Tata Motors के शेयर 20 जून को 7 साल की रिकॉर्ड कीमत पर पहुंच गए। कंपनी की ग्रोथ की संभावनाओं की वजह से निवेशक इस शेयर में लगातार निवेश कर रहे हैं। बीएसई में कंपनी के शेयर 3.10 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 583.30 रुपये पर बंद हुए, जो 8 सितंबर 2016 के बाद सबसे ज्यादा है।
आइए, हम जानते हैं कि कंपनी के स्टॉक क्यों तेज रफ्तार से भाग रहे हैं:
ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर के मुताबिक, देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता कंपनी (Tata Motors) ने पिछले तीन साल में अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में तकरीबन 3 गुना बढ़ोतरी की है। कंपनी ने हाल में फोर्ड का सानंद प्लांट खरीदा है। इसके साथ ही, इसकी ऑटोमोबाइल क्षमता 10 लाख यूनिट सालाना हो जाएगी।
ब्रोकिंग फर्म के एनालिस्ट के मुताबिक, प्लांट को खरीदने में कंपनी ने बेहतर रणनीति का इस्तेमाल किया है और इस वजह से डील में उसे तकरीबन 5,000 करोड़ रुपये की बचत हुई।
शोरूम और सर्विस सेंटर का बड़े पैमाने पर विस्तार
सेल्स आउटलेट के मामले में टाटा मोटर्स देश में दूसरे नंबर पर है। देशभर में उसके कुल 1,410 शोरूम हैं , जबकि 2020 में कंपनी के शोरूम की संख्या 862 थी। तीन साल पहले टाटा मोटर्स के सर्विस सेंटर की संख्या 653 थी, जो अब बढ़कर 855 हो गई है।
जेफरीज ( Jefferies) के एक्सपर्ट्स का कहना है कि टाटा मोटर्स की ब्रिटिश इकाई जगुआर लैंड रोवर (JLR) ने वित्त वर्ष 2023 में ब्रेक-इवन प्रॉडक्शन लेवल 50 पर्सेंट तक कम कर लिया है। JLR अब पूरी तरह से इलेक्ट्रिक प्लैटफॉर्म पर उतरने को तैयार है, लिहाजा कंपनी Castle Bromwich प्लांट में गाड़ियों की एसेंबलिंग का काम बंद कर सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस कदम से कंपनी को कई मोर्चों पर फायदा हो सकता है।
JLR ने अपने प्लैटफॉर्म की संख्या को 9 से घटाकर 7 कर लिया है और इलेक्ट्रिक व्हीकल रणनीति लागू होने के बाद उसका मकसद इसे और घटाकर 3 तक सीमित करना है। मांग में बढ़ोतरी और पैसेंजर व्हीकल फ्रेंचाइज में बेहतरी से कंपनी की भारतीय इकाई को फायदा मिल रहा है। टाटा मोटर्स की रणनीति SUV और बेहतर प्रॉडक्ट स्टाइल पर फोकस करने की है, ताकि कंपनी भारतीय पैसेंजर व्हीकल (PV) मार्केट की संभावनाओं का लाभ सके। जेफरीज के मुताबिक, चिप सप्लाई की मुश्किल अब दूर हो रही है और इस वजह से JLR के ऑपरेशनल और फाइनेंशियल परफॉर्मेंस में काफी सुधार देखने को मिल रहा है।