Share Market Fall: भारतीय शेयर बाजारों में मंगलवार 14 अक्टूबर को लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों अपनी शुरुआती बढ़त गंवाकर लाल निशान में आ गए। कारोबार के दौरान सेंसेक्स करीब 500 अंकों तक टूट गया। वहीं निफ्टी फिसलकर 25,100 के नीचे आ गया था। कमजोर ग्लोबल संकेतों, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और एक्सपायरी से जुड़ी वोलैटिलिटी ने बाजार की रफ्तार धीमी कर दी।
कारोबार के अंत में, BSE सेंसेक्स 297.07 अंक या 0.36% गिरकर 82,029.98 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 81.85 अंक या 0.32% फिसलकर 25,145.50 पर बंद हुआ। बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स भी 0.95 फीसदी तक टूट गए। यहां तक कि सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
शेयर बाजार में आज की इस गिरावट के पीछे 6 मुख्य कारण रहे-
1. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने एक बार फिर से बिकवाली शुरू कर दी है। लगातार चार दिनों की खरीदारी के बाद सोमवार को उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों से 240.10 करोड़ निकाले। लगातार हो रही विदेशी बिकवाली ने घरेलू निवेशकों के सेंटीमेंट को कमजोर किया है।
2. एक्सपायरी से जुड़ी वोलैटिलिटी
मंगलवार को निफ्टी से जुड़े फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स की वीकली एक्सपायरी होती है। इसके चलते बाजार में आज उतार-चढ़ाव बढ़ गया। एक्सपायरी के दिन निवेशक डेरिवेटिव सेगमेंट में पोजिशन स्क्वायर-ऑफ करते हैं, जिसके चलते इंट्राडे में वोलैटिलिटी आमतौर पर बढ़ जाती है।
3. इंडिया VIX में बढ़ोतरी
शेयर बाजार में मौजूद घबराहट का संकेत देने वाला इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स (India VIX) मंगलवार को 3 प्रतिशत बढ़कर 11 के स्तर पर पहुंच गया, जो निवेशकों में बढ़ती चिंता को दिखाता है। आम तौर पर, VIX में बढ़ोतरी का मतलब है कि बाजार में अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव का जोखिम बढ़ गया है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशयिल सर्विसेज के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा, “फिलहाल जोखिम से बचने की प्रवृत्ति बढ़ी है। बाजार सीमित दायरे में रहेगा और आने वाले तिमाही नतीजे और ग्लोबल व्यापारिक नीतियां आगे की दिशा तय करेंगी।”
एशियाई बाजारों में भी आज बिकवाली का माहौल रहा। साउथ कोरिया का कोस्पी इंडेक्स और चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 1 प्रतिशत तक टूट गए। वहीं जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 3 प्रतिशत तक लुढ़क गए। अमेरिकी शेयर बाजारों के फ्यूचर्स भी सुबह के कारोबार में 0.5 प्रतिशत तक नीचे कारोबार कर रहे थे, जिससे ग्लोबल सेंटीमेंट कमजोर हुआ।
भारतीय रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 9 पैसे गिरकर 88.77 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। डॉलर में मजबूती और विदेशी फंडों की निकासी ने रुपये पर दबाव बढ़ाया।
6. क्रूड ऑयल के दाम में उछाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का भाव मंगलवार को 0.33 प्रतिशत बढ़कर 63.53 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। क्रूड की बढ़ती कीमतें आम तौर पर भारतीय शेयर बाजार पर नेगेटिव असर डालती हैं क्योंकि इससे महंगाई और चालू खाता घाटा (CAD) बढ़ने की आशंका रहती है।
एनालिस्ट्स का क्या है कहना?
कोटक सिक्योरिटी के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान के मुताबिक, निफ्टी के लिए अहम सपोर्ट लेवल 25,150 और 25,100 के आसपास हैं, जबकि सेंसेक्स के लिए सपोर्ट 82,000 और 81,800 पर है। उन्होंने कहा, “अगर बाजार इन स्तरों से नीचे जाता है, तो निफ्टी 25,000-24,950 और सेंसेक्स 81,500-81,300 तक फिसल सकता है। वहीं ऊपर की ओर रेजिस्टेंस 25,350-25,400 और 82,500-82,800 पर देखा जा रहा है।”
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