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अमेरिकी मार्केट में फिर तबाही, इस कारण एक दिन की राहत के बाद फिर शुरू हुई बिकवाली की आंधी

US Market Crash: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने निवेशकों को ऐसा झटका दिया है कि वर्ष 1987 के बाद से यह दूसरी बार है जब लगातार तीसरे हफ्ते निवेशकों का सेंटिमेंट इतना अधिक बेयरेश है। अमेरिकी मार्केट में तबाही का दौर जारी है और स्मॉलकैप स्टॉक्स तो बुरी तरह टूट रहे हैं। जानिए एनालिस्ट्स का क्या कहना है

अपडेटेड Mar 14, 2025 पर 9:06 AM
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US Market Crash: एक दिन की राहत के बाद एक बार फिर अमेरिकी मार्केट में तबाही शुरू हो गई। एसएंडपी 500 रिकॉर्ड हाई से 10.1 फीसदी नीचे आ चुका है।

US Market Crash: एक दिन की राहत के बाद एक बार फिर अमेरिकी मार्केट में तबाही शुरू हो गई। एसएंडपी 500 रिकॉर्ड हाई से 10.1 फीसदी नीचे आ चुका है। 19 फरवरी को यह क्लोजिंग बेसिस पर रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था और आज 1.4 फीसदी की गिरावट के साथ अब इस हाई से यह 10 फीसदी से नीचे है। डाऊ जोन्स (Dow Jones) की बात करें तो आज यह 550 प्वाइंट्स फिसला और लगातार चौथे दिन इसमें बिकवाली का दबाव रहा तो दूसरी तरफ टेस्ला (Tesla) और एपल (Apple) के शेयरों की गिरावट ने नास्डाक (Nasdaq) को 1.9 फीसदी तोड़ दिया। इस पूरे हफ्ते की बात करें तो एसएंडपी 500 इस हफ्ते अब तक 4.3 फीसदी और नास्डाक 4.9 फीसदी टूट चुका है।

इस दौरान डाऊ जोन्स 4.7 फीसदी फिसल चुका है और जून 2022 के बाद से इसके लिए यह सबसे खराब हफ्ता है। स्मॉलकैप स्टॉक्स के इंडेक्स Russell 2000 इंडेक्स की हालत और खराब है और रिकॉर्ड हाई से यह 20 फीसदी नीचे आ चुका है और 20 फीसदी की गिरावट आती है तो इसका मतलब है कि यह बेयर मार्केट में है।

इस कारण यूएस मार्केट में हुई तबाही


अमेरिकी मार्केट में इस कारण भारी तबाही हुई क्योंकि ट्रेड वार गहराने के संकेत मिले हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय वाइन, शैम्पेन और शराब के अन्य उत्पादों पर 200% टैरिफ लगाने की धमकी दी। गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने जब कहा कि वह इस हफ्ते लागू हुए स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ को वापस नहीं लेंगे और न ही वह 2 अप्रैल से लागू होने वाले रेसिप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ के फैसले से पीछे नहीं हटेंगे तो इससे मार्केट को करारा झटका लगा।

एनालिस्ट्स का क्या कहना है?

एलपीएल फाइनेंशियल के Adam Turnquist का कहना है कि टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताओं के चलते कुछ ही हफ्तों में मार्केट रिकॉर्ड हाई से करेक्शन जोन में आ गया। एडम का कहना है कि टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताओं के चलते आर्थिक वृद्धि से जुड़ी चिंताएं बढ़ी हैं। वहीं पूर्व ट्रेजरी सचिव Steven Mnuchin ने अमेरिकी मंदी की आशंका को खारिज किया और निवेशकों को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की आक्रामक कारोबारी नीतियों पर अधिक प्रतिक्रिया देने से बचने की सलाह दी है। ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ट्रंप की सरकार जब बनी तो मार्केट फुल्ली प्राइस्ड था तो एसएंडपी या नास्डाक में 5-10 फीसदी करेक्शन असामान्य नहीं है।

वहीं दूसरी तरफ बीस्पोक इंवेस्टमेंट ग्रुप के स्ट्रैटेजिस्ट्स का कहना है कि निवेसकों का सेंटिमेंट बहुत बिगड़ गया है। उन्होंने अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ इंडिविजुअल इंवेस्टर्स के हालिया वीकली पोल का हवाला दिया जिसमें सामने आया है कि लगातार तीसरे हफ्ते बेयरेश सेंटिमेंट 55 फीसदी के ऊपर रहा। स्ट्रैटेजिस्ट्स का कहना है कि वर्ष 1987 के बाद से इससे पहले सिर्फ 4 मार्च 2009 को समाप्त तीन सप्ताह में ऐसा सेंटिमेंट था।

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