जोमैटो (Zomato) और जियो फाइनेंशियल (Jio Financial) के शेयरों को लेकर एक बड़ी खबर है। ये दोनों शेयर मार्च में निफ्टी-50 इंडेक्स में शामिल हो सकते हैं। ये अनुमान जानी-मानी ब्रोकरेज फर्म JM फाइनेंशियल ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में जताया है। ब्रोकरेज ने कहा कि फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो और फाइनेंशियल सेवाएं देना वाली जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (JFS) मार्च में होने वाले निफ्टी 50 इंडेक्स के रिबैलेंसिंग में शामिल हो सकते हैं।
ब्रोकरेज ने कहा कि वहीं दूसरी ओर FMCG सेक्टर की दिग्गज कंपनी ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के शेयर को इंडेक्स से बाहर किया जा सकता है। इन्हीं दोनों शेयरों की जगह पर जोमैटो और जियो फाइनेंशियल के शेयर शामिल होते हैं।
बता दें कि JM फाइनेंशियल ने इससे पहले अपनी एक रिपोर्ट में ब्रिटानिया के बजाय आयशर मोटर्स के शेयर के निफ्टी इंडेक्स से बाहर होने का अनुमान जताया था।
निफ्टी 50 और NSE के दूसरे इंडेक्सों में संभावित बदलावों का आधिकारिक ऐलान फरवरी 2025 के अंत तक होने की उम्मीद है और ये बदलाव 31 मार्च 2025 से लागू होंगे। बता दें कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हर साल 2 बार अपने इंडेक्सों में बदलाव करती है। इन बदलाव के फ्री-फ्लोट मार्केट कैप को आधार बनाया जाता है। मार्च में होने वाली रिबैलेंसिंग के लिए कंपनियों के 1 अगस्त से 31 जनवरी तक के औसत फ्री-फ्लोट मार्केट कैप को देखा जाएगा।
निफ्टी 50 इंडेक्स में किसी भी स्टॉक के शामिल होने के लिए यह जरूरी है, वह पहले से ही फ्यूचर एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट का हिस्सा हो। NSE ने नवंबर 2024 में F&O सेगमेंट में 45 नए स्टॉक्स को जोड़ा था, जिसमें जोमैटो और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज भी शामिल थे।
JM फाइनेंशियल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अगर अगर जोमैटो का शेयर निफ्टी 50 में शामिल होता है, तो इसमें पैसिव म्यूचुअल फंडों की ओर से करीब 702 मिलियन डॉलर (लगभग ₹6,128 करोड़ रुपये) का निवेश आ सकता है। वहीं दूसरी ओर जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर में करीब 404 मिलियन डॉलर (लगभग ₹3,526 करोड़) का निवेश आने का अनुमान है। इस तरह दोनों शेयरों में कुल मिलाकर 1.11 अरब डॉलर (लगभग ₹9,654 करोड़ रुपये) का पैसिव इनफ्लो आ सकता है।
वहीं, दूसरी BPCL और ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के निफ्टी इंडेक्स से हटने के चलते इनमें से क्रमशः 2,097 करोड़ रुपये और 2,273 करोड़ रुपये का पैसिव निवेश बाहर जा सकता है।
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