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Share Market Crash: शेयर बाजार में क्यों मचा हाहाकार? सेंसेक्स 1390 अंक टूटकर बंद, इन 5 कारणों से आई बड़ी गिरावट

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों ने नए वित्त वर्ष की गिरावट के साथ शुरुआत की है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों आज 1 अप्रैल को बाजार खुलते ही 1% से अधिक लुढ़क गए। डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्तावित टैरिफ ऐलानों के चलते बाजार में डर का माहौल बना हुआ है। सबसे अधिक गिरावट आईटी शेयरों में देखने को मिली। कारोबार के दौरान, सेंसेक्स 1,502.94 अंक गिरकर 75,912.18 के निचले स्तर पर पहुंच गया

अपडेटेड Apr 01, 2025 पर 4:23 PM
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Stock Market Crash: क्रूड ऑयल के दाम में उछाल भी भारतीय शेयर बाजार के लिए एक नकारात्मक खबर रही

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों ने नए वित्त वर्ष की गिरावट के साथ शुरुआत की है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों आज 1 अप्रैल को बाजार खुलते ही 1 फीसदी से अधिक लुढ़क गए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्तावित टैरिफ ऐलानों के चलते बाजार में डर का माहौल बना हुआ है। सबसे अधिक गिरावट आईटी शेयरों में देखने को मिली। कारोबार के अंत में, बीएसई सेंसेक्स 1,390.41 अंक या 1.80 फीसदी की गिरावट के साथ 76,024.51 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 353.65 अंक  लुढ़ककर 23,165.70 के स्तर पर बंद हुआ।। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू करीब 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक घटकर 409.48 करोड़ रुपये पर आ गई

निफ्टी पर इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, बजाज फाइनेंस, HDFC बैंक, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, एचसीएल टेक और मारुति सुजुकी के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट रही।

शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे ये 5 बड़े कारण रहे-


1. ट्रंप की रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की योजना

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कल 2 अप्रैल को दुनिया के कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ यानी जवाबी टैरिफ लागू करने का ऐलान करने वाला है। इसके चलते भारत सहित दुनिया भर के शेयर बाजार नर्वस दिखाई दिए। ट्रंप इस दिन को अमेरिका के लिए "मुक्ति दिवस" बता रहे हैं। वह कनाडा, मैक्सिको और चीन अमेरिका के कई ट्रेडिंग पार्टनर देशों पर पहले ही टैरिफ लगा चुके हैं। साथ ही ऑटोमोबाइल, स्टील, एल्युमीनियम, तांबा, फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर और लंबर पर अतिरिक्त ड्यूटी लगाने पर विचार कर रहे हैं।

जियोजित इनवेस्टमेंट सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वी के विजयकुमार ने कहा, "दुनिया भर के शेयर बाजार इस समय ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलानों का इंतजार कर रहे हैं। वह समझना चाहते हैं कि इन टैरिफ से कौन-कौन से देश, सेक्टर्स और कंपनियां प्रभावित होंगी। टैरिफ के ऐलान के बाद ही इसके वास्तवित असर को लेकर स्पष्टता आएगी।"

2. क्रूड ऑयल के दाम में उछाल

अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम में उछाल भी भारतीय शेयर बाजार के लिए एक नकारात्मक खबर रही। ब्रेंट क्रूड का भाव 1.51 प्रतिशत उछलकर 74.74 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जिससे भारत के इंपोर्ट बिल को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें आमतौर पर घरेलू बाजारों को नुकसान पहुंचाती हैं क्योंकि भारत तेल के सबसे बड़े खरीदार देशों में से एक है।

3. अमेरिका इकोनॉमी के मंदी में जाने का जोखिम

ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने अमेरिका में मंदी आने की संभावना को बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर दिया है। पहले ब्रोकरेज ने मंदी आने का 20 प्रतिशत अनुमान जताया था। लेकिन अब उसने ट्रंप के टैरिफ ऐलानों से होने वाले संभावित आर्थिक दुष्परिणाम का हवाला देते हुए अपने अनुमानों को बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर लिया है। ब्रोकरेज ने यूरोपीय यूनियन में भी संभावित तकनीकी मंदी की भी चेतावनी दी है, जिसने ग्लोबल लेवल पर निवेशकों के सेंटीमेंट पर असर डाल सकती है।

4. विदेशी निवेशकों ने फिर शुरू की बिकवाली

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने कुछ दिनों की खरीदारी के बाद फिर से भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकालने शुरू कर दिए हैं। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 4,352.82 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे घरेलू बाजारों पर दबाव बढ़ गया।

5. हालिया तेजी के बाद मुनाफावसूली

सेंसेक्स और निफ्टी में पिछले 8 दिनों के दौरान 5.4 फीसदी की तगड़ी उछाल आई थी। इसके चलते इन दोनों इंडेक्सों का 2025 में रिटर्न पॉजिटिव हो गया था। इस तेज उछाल के बाद कई निवेशकों ने मुनाफावसूली को रास्ता अपना, जिसके चलते लार्जकैप शेयरों बिकवाली शुरू हो गई है। विजयकुमार ने बताया, "मार्च महीने में सेंसेक्स और निफ्टी ने करीब 6.3% का रिटर्न दिया। यह दुनिया के अधिकतर देशों के शेयर मार्केट्स के मुकाबले बेहतर रिटर्न था।" उन्होंने कहा कि इस तेजी के बाद मुनाफावसूली की उम्मीद थी।

शेयर बाजार में डर का संकेत देने वाला इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स भी आज कारोबार के दौरान 10 फीसदी उछलकर 13.97 पर पहुंच गया।

क्या कहता है टेक्निकल चार्ट?

जियोजित इनवेस्टमेंट्स के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट, आनंद जेम्स ने बताया, "बाजार में फिर से मजबूती लाने के लिए हमें 23,700-23,750 से ऊपर एक बड़े मूव की जरूरत है। ऐसा नहीं होता है तो हम 23,300 के टारगेट के साथ नीचे की ओर झुकाव के साथ साइडवेज ट्रेडिंग देखने को मिल सकता हैं। 23,750-23,300 रेंज से आगे ब्रेकआउट होने पर कम से कम 250 अंकों की उछाल देखने को मिल सकती है।"

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