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अमेरिका-चीन में टैरिफ डील से Dixon, SRF के शेयरों पर दबाव, KPR Mills 7% फिसला

2 मई को Dixon Technologies, Welspun Living और SRF के शेयर डील की खबर से दोपहर में अपने ऑल-टाइम हाई से नीचे आ गए। KPR Mills में सबसे ज्यादा गिरावट दिखी। SRF के शेयर तो गिरकर एक समय 3,000 रुपये से नीचे चले गए थे। उसके बाद रिकवरी आई

अपडेटेड May 12, 2025 पर 2:37 PM
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KPR Mills के शेयर गिरने के बाद संभलने में नाकाम रहे। 2 बजे इसका भाव 7.14 फीसदी की कमजोरी के साथ 1,213 रुपये चल रहा था।

अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर डील हो गई है। इस खबर से कई भारतीय कंपनियों के शेयरों पर बड़ा दबाव देखने को मिला है। अमेरिका और चीन के अधिकारियों के बीच स्विट्जरलैंड में 10-11 को टैरिफ को लेकर बातचीत हुई थी। इसके बाद दोनों ने डील का ऐलान किया। दोनों देश 90 दिनों के लिए एक-दूसरे के प्रोडक्ट्स पर कम टैरिफ लगाने को राजी हो गई हैं।

इन शेयरों पर दिखा दबाव

12 मई को Dixon Technologies, Welspun Living और SRF के शेयर डील की खबर से दोपहर में अपने ऑल-टाइम हाई से नीचे आ गए। KPR Mills में सबसे ज्यादा गिरावट दिखी। डिक्शन का स्टॉक सुबह में मजबूत खुला। लेकिन, 12:35 में इसमें गिरावट देखने को मिली। हालांकि 2 बजे तक यह काफी हद तक संभलने में सफल रहा। इसका भाव 4.87 फीसदी की तेजी के साथ 15,928 रुपये पर चल रहा था। वेलस्पन लिविंग का शेयर भी 12:30 बजे गिरा। लेकिन, उसके बाद इसमें रिकवरी दिखी। 2 बजे यह 2.35 फीसदी की तेजी के साथ 150 रुपये पर चल रहा था।


300 से नीचे गए थे एसआरएफ के शेयर

SRF के शेयर तो गिरकर एक समय 3,000 रुपये से नीचे चले गए थे। उसके बाद रिकवरी आई। लेकिन, KPR Mills के शेयर गिरने के बाद संभलने में नाकाम रहे। 2 बजे इसका भाव 7.14 फीसदी की कमजोरी के साथ 1,213 रुपये चल रहा था। दरअसल, अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर को देखते हुए अमेरिकी कंपनियां चीन की जगह इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग करने के रास्ते पर बढ़ रही थीं। उन्हें चीन के मुकाबले इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग में ज्यादा फायदा दिख रहा था।

यूएस-चाइन डील से इंडिया को लॉस

अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील हो जाने से दोनों देशों के बीच फिर से द्विपक्षीय व्यापार बढ़ने लगेगा। इससे जो अमेरिकी कंपनियां इंडिया आने का प्लान बना रही थी, वे अपने प्लान को रोक सकती हैं। जियोजित इनवेस्टमेंट्स के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा, "अमेरिका और चीन के बीच डील ग्लोबल इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर है। लेकिन, इंडिया के लिहाज से यह निराशाजनक है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि हमें चीन से पहले इंडिया के साथ अमेरिका की ट्रेड डील होने की उम्मीद थी।"

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मार्केट का माहौल फेवरेबल

हेलियस कैपिटल के फाउंडर समीर अरोड़ा ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच डील से ग्लोबल इकोनॉमी को फायदा होगा। हालांकि, विदेशी निवेशकों के फिर से इंडिया में निवेश शुरू करने से माहौल फेवरेबल है। इंडिया में घरेलू संस्थागत निवेशकों का निवेश भी स्ट्रॉन्ग बना हुआ है। विदेशी निवेशक अपने इनवेस्टमेंट को डायवर्सिफाय करना चाहते हैं।

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