6% टूट गए SBI, Bank of Baroda और PNB जैसे सरकारी बैंकों के शेयर, सरकार के इस बयान से मचा हाहाकार

PSU Banking Stocks: घरेलू स्टॉक मार्केट में मुनाफावसूली के बीच सरकारी बैंकों के शेयरों पर भी आज अच्छा-खासा दबाव दिखा। मुनाफासूली की इस आंधी में देश के सबसे बड़े लेंडर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (PNB) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) समेत अन्य सरकारी बैंकों के शेयर 6% तक टूट गए। जानिए इन स्टॉक्स में गिरावट की वजह क्या है?

अपडेटेड Dec 03, 2025 पर 11:35 AM
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आज 3 दिसंबर को घरेलू स्टॉक मार्केट में इंडियन बैंक (Indian Bank), पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank- PNB) समेत अन्य सरकारी बैंकों के शेयर करीब 6% तक टूट गए।

PSU Banking Stocks: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) लिमिट में बढ़ोतरी को लेकर स्पष्टीकरण दिया है। इस स्पष्टीकरण पर आज 3 दिसंबर को घरेलू स्टॉक मार्केट में इंडियन बैंक (Indian Bank), पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank- PNB) समेत अन्य सरकारी बैंकों के शेयर 4% तक टूट गए। ओवरऑल बात करें तो मार्केट में आज मुनाफावसूली का दबाव दिख रहा है। घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) में करीब आधे फीसदी की गिरावट है तो सेक्टरवाइज बात करें तो निफ्टी आईटी और मिडस्मॉल आईटी एंड टेलीकॉम को छोड़ हर सेक्टर का निफ्टी इंडेक्स आज लाल है। निफ्टी पीएसयू बैंक में 2.75% की गिरावट है।

क्या कहा वित्त मंत्रालय ने?

सांसद रंजीत रंजन और हरीश बीरन के पूछे गए प्रश्नों पर वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में लिखित जवाब में पब्लिक सेक्टर के बैंकों में एफडीआई को लेकर लिखित जवाब दिया। सवाल ये थे कि क्या सरकार ने पीएसयू बैंकों में एफडीआई की लिमिट बढ़ाकर 49% करने का प्रस्ताव रखा है? इसके अलावा इससे प्रभावित होने वाले बैंकों की सूची और अनुमानित विदेशी निवेश और सरकारी बैंकों में विदेशी स्वामित्व के दबाव को रोकने के लिए सुरक्षा के उपायों को लेकर भी पूछा गया था। इसके जवाब में मंत्रालय ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव अभी नहीं है।


मंत्रालय ने कहा कि बैंकिंग कंपनीज (एक्विजिशन एंड ट्रांसफर ऑफ अंडरटेकिंग्स) एक्ट 1970/80 और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट (नॉन-डेट इंस्ट्रूमेंट्स) रूल्स, 2019 के तहत सरकारी बैंकों में एफडीआई की लिमिट 20% और प्राइवेट बैंकों में 74% है। प्राइवेट सेक्टर के बैंकों को लेकर बात करें तो 49% एफडीआई ऑटोमैटिक रूट से है और 74% तक के लिए सरकार की मंजूरी लेनी होती है। इसके अलावा आरबीआई के नियमों के मुताबिक बैंक में 5% या इससे अधिक कंट्रोलिंग स्टेक हासिल करने के लिए आरबीआई से मंजूरी लेनी होती है। मंत्रालय ने अपने जवाब में सरकारी बैंकों में विदेशी हिस्सेदारी की भी जानकारी दी। इसके मुताबिक मार्च 2025 तिमाही तक एसबीआई के पास 11.07% विदेशी हिस्सेदारी है, उसके बाद केनरा बैंक के पास 10.55% और बैंक ऑफ बड़ौदा के पास 9.43% विदेशी हिस्सेदारी है।

कैसी है शेयरों की स्थिति?

सितंबर महीने में पीएसयू बैंक का इंडेक्स 11.4%, अक्टूबर में 8.7% और नवंबर महीने में 4% मजबूत हुआ था। यह तेजी उन रिपोर्ट्स पर आई थी, जिनमें दावा किया गया था कि सरकार सरकारी बैंकों में विदेशी हिस्सेदारी की लिमिट बढ़ाने पर विचार कर रही है। हालांकि अब सरकार ने इस पर सफाई दी तो आज निफ्टी पीएसयू बैंक ढाई फीसदी से अधिक फिसल गया। इसके 12 स्टॉक्स में सबसे अधिक दबाव इंडियन बैंक पर है जोकि 6% से अधिक फिसल गया। बाकी 11 स्टॉक्स भी आज लाल हैं और इनमें 4% तक की गिरावट है।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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