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Voda Idea Shares: ब्रोकरेजेज ने घटाया टारगेट प्राइस, फिर भी 8% क्यों उछल गया वोडा आइडिया का शेयर?

Voda Idea Shares: वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही दिग्गज टेलीकॉम कंपनी वोडा आइडिया के शेयरों में आज लगातार दूसरे दिन तेजी रही। यह स्थिति तो तब है, जब कंपनी का सब्सक्राइबर बेस लगातार तीसरी तिमाही अप्रैल-जून 2025 में सिकड़ा है और ब्रोकरेज फर्मों ने इसका टारगेट प्राइस घटाया है। जानिए इसके शेयरों में तेजी की वजह क्या है?

अपडेटेड Aug 19, 2025 पर 4:10 PM
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Voda Idea Shares: पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार 14 अगस्त को एक साल के निचले स्तर पर लुढ़कने के बाद वोडा आइडिया के शेयरों की शानदार रिकवरी हुई है।

Voda Idea Shares: पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार 14 अगस्त को एक साल के निचले स्तर पर लुढ़कने के बाद वोडा आइडिया के शेयरों की शानदार रिकवरी हुई है। लगातार दो कारोबारी दिनों में आज के इंट्रा-डे हाई से यह करीब 9% रिकवर हो चुका है। इसके शेयरों में यह तेजी ब्रोकरेज फर्मों के बेयरेश रुझान के बावजूद आई है। आज की बात करें तो इंट्रा-डे में यह 8.78% उछलकर ₹6.69 के लेवल पर पहुंच गया था जो पिछले हफ्ते शुक्रवार को इंट्रा-डे में एक साल के निचले स्तर ₹6.12 से 9.31% अपसाइड है। आज बीएसई पर यह 2.01% की तेजी के साथ ₹6.59 के भाव पर बंद हुआ है। पिछले साल 29 अगस्त 2024 को बीएसई पर यह एक साल के हाई ₹16.55 पर पहुंचा था।

आखिर क्यों चढ़ रहे Voda Idea के शेयर?

एनालिस्ट्स और इंवेस्टर्स के साथ बातचीत में वोडा आइडिया ने अपने कैपिटल एक्सपेडिचर की फंडिंग के लिए अपनी योजना का खुलासा किया। इस योजना पर ही वोडाफोन आइडिया के शेयर उछल रहे हैं। वोडाफोन आइडिया के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि एडजस्टेड ग्रास रेवेन्यू (एजीआर) बकाए को लेकर अनिश्चितता के चलते लेंडर्स के साथ बातचीत रुकी हुई है तो ऐसे में कैपेक्स प्लान के लिए नॉन-बैंकिंग विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैंकों के साथ बातचीत आगे बढ़ रही है, लेकिन इसके पूरा होने में अभी और समय लग सकता है। इसके अलावा टेलीकॉम कंपनी ने औपचारिक रूप से सरकार से मार्च 2026 की समय सीमा से पहले एजीआर मामले का निपटारा करने का भी आग्रह किया है। वोडा आइडिया के सीईओ के मुताबिक इससे बैंकों को आश्वस्त करने और वित्तीय सहायता हासिल करने में मदद मिलेगी।


ब्रोकरेज क्यों है बेयरेश?

कैपिटल एक्सपेंडिचर में देरी और मार्केट शेयर में गिरावट के चलते ब्रोकरेजेज वोडा आइडिया को लेकर बेयरेश हैं। ब्रोकरेज फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने इसे फिर से होल्ड रेटिंग दी है लेकिन टारगेट प्राइस को ₹7.5 से घटाकर ₹7 कर दिया है। नुवामा का कहना है कि कर्ज मिलने में देरी का कंपनी के कारोबार पर झटका दिख रहा है। इसके अलावा एजीआर और स्पेक्ट्रम के देनदारियों पर भी नजर रखने की जरूरत है। नुवामा के मुताबिक कर्ज नहीं मिलने की स्थिति में इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कैपिटल एक्सपेंडिचर की रफ्तार सुस्त पड़ सकती है क्योंकि ऑपरेशनल कैश फ्लो निवेश में बदल जाएगा। कर्ज के लिए कंपनी सरकार की हिस्सेदारी और क्रेडिट रेटिंग में सुधार का सहारा ले रही है।

एक और घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि इक्विटी निवेश और नेटवर्क कैपेक्स में तेजी के बावजूद मार्केट में इसका दबदबा फिर घटा है। ब्रोकरेज फर्म ने इसके शेयरों का टारगेट प्राइस घटाकर ₹6 ,कर दिया है और सेल रेटिंग बरकरार रखा है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि एजीआर बकाए और कर्ज में राहत नहीं मिलने की स्थिति में कंपनी के कैपेक्स प्लान को झटका लग सकता है जिससे सब्सक्राइबर्स की संख्या और गिर सकती है।

वोडा आइडिया के लिए कैसी रही जून तिमाही?

जून तिमाही में तिमाही आधार पर वोडाफोन आइडिया का शुद्ध घाटा ₹7166 करोड़ से घटकर ₹6608 करोड़ पर आ गया। हालांकि इस दौरान कंपनी को ₹11,022 करोड़ का रेवेन्यू हासिल हुआ। ऑपरेटिंग लेवल पर बात करें तो मार्च तिमाही में ₹4659 करोड़ से ऑपरेटिंग प्रॉफिट हल्का-सा बढ़कर ₹4612 करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि ऑपरेटिंग मार्जिन लगातार तीसरी तिमाही कम हुआ है और यह दिसंबर तिमाही में 42.4% से घटकर मार्च तिमाही में 42.3% से गिरकर जून तिमाही में 41.8% पर आ गई।

सब्सक्राइर बेस की बात करें तो यह लगातार सिकुड़ रहा है और जून तिमाही के आखिरी में 19.77 करोड़ पर आ गया। हालांकि वोडाफोन आइडिया का प्रति यूजर औसतन रेवेन्यू (ARPU) पिछली तीन तिमाहियों में सिर्फ ₹2 बढ़ा है और दिसंबर महीने में 163 से बढ़कर जून तिमाही में यह ₹165 पर पहुंच गया।

अब कर्ज लेवल की बात करें तो जून तिमाही के आखिरी में कंपनी पर कर्ज ₹19300 करोड़ का रहा। वोडाफोन आइडिया ने बार-बार कहा है कि अगर सरकार से और मदद नहीं मिलती है, तो वह कारोबार जारी नहीं रख पाएगी। टेलीकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले महीने सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में कहा था कि वोडाफोन आइडिया में सरकार की हिस्सेदारी मौजूदा 49% से आगे नहीं बढ़ेगी और इसे सरकारी कंपनी बनाने का कोई इरादा नहीं है।

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