भारतीय इक्विटी बाजारों में हाल ही में आई तेजी के कारण मई में कैश मार्केट में डेली एवरेज टर्नओवर बढ़कर आठ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। ये बाजार में मजबूती और निवेशकों के बढ़ते भरोसे का संकेत है। मई में अब तक बीएसई और एनएसई कैश सेगमेंट का कुल एवरेज डेली कारोबार 1.16 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। ये सितंबर 2024 के बाद का हाइएस्ट लेवल है। इस मंथली बेसिस पर 8 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। यह कैश मार्केट टर्नओवर में बढ़त का लगातार तीसरा महीना रहा है।
फरवरी में 15 महीने के निचले स्तर से उबरने के बाद से अब तक कैश मार्केट के कुल कारोबार में 20 फीसदी से ज्यादा की बढ़त हुई है, जो ट्रेडिंग गतिविधि में मजबूत तेजी का संकेत है। कई विश्लेषकों का कहना है कि कैश मार्केट के कारोबार में हाल ही में बढ़त का एक कारण से ब्लॉक और बल्क डील में आई तेजी हो सकती है। हाल ही में हुए बड़े सौदों में टीडी पावर, स्विगी, नाइका, इंडस टॉवर, केपीआर मिल, इटरनल और विशाल मेगा मार्ट के सौदे शामिल हैं।
एसकेआई कैपिटल सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ नरिंदर वाधवा का कहना है कि टैरिफ के मोर्चे पर मिली राहत (विशेष रूप से अमेरिका-चीन, अमेरिका-भारत) और पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम से भू-राजनीतिक चिंताएं कम हुई हैं, जिससे निवेशकों के सेंटीमेंट में सुधार आया है।
मई में अब तक बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में 2.5 फीसदी से अधिक की बढ़त हुई है। ब्रॉडर मार्केट ने बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके चलते बीएसई मिडकैप 5.2 फीसदी से ज्यादा और स्मॉलकैप इंडेक्स 9 फीसदी से अधिक बढ़ा है। अप्रैल के मध्य के निचले स्तरों से, दोनों अहम बेंचमार्क इंडेक्सों में 12 फीसदी से अधिक की बढ़त हुई है। इस अवधि में बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स 15 फीसदी और 17 फीसदी से ज्यादा बढ़े हैं। ये ब्रॉडर मार्केट में आई मजबूती का संकेत है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि फरवरी के निचले स्तरों से मजबत रिकवरी आई है। भारत के बाजार बुनियादी रूप से मजबूत बने हुए हैं। इसके अलावा अहम सेक्टरो में Q4FY25 के नतीजे अनुमान से बेहतर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि एफआईआई ने नेट बायर बनकर मई की शुरुआत से 13,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इससे मार्केट के अपट्रेंड में गहराई आई है।
इस महीने मिड और स्मॉलकैप इंडेक्स ने लार्जकैप इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे बाजार में व्यापक भागीदारी भी देखने को मिल रही है। इसके अलावा, 2025 में अब तक दो बार ब्याज दरों में कटौती के माध्यम से आरबीआई की ओर से मिले लिक्विडिटी सपोर्ट ने भी मार्केट सेंटीमेंट को मजबूत करने में मदद की है।
एबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मयंक मूंदड़ा ने कहा कि मार्केट टर्नओवर में बढ़त एक अधिक व्यापक और टिकाऊ तेजी की शुरुआत हो सकती है। बेहतर होते मैक्रोज़ और बढ़ती जोखिम क्षमता से बाजार को सपोर्ट मिल रहा है।
इस बीच, दोनों एक्सचेंजों के एफएंडओ सेगमेंट में कुल एवरेज डेली टर्नओवर महीने-दर-महीने आधार पर 6 फीसदी से ज्यादा घटकर 215.72 लाख करोड़ रुपये रह गया है। इस सेगमेंट में, स्टॉक फ्यूचर्स में 22 फीसदी की तेज गिरावट देखने को मिली है।जबकि इंडेक्स फ्यूचर्स और इंडेक्स ऑप्शंस में 6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। इसके विपरीत, स्टॉक ऑप्शंस में महीने-दर-महीने 5.7 फीसदी की मामूली बढ़त हुई है।
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