कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण यूनिट कांग्रेस वर्किंग कमेटी (Congress Working Committee, CWC) की शुक्रवार को बैठक हुई। इसमें संगठन के चुनाव, किसान आंदोलन और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि कांग्रेस में अध्यक्ष पद का चुनाव इसी साल जून में कराया जाएगा। शुक्रवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में इसका ऐलान किया गया। इस साल कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस पार्टी संगठन का चुनाव करेगी, जिसमें अध्यक्ष पद का चुनाव सबसे अहम है।
संगठन चुनाव को लेकर केसी वेणुगोपाल ने बताया कि कांग्रेस कार्य समिति ने निर्णय लिया है कि जून 2021 तक निर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति ने किसानों के साथ मजबूती से खड़े रहने का निर्णय किया। इसे लेकर हमने प्रस्ताव पास किया है। कार्यसमिति ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए ऊपर से नीचे के स्तर तक की कार्ययोजना तैयार की है। इसी बैठक में तय हुआ है कि जून तक कांग्रेस के संगठन चुनाव हर स्तर पर करवाए जाएंगे।
सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ नेता मधुसूधन मिस्त्री की अध्यक्षता वाले सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी ने कांग्रेस अध्यक्ष समेत संगठन का चुनाव तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव के बाद कराने का प्रस्ताव रखा। गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद इसकी जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था उसके बाद पार्टी ने सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था। राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे के साथ साफ कर दिया था कि वो अब इस पद पर नहीं आएंगे, यहां तक कि यह भी कहा गया था कि उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम को भी किनारे कर कहा था कि अब गांधी परिवार से कोई भी पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनेगा।
बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के सक्रिय अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग फिर उठाई थी। वैसे, कांग्रेस नेताओं का एक बड़ा धड़ा लंबे समय से इस बात की पैरवी कर रहा है कि राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस की कमान संभालनी चाहिए। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस के 99.99 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी फिर से उनका नेतृत्व करें।
CWC की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह आरोप लगाया कि सरकार ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है। सोनिया ने कहा कि एक सप्ताह में संसद सत्र शुरू होने जा रहा है। यह बजट सत्र है, लेकिन जनहित के कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पूरी तरह चर्चा किए जाने की जरूरत है। क्या सरकार इस पर सहमत होती है, यह देखने होगा। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने आरोप लगाया किसानों का आंदोलन जारी है और सरकार ने बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है।
इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) की कथित व्हाट्सएप चैट का हवाला देते हुए शुक्रवार को कहा कि दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं। व्हाट्सएप चैट प्रकरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में हमने बहुत ही परेशान करने वाली खबरें देखीं कि किस तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया है... जो लोग दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटते हैं वो अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं। उन्होंने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार निजीकरण को लेकर हड़बड़ी में है।
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