Share Market Falls: शेयर बाजार इन 5 कारणों से धड़ाम, सेंसेक्स 500 अंक टूटा, निफ्टी पहुंचा 25,050 के नीचे
Share Market Falls: भारतीय शेयर बाजारों में आज 24 सितंबर को लगातार चौथे दिन गिरावट देखने को मिली। कारोबार के दौरान सेंसेक्स करीब 500 अंक लुढ़क गया। वहीं निफ्टी फिसलकर 25,050 के नीचे चला गया। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और अमेरिका की अमेरिका की H-1B वीजा पॉलिसी में बदलाव से जुड़ी चिंताओं ने निवेशकों के सेंटीमेंट को कमजोर किया
Share Market Falls: फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने इक्विटी मार्केट के वैल्यूएशन पर सवाल उठाए हैं
Share Market Falls: भारतीय शेयर बाजारों में आज 24 सितंबर को लगातार चौथे दिन गिरावट देखने को मिली। कारोबार के दौरान सेंसेक्स करीब 500 अंक लुढ़क गया। वहीं निफ्टी फिसलकर 25,050 के नीचे चला गया। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और अमेरिका की अमेरिका की H-1B वीजा पॉलिसी में बदलाव से जुड़ी चिंताओं ने निवेशकों के सेंटीमेंट को कमजोर किया। इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व चेयर जेरोम पॉवेल के बयानों ने भी निवेशकों के मनोबल पर असर डाला।
सुबह 11:15 बजे के करीब, सेंसेक्स करीब 493.15 अंक या 0.60% गिरकर 81,607.84 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 138 अंक या 0.55% लुढ़ककर 25,031.50 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। सबसे अधिक गिरावट रियल्टी, ऑटो और बैकिंग शेयरों में देखने को मिली।
शेयर बाजार में आज की इस गिरावट के पीछे 6 बड़ी वजहें रहीं-
1. अमेरिकी वीजा नियमों पर सख्ती
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने H-1B वीजा के आवंटन के लिए वेतन आधारित सिस्टम लागू करने का प्रस्ताव दिया है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कदम भारतीय आईटी कंपनियों के आउटसोर्सिंग मॉडल को नुकसान पहुंचा सकता है। नए प्रस्तार के तहत ऊंचे वेतन वाले उम्मीदवारों को वीजा आवंटन में प्राथमिकता देने की बात कही गई है। जबकि भारतीय आईटी कंपनियां किफायती एच-1बी वीजा स्टाफिंग मॉडल पर निर्भर हैं।
मेहता इक्विटीज के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने कहा, "दलाल स्ट्रीट पर सेंटीमेंट दबाव में है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ और H-1B वीजा के लिए एकमुश्त 1,00,000 डॉलर की फीस का ऐलान निवेशकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।"
2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली भी शेयर बाजार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। मंगलवार को विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से कुल 3,551.19 करोड़ रुपये की निकासी की। सितंबर महीने में अब तक वे कुल 17,032 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं।
3. फेडरल रिजर्व के चेयरमैन ने वैल्यूएशन पर उठाए सवाल
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने इक्विटी मार्केट के वैल्यूएशन पर सवाल उठाए हैं, जिसके चलते निवेशक आज सतर्क दिखाई दिए। पॉवेल ने अपने बयान में कहा "हम पूरी वित्तीय स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और खुद से पूछते हैं कि क्या हमारी नीतियां वित्तीय स्थितियों को उस तरह प्रभावित कर रही हैं जैसा हम चाहते हैं। लेकिन आप सही कह रहे हैं, कई मायनों में, जैसे उदाहरण के लिए, इक्विटी का वैल्यूएशन काफी हाई है।" हांलांकि,पॉवेल ने यह भी कहा कि फेयर वैल्यूएशन या सही स्टॉक प्राइस क्या होना चाहिए, यह तय करना फेडरल रिजर्व का काम नहीं है।
जियोजित इनवेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वीके विजयकुमार का कहना है कि अब ग्लोबल स्तर पर बाजार में एक चिंता का बड़ा विषय एसेट्स की ऊंची कीमतें हैं। चाहे वे शेयर हों, सोना हो, चांदी हो या बिटकॉइन, सारे एसेट्स की कीमतें ऊंची हैं। यही चिंता फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कल अपने भाषण में जाहिर की। पॉवेल ने महंगाई और रोज़गार के जोखिमों पर भी बल दिया जिससे संकेत मिलता है कि आगे चलकर फेड की नीतियां कठोर हो सकती हैं। अमेरिकी मॉनिटरी पॉलिसी में सख्ती से विदेशी निवेशक उभरते बाजारों, खासकर भारत, से दूरी बना सकते हैं।
4. कमजोर ग्लोबल संकेत
ग्लोबल शेयर बाजारों से भी आज संकेत कमजोर रहे। एशियाई शेयर बाजारों में साउथ कोरिया का कोस्पी और जापान का निक्केई 225 इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। वॉल स्ट्रीट पर भी बीती रात कमजोरी देखने को मिली थी।
5. क्रूड ऑयल के दाम में उछाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स का भाव बुधवार को 0.28% चढ़कर 67.82 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया। भारत जैसे बड़े क्रूड खरीदार देशों के लिए तेल की कीमतों में उछाल महंगाई और चालू खाते के घाटे को बढ़ाने का जोखिम पैदा करती है।
6. भारतीय रुपये में कमजोरी
भारतीय रुपया बुधवार को 7 पैसे फिसलकर 88.80 प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया, जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है। लगातार विदेशी फंड आउटफ्लो, अमेरिकी टैरिफ और H1-B वीजा फीस बढ़ोतरी के चलते भारतीय करेंसी पर दबाव बना हुआ है।
टेक्निकल एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स का कहना है कि निफ्टी इंडेक्स के लिए 25,000 का स्तर फिलहाल निचला सपोर्ट बना हुआ है, लेकिन ऊपर की ओर 25,278 पर मजबूत रेजिस्टेंस है। जब तक निफ्टी 25,330 के ऊपर क्लोजिंग नहीं देता, तब तक इसके 24,880–24,800 की ओर गिरने का जोखिम बना रह सकता है।
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