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रॉकेट बनने को तैयार Vedanta का शेयर? डीमर्जर से पहले या बाद में, कब करें निवेश?

Vedanta Demerger Plan: माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता (Vedanta) के कारोबार को पांच हिस्सों में बांटने का रास्ता साफ हो चुका है। इस डीमर्जर प्लान को पिछले हफ्ते 18 फरवरी को शेयरहोल्डर्स और क्रेडिटर्स की मंजूरी मिल गई। जानिए कि वेदांता के शेयरों में अभी पैसे लगाना चाहिए या डीमर्जर के बाद? डीमर्जर कब तक पूरा होगा?

अपडेटेड Feb 26, 2025 पर 7:18 PM
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वेदांता के पूरे कारोबार को पांच हिस्सों- वेदांता पावर (Vedanta Power),वेदांता ऑयल एंड गैस (Vedanta Oil & Gas), वेदांता आयरन एंड स्टील (Vedanta Iron and Steel), वेदांता एलुमिनियम (Vedanta Aluminium) और वेदांता (Vedanta) में बांटा जाएगा।

Vedanta Demerger Plan: माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता (Vedanta) के कारोबार को पांच हिस्सों में बांटने का रास्ता साफ हो चुका है। इस डीमर्जर प्लान को पिछले हफ्ते 18 फरवरी को शेयरहोल्डर्स और क्रेडिटर्स की मंजूरी मिल गई। अब इसे सरकार और नियामकों की मंजूरी लेनी बाकी है। मैनेजमेंट का अनुमान है कि डीमर्जर की पूरी प्रक्रिया अगले वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही तक पूरी हो जाएगी। पहले डीमर्जर प्लान के तहत वेदांता के पूरे कारोबार को छह अलग लिस्टेड कंपनियों में बांटना था। हालांकि इस साल की शुरुआत में कंपनी ने ऐलान किया कि वह अपने बेस मेटल्स कारोबार को अभी अलग नहीं करेगी। कंपनी ने कहा कि इस पर आने वाले समय में तब विचार किया जाएगा जब यह बिजनेस मेच्योर हो जाएगा।

क्या है डीमर्जर का पूरा प्लान?

वेदांता के पूरे कारोबार को पांच हिस्सों- वेदांता पावर (Vedanta Power),वेदांता ऑयल एंड गैस (Vedanta Oil & Gas), वेदांता आयरन एंड स्टील (Vedanta Iron and Steel), वेदांता एलुमिनियम (Vedanta Aluminium) और वेदांता (Vedanta) में बांटा जाएगा। सिल्वर और जिंक बिजेनस वेदांता के पास रहेगा। वेदांता के मौजूदा शेयरहोल्डर्स को इन पांचों कंपनियों के शेयर मिलेंगे।


क्या है ब्रोकरेज का रुझान

एमके ग्लोबल के मुताबिक वेदांता पर निवेशकों का रुझान बुलिश बना रह सकता है। इसके अलावा इसकी एलुमिनियम और पावर एंटिटीज पर भी रुझान बुलिश रह सकता है। एलुमिनियम सेगमेंट की ग्रोथ तेज दिख सकती है क्योंकि इसका फोकस कच्चे माल जैसे कि एलुमिन, कोयला और बॉक्साइट के कैप्टिव सोर्सिंग पर बढ़ रहा है जिससे इसकी उत्पादन लागत में कमी आएगी। वहीं जिंक बिजनेस पर वेदांता का नियंत्रण बना रहेगा लेकिन कॉपर बिजनेस के नॉन-ऑपरेशनल बने रहने से वैल्यूएशन पर कुछ दबाव दिख सकता है। ब्रोकरेज के मुताबिक डीमर्जर के बाद बनने वाली पांचों कंपनियों के वैल्यूएशन को मिलाने पर 2.7 लाख करोड़ रुपये की वैल्यू तैयार हो सकती है जोकि इसके मौजूदा एंटरप्राइज वैल्यू से अधिक है तो अगले छह महीने में वेदांता के शेयरों में अच्छी तेजी के आसार दिख रहे हैं। इस प्रकार अगले छह महीने में वेदांता अपने पियर्स के मुकाबले में शानदार परफॉर्म कर सकती है।

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