकारी मिली है। एडवान्स-टू-डेक्लाइन रेशियो यह बताता है कि मार्केट में चढ़ने वाले और गिरने वाले रेशियो का अनुपात क्या है। एनालिस्ट्स का मानना है कि ए/डी रेशियो में गिरावट की वजह बाजार की अनिश्चितता है। शॉर्ट-टर्म में बाजार थका हुआ दिख रहा है। सिर्फ फरवरी में ए/डी रेशियो 0.77 फीसदी गिरा है। यह मार्च 2020 के बाद सबसे कम ए/डी रेशियो है। तब यह रेशियो 0.72 पर पहुंच गया था। इसकी वजह कोरोना की वजह मार्केट में आई बिकवाली थी।

लगातार तीसरे महीने ए/डी रेशियो 1 से नीचे

यह लगातार तीसरा महीना है जब A/D रेशियो 1 से नीचे हैं। जनवरी में एवरेज रेशियो 0.9 था। दिसंबर में यह रेशियो 0.99 था। घटता A/D रेशियो इस बात का संकेत है कि ज्यादातर स्टॉक्स खासकर स्मॉल एंड मिड कैप स्टॉक्स में तेजी के मुकाबले गिरावट का रुख है। एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट (टेक्निकल) एस गांधी ने कहा, "ए/डी रेशियो में यह गिरावट मार्केट में बढ़ती अनिश्चितता का संकेत है। मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में कमजोरी है। इससे पता चलता है कि इनवेस्टर्स में सेंटिमेंट बेयरिश है। दूसरा, यह कि कम ए/डी रेशियो यह बताता है कि 'स्मार्ट मनी' या संस्थागत निवेश महंगे स्टॉक्स या कमजोर स्टॉक्स से इमर्जिंग मार्केट लीडर्स में जा रहा है।"


फरवरी में निफ्टी-सेंसेक्स में 4-4 फीसदी गिरावट

इंडियन मार्केट्स में फरवरी में काफी उतारचढ़ाव देखने को मिला है। Sensex और Nifty 50 में करीब 4-4 फीसदी की गिरावट आई है। BSE Mid और BSE Small Cap इंडेक्स 8-8 फीसदी से ज्यादा गिरे हैं। इस गिरावट की बड़ी वजह कंपनियों की कमजोर अर्निंग्स, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और मार्केट का अनिश्चित आउटलुक है। इससे निवेशकों का आत्मविश्वास घटा है।

निफ्टी और नीचे जा सकता है

चॉइस ब्रोकिंग के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट मंदर भोजाने ने कहा कि निफ्टी में अभी बेयरिश ट्रेंड है। निफ्टी अहम लेवल पर है। निफ्टी का 22,550 से नीचे जाने का मतलब है कि यह 22,400 और 22,200 की तरफ बढ़ सकता है। निफ्टी के लिए 22,800 पर बड़ा रेसिस्टेंस है। इस लेवल के ऊपर लगातार ब्रेकआउट के बाद ही नई खरीदारी देखने को मिलेगी। इससे शॉर्ट-टर्म में रिकवरी दिख सकती है।

यह भी पढ़ें: प्रभुदास लीलाधर ने Nifty के लिए 25689 का टारगेट दिया, कहा-लंबी अवधि में ये स्टॉक्स कर सकते हैं कमाल

27 फरवरी को मिलाजुला रुख

मार्केट का ओवरऑल ट्रेंड कमजोर है। 27 फरवरी को मार्केट में कारोबार की शुरुआत मिलेजुले रुख के साथ हुई। 9:51 बजे निफ्टी 4 प्वाइंट्स नीचे था, जबकि सेंसेक्स में 20 प्वाइंट्स की कमजोरी दिख रही थी। 26 फरवरी को महाशिवरात्री के मौके पर इंडियन स्टॉक मार्केट में छुट्टी थी। 27 फरवरी को चढ़ने वाले शेयरों में चोलामंडलम इनवेस्ट, श्रीराम फाइनेंस, बजाज होल्डिंग्स और बजाज फाइनेंस शामिल थे। इनमें 2 से लेकर 4 फीसदी तक तेजी देखने को मिली।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।