Share Market: शेयर बाजार में इन 6 वजहों से लौटी तेजी, सेंसेक्स 500 अंक उछला, निफ्टी पहुंचा 24,600 के पास
Share Market Rise: लगातार तीन दिनों की गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाजारों में आज 1 सितंबर को तेजी लौटती दिखाई दी। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 400 अंकों से अधिक उछल गया। वहीं निफ्टी बढ़कर 24,550 के पार पहुंच गया। स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में भी अच्छी उछाल देखने को मिली। FMCGs को छोड़कर बाकी सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। शेयर बाजार में आज की तेजी के पीछे 6 बड़े कारण रहे-
Share Market Rise: जीडीपी के मजबूत आंकड़ों के चलते बाजार का सेंटीमेंट मजबूत होता दिखा
Share Market Rise: लगातार तीन दिनों की गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाजारों में आज 1 सितंबर को तेजी लौटती दिखाई दी। सेंसेक्स कारोबार के दौरान करीब 600 अंकों तक उछल गया। वहीं निफ्टी बढ़कर 24,600 के पार पहुंच गया। स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में भी अच्छी उछाल देखने को मिली। वहीं सेक्टरोल इंडेक्स में FMCGs को छोड़कर बाकी सभी इंडेक्स भी हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। जीडीपी के मजबूत आंकड़ों के चलते बाजार का सेंटीमेंट मजबूत होता दिखा।
कारोबार के अंत में, बीएसई सेंसेक्स 554.84 अंक या 0.70 फीसदी की तेजी के साथ 80,364.49 के साथ बंद हुआ। वहीं निफ्टी 198.20 अंक या 0.81 फीसदी की छलांग लगाते हुए 24,625.05 के स्तर पर बंद हुआ।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार में आज की तेजी के पीछे 6 बड़े कारण रहे-
1. जीडीपी के मजबूत आंकड़े
शेयर बाजार में आज की तेजी के पीछे सबसे बड़ा कारण भारत की GDP के मजबूत आंकड़े रहे। भारत की इकोनॉमी अप्रैल-जून तिमाही में 7.8% की दर से बढ़ी, जो पिछले पांच तिमाहियों में सबसे ज्यादा है। GDP ग्रोथ की यह दर RBI के 6.5% अनुमान से भी कहीं ज्यादा रहा। इससे निवेशकों का भारतीय इकोनॉमी में भरोसा बढ़ा और सभी सेक्टर्स में पॉजिटिव सेंटीमेंट देखने को मिली।
चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग के सीनियर टेक्निकल एंड डेरिवेटिव एनालिस्ट्स, मंदार भोजने ने कहा, “भारत के मजबूत GDP आंकड़े इस तेजी की सबसे बड़ी वजह हैं। स्थिर ग्लोबल संकेतों और आर्थिक ग्रोथ में मजबूती के दम पर बाजार ने आज तेजी के साथ शुरुआत की।"
2. पीएम मोदी की SCO समिट में मौजूदगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों चीन के तियानजिन में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइनजेशन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल हैं। उन्होंने वहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ के बाद ग्लोबल जियोपॉलिटिक्स में इस बैठक की अहमियत काफी बढ़ गई है। इसके अलावा, भारत और चीन के रिश्तों में तनाव कम होने से भी बाजारों को कुछ उम्मीदें जगी हैं।
जियोजित इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा, "ट्रंप की आक्रामक टैरिफ पॉलिसी के जवाब में ग्लोबल राजनीति तेजी से बदल रही है। चीन, भारत और रूस के एक साथ आने से ग्लोबल शक्ति से जुड़े समीकरण और ग्लोबल ट्रेड पर व्यापक असर पड़ सकता है। इसका शेयर बाजार पर भी आज असर दिखाई दिया।"
3. अमेरिकी कोर्ट ने ट्रंप टैरिफ को अवैध ठहराया
एक अमेरिकी अपील कोर्ट ने पिछले हफ्ते डोनाल्ड ट्रंप के लगाए अधिकतर टैरिफों को अवैध बताया। हालांकि कोर्ट ने इन टैरिफों को 14 अक्टूबर तक लागू रहने का आदेश दिया है, ताकि ट्रंप प्रशासन सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील कर सके। ट्रंप ने कोर्ट के इस आदेश की आलोचना की है। उन्होंने कहा, "अगर इन टैरिफों को कभी भी हटाया गया तो, तो यह उनके देश के विनाशकारी साबित हो सकता है।"
वीके विजयकुमार ने कहा कि “कोर्ट का यह फैसला भारतीय बाजारों के लिए बड़ी राहत है, क्योंकि ट्रंप टैरिफ के चलते पहले यहां भारी गिरावट देखने को मिली थी।”
4. वैल्यू बाइंग से मिला सपोर्ट
लगातार तीन दिन की गिरावट के बाद निवेशकों की ओर से आज सोमवार को वैल्यू बाइंग यानी निचले स्तर पर खरीदारी देखने को मिली। सेंसेक्स पिछले तीनों में 1,800 अंक गिरकर 80,000 से नीचे आ गया था। वहीं निफ्टी 541 अंकों का गोता लगातार 24,500 से नीचे आ गया था।
चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग के मंदार भोजने ने बताया, "निफ्टी 50 अपने 100-DEMA से नीचे कारोबार कर रहा है, जो एक कमजोर ट्रेंड है। तकनीकी स्तर पर निफ्टी के लिए अगला सपोर्ट 24,350 और 24,150 पर है, जबकि रेजिस्टेंस 24,600–24,800 का स्तर है।"
5. आईटी शेयरों की बढ़त
आईटी कंपनियों के शेयरों में आज शानदार तेजी देखने को मिली। निफ्टी आईटी इंडेक्स कारोबार के दौरान 1.3% तक उछल गया। इंडेक्स के आज सभी 10 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। अमेरिका के PCE डेटा अनुमान के मुताबिक रहे। इससे सितंबर में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बनी हुई हैं। ब्याज दरों में कटौती से भारत जैसे उभरते बाजारों में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ सकती है।
6. जीएसटी सुधारों की उम्मीद
जीएसटी काउंसिल की आगामी 3-4 सितंबर को दिल्ली में बैठक होने वाली है। इस बैठक में जीएसटी स्ट्रक्चर को सरल बनाने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी। नए प्रस्ताव में जीएसटी में सिर्फ 5% और 18% की दो मुख्य दरें रखने का प्रस्ताव है। जबकि 12% और 28% की मौजूद दरों को खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया है। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना हैं कि यह सुधार कई सेक्टर्स को मजबूती देगा और आने वाले तिमाहियों में इससे भारतीय इकोनॉमी की ग्रोथ को भी रफ्तार मिलेगी।
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