यस बैंक ने शुक्रवार को बताया है कि उसने 15 जुलाई 2022 को अपने किए गए उस ऐलान में संशोधन किया है जिसमें कहा गया था कि वह (यस बैंक) आरबीआई से क्लियरिफिकेशन मिलने के बाद रीकंस्ट्रक्शन स्कीम 2020 से बाहर हो जाएगा।
यस बैंक ने शुक्रवार को बताया है कि उसने 15 जुलाई 2022 को अपने किए गए उस ऐलान में संशोधन किया है जिसमें कहा गया था कि वह (यस बैंक) आरबीआई से क्लियरिफिकेशन मिलने के बाद रीकंस्ट्रक्शन स्कीम 2020 से बाहर हो जाएगा।
अब 23 सितंबर को यस बैंक ने कहा है कि वह रीकंस्ट्रक्शन स्कीम 2022 से 3 साल का लॉक इन पीरियड खत्म होने के बाद निकल जाएगा। यह लॉकइन पीरियड ऐसे शेयरधारकों पर लागू है जिनके पास 75 फीसदी शेयर है। इसके अलावा यस बैंक को आरबीआई में एक कंप्लायंस सर्टिफिकेट दाखिल करना होगा जिसमें इस बात की पुष्टि करनी होगी कि उसने इस स्कीम से संबंधित सभी शर्तों को पूरा कर लिया है। इसके बाद आरबीआई इस बात का सर्टिफिकेट जारी करेगा कि बैंक ने सभी शर्तों और नियमों का पालन कर लिया है।
बतातें चलें कि यस बैंक के रिकंस्ट्रक्शन स्कीम को CDSL और NSDL जैसी डिपॉजिटरी से इस बात की पुष्टि हासिल हो गई है कि लॉकइन पीरियड में चल रहे शेयर 13 मार्च 2023 को लॉक इन से बाहर हो जाएंगे। डिपॉजिटरीज की ऑटोमेटेट सिस्टम के जरिए 12 मार्च 2023 को इन शेयरों का लॉकइन पीरियड स्वत: ही समाप्त घोषित कर दिया जाएगा।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 13 मार्च 2020 को यस बैंक के लिए एक रीकंस्ट्रक्शन स्कीम की सूचना जारी की थी। यस बैंक की वित्तीय हालात , प्रबंधन की गलतियों और लापरवाही के लिए काफी खराब हो गई थी। ऐसे में यस बैंक को बचाने और बैंक के जमाकर्ताओं के हित को सुरक्षित करने के लिए सरकार ने यस बैंक के प्रदर्शन के लिए एक स्कीम लाने का निर्णय लिया था। इस स्कीम के तहत 100 या इससे ज्यादा शेयरों की होल्डिंग रखने वाले शेयर होल्डरों की इनकमिंग शेयरहोल्डिंग ऑटोमैटिव तरीके से 3 साल के लिए लॉकइन में चली गई थी।
इस स्कीम में कहा गया था कि "100 या उससे ज्यादा शेयरों की होल्डिंग रखने वाले शेयर होल्डरों की 75 फीसदी हिस्सेदारी स्वत: लॉकइन पीरियड में चली जाएगी। ऐसे में ऐसे शेयर धारक जिनके पास 100 या इससे ज्यादा इक्विटी शेयरों की होल्डिंग है उनको सलाह है कि वह इस स्टॉक में सावधानी के साथ कोई सौदा करें।"
बता दें कि यस बैंक के पुर्नगठन योजना के तहत इसमें एसबीआई की हिस्सेदारी 49 फीसदी होगी। इसके लिए एसबीआई ने 7,250 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश किया है। यह भी बता दें कि एसबीआई के सिर्फ 26 फीसदी होल्डिंग पर 3 साल का लॉकइन पीरियड लागू होगा। जबकि प्राइवेट सेक्टर की दूसरे निवेशकों पर 3 साल का लॉक इन पीरियड लागू होगा।
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