प्री-ओन्ड बाइक हो, या हो लग्जरी गाड़ी, एक ऐसा प्लेटफॉर्म जहां ये सभी व्हीकल्स आप खरीद और बेच सकते हैं। सीएनबीसी-आवाज़ पर बता रहे हैं स्टार्टअप Droom के बारे में जिसने अप्रैल 2014 में शुरुआत की और आज इनका मुनाफा 200 करोड़ रुपए के पार है। इसके साथ ही जानेंगे किन सेगमेंट के स्टार्टअप्स में निवेशकों का रुझान है ।
आज की चर्चा में Droom के फाउंडर संदीप अग्रवाल और स्टार्टअप्स को गाइडेंस देने के लिए growX वेंचर्स के को-फाउंडर आशीष तनेजा सीएनबीसी-आवाज़ के साथ जुड़ गये हैं।
स्टार्टअप Droom का ऑफिस में उनके बिजनेस की झलक वर्किंग स्पेस में भी साफ दिखती है। Droom एक ऑनलाइन प्लैटफॉर्म है जहां प्रीओन्ड व्हीकल खरीदे और बेचे जा सकते हैं। कंपनी के फाउंडर संदीप अग्रवाल मानते हैं इस सेगमेंट में चुनिंदिया कंपनियां ही मौजूद हैं जिससे Droom के लिए उन्हें काफी पोटेंशियल दिखता है।
Droom की सक्सेस को आपको उनके सेल्स नंबर में साफ दिखाई देगी। कंपनी ने हर महीने 20 से 50 व्हीकल की बिक्री से शुरुआत की और आज 15 हजार से ज्यादा व्हीकल Droom के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खरीदे-बेचे जाते हैं। Droom देशभर में 900 से ज्यादा शहरों में मौजूद है। इस मजबूत नेटवर्क और बिजनेस को खड़ा करने के लिए उन्हें कई इन्वेस्टर्स से मदद मिली। हाल ही में स्टार्टअप को NBFC Xeraphin से अच्छी फंडिंग मिली है। इससे पहले सिंगापुर बेस्ड फर्म Beenext भी स्टार्टअप में निवेश कर चुका है।
Droom की कोशिश है कि सर्विस के जरिए अलग पहचान बनाई जाए। इसलिए स्टार्टअप व्हीकल के सही वैल्यू से लेकर फाइनेंसिंग की सुविधा भी देती है। इन सर्विसेस के लिए कंपनी ने Droom ऑरेंज बुक, वैल्यू Eco सर्विस और Droom क्रेडिट्स जैसे ऑनलाइन प्रोडक्ट्स लॉन्च किए हैं। Droom का दावा है कि उनके प्लेटफॉर्म पर हर साल करीब साढ़े आठ करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हो रहा है। इस वित्त वर्ष कंपनी का मुनाफा करीब 211 करोड़ रुपए रहा है, और अगले 2 साल में Droom इसे दोगुना करने की तैयारी में है।
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