पिछले महीने नवंबर महीने में नए डीमैट खाते की ग्रोथ सुस्त पड़ी और यह सात महीने के निचले स्तर पर आ गई। डिपॉजिटरीज के नवंबर महीने के आंकड़ों के मुताबिक ओवरऑल डीमैट खाते बढ़े हैं लेकिन नए खातों की ग्रोथ स्पीड में सुस्ती आई है। नवंबर महीने में 31.7 लाख नए डीमैट खाते खुले जोकि सात महीने में सबसे कम है। अक्टूबर महीने में 33.4 लाख नए डीमैट खाते खुले थे। नवंबर महीने में जितने खाते खुले, वह जनवरी से अक्टूबर के बीच के मासिक औसतन 39.7 लाख से काफी कम है। ओवरऑल बात करें तो नवंबर के आखिरी में एनएसडीएल और सीडीएसएल के पास 18.21 करोड़ रजिस्टर्ड डीमैट खाते जोकि अक्टूबर के आखिरी में 17.89 करोड़ पर था।
मार्केट की गिरावट ने सुस्त की रफ्तार?
घरेलू ब्रोकरेज फर्म एक्सिस सिक्योरिटीज के राजेश पालवीया (Rajesh Palviya) ने नए डीमैट खातों की सुस्त रफ्तार की वजह अक्टूबर और नवंबर में मार्केट की गिरावट को बताया। उन्होंने कहा कि जब भी मार्केट में भारी गिरावट आती है तो स्टॉक मार्केट को लेकर लोगों का उत्साह ठंडा पड़ता है क्योंकि निवेशक शेयरों के बढ़ते भाव को लेकर आकर्षित होते हैं। ऐसे में मार्केट की गिरावट के बीच नए डीमैट खातों की संख्या में गिरावट आती है।
वीकली एक्सपायरी पर सेबी के लगाम ने भी दिया झटका?
बाजार के जानकारों के मुताबिक सेबी के नियमों के चलते डेरिवेटिव्स मार्केट में एक्टिविटीज कम हुई तो नए डीमैट अकाउंट्स में भी कमी आई। सेबी ने एक एक्सचेंज पर एक वीकली एक्सपायरी का नियम बना दिया जिससे बीएसई और एनएसई के कई वीकली एक्सपायरी बंद हो गए। एनएसई पर अब निफ्टी का ही वीकली एक्सपायरी है और बीएसई पर सेंसेक्स का। कई वीकली एक्सपायरी बंद होने से ऑप्शंस मार्केट में मौके कम हुए तो नए डीमैट खातों की स्पीड पर भी असर पड़ा।
नवंबर में कैश और F&O सेगमेंट में औसतन डेली टर्नओवर भी कई महीने के निचले स्तर पर आ गया। बीएसई और एनएसई पर कैश मार्केट में कुल मिलाकर औसतन डेली टर्नओवर अक्टूबर की तुलना में 7.3 फीसदी गिरकर 1.06 लाख करोड़ रुपये पर आ गई। इसमें लगातार पांचवे महीने गिरावट आई है। इसी प्रकार एफएंडओ सेगमेंट में भी इस दौरान 16 फीसदी की गिरावट के साथ टर्नओवर सात महीने के निचले स्तर 334.69 लाख करोड़ रुपये पर आ गया।
पिछले कुछ दिनों से घरेलू मार्केट में रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि नए डीमैट खातों को सपोर्ट मिलेगा और ट्रेडिंग वॉल्यूम में भी तेजी आएगी। वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के डायरेक्टर (इक्विटी स्ट्रैटेजी) क्रांति बथिनी का कहना है कि खुदरा निवेशकों की स्टॉक मार्केट में दिलचस्पी तेजी के दौरान बढ़ती है। हालांकि अब उन्होंने उम्मीद जताई है कि मौजूदा मंदी अस्थायी ही है, और अगली कुछ तिमाहियों में डीमैट खातों और ट्रेडिंग वॉल्यूम्स में मजबूत बढ़ोतरी के आसार हैं।