Tata Capital Listing: टाटा ग्रुप की NBFC टाटा कैपिटल की आखिरकार 13 अक्टूबर को शेयर बाजार में लिस्टिंग हो गई। हालांकि निवेशकों को ज्यादा खुशी हाथ नहीं लगी। शेयर 1.2 प्रतिशत प्रीमियम के साथ BSE और NSE पर 330 रुपये पर लिस्ट हुआ। इसके बाद कीमत 333 रुपये तक गई। फिर शेयर लाल निशान में आया। टाटा कैपिटल का 15,511.87 करोड़ रुपये का IPO 1.96 गुना सब्सक्राइब हुआ था। अब लिस्टिंग के बाद निवेशक क्या करें। क्या उन्हें टाटा कैपिटल के शेयर में और पैसा लगाना चाहिए, शेयर को होल्ड करना चाहिए या फिर सेलिंग करनी चाहिए? आइए जानते हैं क्या कहते हैं एक्सपर्ट...
मेहता इक्विटीज के रिसर्च एनालिस्ट, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च, प्रशांत तापसे का कहना है, "टाटा समूह के तहत टाटा कैपिटल की मजबूत ब्रांड इक्विटी, इसका डायवर्सिफाइड बिजनेस मॉडल और रिटेल, कॉरपोरेट और हाउसिंग फाइनेंस सेगमेंट्स में मजबूत मौजूदगी इसे भारत के फाइनेंशियल सर्विसेज लैंडस्केप में एक आकर्षक लॉन्ग टर्म शेयर विकल्प बनाती है।"
आगे कहा, "भारत में क्रेडिट की लगातार बढ़ रही पैठ, इकोनॉमिक फॉर्मलाइजेशन, कंज्यूमर और बिजनेस फाइनेंसिंग दोनों की बढ़ती मांग के साथ टाटा कैपिटल, निवेशकों को एनबीएफसी ग्रोथ साइकिल में भाग लेने के लिए एक भरोसेमंद और स्केलेबल विकल्प देता है। इसलिए, हमारी सलाह है कि जिन निवेशकों को शेयर अलॉट हुए हैं, वे लॉन्ग टर्म के लिए इसे होल्ड करें। जिन्हें शेयर अलॉट नहीं हुए, वे वेट एंड वॉच अप्रोच अपना सकते हैं। लिस्टिंग के बाद स्टॉक पर नजर रखें, और किसी भी बड़ी गिरावट पर निवेश करने की सोचें।"
साल का सबसे बड़ा IPO साबित हो सकता है टाटा कैपिटल IPO
टाटा कैपिटल का मार्केट कैप 1.40 लाख करोड़ रुपये है। इसका IPO साल 2025 का सबसे बड़ा IPO साबित हो सकता है। कंपनी के कुल ग्रॉस लोन जून 2025 तक 233,400 करोड़ रुपये के थे। कंपनी भारत की तीसरी सबसे बड़ी डायवर्सिफाइड NBFC होने का दावा करती है। इसका फोकस रिटेल और SME कस्टमर्स पर है। टाटा कैपिटल, टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की सहायक कंपनी है। Tata Capital अपने IPO में नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाले पैसों का इस्तेमाल प्राप्त भविष्य की पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगी। इन जरूरतों में उधार देना भी शामिल है।
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