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प्रभुदास लीलाधर ने Nifty के लिए 25689 का टारगेट दिया, कहा-लंबी अवधि में ये स्टॉक्स कर सकते हैं कमाल

सितंबर 2024 के आखिर से मार्केट में गिरावट जारी है। इस गिरावट ने निवेशकों को परेशान कर दिया है। खासकर नए निवेशक काफी बैचेन हैं, जिन्होंने पहले कभी मार्केट में बड़ा करेक्शन नहीं दिखा है। ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर का कहना है कि इनवेस्टर्स मार्केट में गिरावट के मौके का इस्तेमाल लंबी अवधि के निवेश के लिए कर सकते हैं

अपडेटेड Feb 26, 2025 पर 10:02 AM
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प्रभुदाल लीलाधर का मानना है कि शॉर्ट-टर्म में मार्केट में उतारचढ़ाव जारी रहेगा। मार्च तिमाही के बाद बाजार में स्थिरता लौट सकती है।

अगर आप मार्केट को लेकर किसी तरह की दुविधा में हैं तो ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट से आपको मदद मिल सकती है। ब्रोकरेज फर्म ने निफ्टी 50 का बेस टारगेट 6 फीसदी घटाकर 25,689 प्वाइंट्स कर दिया है। पहले उसने 27,172 प्वाइंट्स का बेस टारगेट दिया था। उसने निफ्टी का अर्निंग्स प्रति शेयर (ईपीएस) टारगेट भी घटाया है। इसका मतलब यह है कि मार्केट में रिकवरी तो आएगी, लेकिन उसकी रफ्तार सुस्त होगी। प्रभुदास लीलाधर का कहना है कि बुल रन की स्थिति में निफ्टी का टारगेट अब 27,041 होगा। पहले उसने बुल रन की स्थिति में निफ्टी के लिए 29,263 रुपये का टारगेट दिया था।

लंबी अवधि के लिहाज से इनवेस्ट करने की सलाह

प्रभुदास लीलाधर ने 25 फरवरी को आई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इनवेस्टर्स को लंबी अवधि के लिहाज से निवेश करना चाहिए। उन्हें निवेश के लिए सोचसमझ कर शेयरों का चुनाव करना चाहिए। इससे पहले ब्रोकरेज फर्म ने 10 जनवरी को अपनी रिपोर्ट जारी की थी। तब से निफ्टी करीब 5 फीसदी गिर गया है। कमजोर कंज्यूमर डिमांड, रुपये में कमजोरी और जियोपॉलिटिकल वजहों से निफ्टी में गिरावट आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने भी बाजार पर दबाव बढ़ाया है।


लिक्विडिटी बढ़ाने के उपायों का दिखेगा असर

इस रिपोर्ट में कहा गया है, "RBI ने रुपये को गिरने से बचाने के लिए करीब 70 अरब डॉलर खर्च किए हैं। FIIs की बिकवाली से भी मार्केट में लिक्विडिटी पर दबाव बढ़ा है।" हालांकि, ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि डिमांड में धीरे-धीरे रिकवरी आने की उम्मीद है। उसने कहा है कि फूड इनफ्लेशन पीक पर पहुंच गया है। आरबीआई ने रेपो रेट घटाया है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए जिन उपायों का ऐलान किया है, उसका असर अगले तीन से छह महीनों में दिखेगा। सरकार ने इनकम टैक्स घटाया है। सरकार पूंजीगत खर्च बढ़ाने जा रही है। साथ ही धार्मिक पर्यटन से भी लिक्विडिटी पर दबाव कम होने की उम्मीद है।

FY26 की दूसरी तिमाही तक लिक्विडिटी बढ़ने की उम्मीद

प्रभुदाल लीलाधर का मानना है कि शॉर्ट-टर्म में मार्केट में उतारचढ़ाव जारी रहेगा। मार्च तिमाही के बाद बाजार में स्थिरता लौट सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की तरफ से किए गए उपायों का असर आगे दिख सकता है। इसके अलावा मानसून सामान्य रहने पर FY26 की दूसरी तिमाही में कंज्यूमर डिमांड बढ़ सकती है। इसका मतलब है कि मार्केट में हालात सामान्य होने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। तब तक निवेशकों को सावधानी बरतने की जरूरत है।

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लंबी अवधि में ये स्टॉक्स कर सकते हैं कमाल

ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि इनवेस्टर्स लंबी अवधि के लिए कैपिटल गुड्स, इंफ्रा, पोर्ट्स, न्यू एनर्जी, डेटा सेंटर, रेलवे, डिफेंस, हॉस्पिटल एंड फार्मा, एविएशन, ईकॉमर्स, ज्वैलरी और फूड सर्विसेज कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकते हैं। उसने Maruti Suzuki, ICICI Bank, Kotak Mahindra Bank, ABB India, Bharat Electronics, Interglobe Aviation, ITC और Bharti Airtel के शेयरों के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई है।

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