इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स में 19 जून के कारोबार में कमजोरी देखने को मिल सकती है। फेडरल रिजर्व ने अपनी प्रमुख बेंचमार्क लेंडिंग रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, फेडरल रिजर्व का यह कदम काफी हद तक उम्मीद के मुताबिक ही रहा है। लेकिन इस फैसले से बाजारों को निराशा हुई है।
इसके अलावा किसी नए और अहम घरेलू ट्रिगर के अभाव को देखते हुए, मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि भू-राजनीतिक संकेत बाजारों दिशा तय करेंगे। लेमन मार्केट्स डेस्क के सतीश चंद्र अलूरी का कहना है निकट भविष्य में बाजार की दशा और दिशा भू-राजनीतिक घटनाएं और तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से प्रभावित रहेगी।
इसके अलावा, ईरान ने इजराइल पर एक नए हमले में कई हाइपरसोनिक मिसाइलें लॉन्च की हैं। स्टेट टीवी ने बताया कि उसकी फतेह हाइपरसोनिक मिसाइलों ने "इज़राइल की हवाई सुरक्षा छतरी को सफलतापूर्वक भेद दिया है।" इस बीच, इज़राइल की सेना ने कहा कि उसने ईरान से लॉन्च की गई नई मिसाइलों का पता लगाया है,साथ ही कहा कि उसका डिफेंस सिस्टम खतरे को रोकने के लिए काम कर रहा है।
आज सुबह कुछ देर पहले GIFT निफ्टी वायदा 70 अंक या 0.3 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,740 पर कारोबार कर रहा था। इससे सेंसेक्स-निफ्टी के कमजोर शुरुआत के संकेत मिल रहे हैं। पिछले कारोबारी सत्र में बेंचमार्क निफ्टी और सेंसेक्स में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली थी। मेटल और आईटी शेयरों में गिरावट आई थी और ब्रॉडर मार्केट में भी कमजोरी का रुख देखने को मिला था।
ग्लोबल अनिश्चितता ने ब्रेंट क्रूड की कीमतों में तेजीला दी है। यह भारत के लिए एक बड़ा निगेटिव फैक्टर है। भारत की तेल आयात पर भारी निर्भरता है। इसके अलावा, किसी भी प्रमुख घरेलू ट्रिगर के अभाव और कमजोर ग्लोबल संकेतों के चलते बाजार में वोलैटिलिटी बढ़ने की संभावना है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा,"घरेलू मैक्रो इकोनॉमिक के मजबूत आधार के साथ, बाजार का लॉन्ग टर्म मार्केट आउटलुक अच्छा बना हुआ है। बाजार की दिशा साफ होने तक निवेशक उच्च गुणवत्ता वाले लार्ज-कैप शेयरों पर फोकस कर सकते हैं।"
एनएसई के ताजे आंकड़ों के मुताबिक कल घरेलू संस्थागत निवेशकों ने एनएसई कैश सेगमेंट में 1,091 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। एफआईआई ने भी 890 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
सैमको सिक्योरिटीज के ओम मेहरा का कहना है कि तकनीकी नजरिए से देखें तो निफ्टी 25,000 अंक से नीचे कंसोलीडेट हुआ,जो ऊपरी स्तरों पर निवेशकों की हिचकिचाहट को दर्शाता है। 24,680 से नीचे का ब्रेक गिरावट को बढ़ा सकता है। जबकि 24,940 और 25,000 पर रेजिस्टेंस बना हुआ है।
निफ्टी बैंक इंडेक्स वर्तमान में बढ़ते सपोर्ट और गिरते रेजिस्टेंस के बीच फंसा हुआ है, जिससे शॉर्ट टर्म कॉन्ट्रैक्शन हो रहा है। किसी भी तरफ से आने वाला ब्रेकआउट अगले कदम को तेजी दे सकता है। बैंक निफ्टी की तत्काल रेंज 55,200 और 56,200 के बीच नजर आ रही है।
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