Prayagraj MahaKumbh: महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। हर 12 साल पर ग्रहों की स्थिति के आधार पर महाकुभ का आयोजन होता है। साल 2025 में महाकुंभ प्रयागराज में होने वाला है और इस मेले को लेकर तैयारियां पूरे जोरों पर चल रही हैं। इस बार प्रयाग में तीन पवित्र नदियों के संगम के साथ भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। (Image- Google)
कुंभ मेले की शुरुआत समुद्र मंथन की घटना से जुड़ी है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, देवताओं और राक्षसों ने मिलकर अमृत पाने के लिए समुद्र मंथन किया था। इस दौरान अमृत कलश मिला था, जिसे लेकर देवताओं और राक्षसों के बीच भयंकर युद्ध हुआ था। इस युद्ध के दौरान अमृत कलश की चार बूंदें प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक में गिरी थीं। यही वजह है कि इन चारों स्थान पर कुंभ मेला का आयोजन किया जाता है। (Image- Google)
13 जनवरी पौष पूर्णिमा से शुरू होकर यह मेला 26 फरवरी महाशिवरात्रि व्रत तक चलेगा, इससे पहले साल 2013 में प्रयागराज में महाकुंभ मेला लगा था। इस बार कुंभ मेले में 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है और इसको लेकर सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई है। (Image- Google)
साल 2025 में प्रयागराज के संगम किनारे इस मेले का आयोजन किया जा रहा है। संगम के दौरान गंगा और यमुना नदी का साक्षात रूप देखने को मिलता है और सरस्वती नदी का अद्श्य रूप से मिलन होता है, इस वजह से प्रयागराज का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसमें स्नान करने से सारे पाप हट जाते हैं। (Image- Google)
महाकुंभ की शुरुआत पौष पूर्णिमा स्नान के साथ होती है, जोकि 13 जनवरी 2025 को है। वहीं महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी 2024 को अंतिम स्नान के साथ कुंभ पर्व का समापन होगा। इस दौरान पहला शाही स्नान 14 जनवरी 2025 को, दूसरा 29 जनवरी, 3 फरवरी को तीसरा, 12 फरवरी 2025 और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर अंतिम स्नान होगा। (Image- Google)