Russia-Ukraine Talks: रुस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से जंगी माहौल बना हुआ है और दूसरे देशों के शांति की सभी कोशिशें अब तक नाकाम हुई हैं। हालांकि रुस के राष्ट्रपति व्लादीनिर पुतिन ने चौंकाते हुए यूक्रेन के साथ बातचीत के संकेत दिए हैं। दोनों देशों के बीच करीब ढाई साल से युद्ध हो रहा है। अब पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन से बातचीत के लिए तैयार हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने कहा है कि शांति वार्ता में चीन, भारत और ब्राजील मध्यस्थता का काम कर सकते हैं। रुस ने कहा कि मोदी और पुतिन के दोस्ताना संबंधों से अमेरिका, यूक्रेन और रुस के शांति प्रयासों को मदद मिलेगी।
राष्ट्रपति पुतिन का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब जुलाई महीने में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रुस के दौरे पर गए थे और राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी। यूक्रेन से युद्ध छिड़ने के बाद पीएम मोदी पहली बार रुस गए थे और इस मौके पर युद्ध समेत कई विषयों पर चर्चा हुई। इसके बाद अगस्त में पीएम मोदी यूक्रेन के दौरे पर गए और दोनों देशों के बीच वर्ष 1992 में कूटनीतिक संबंध स्थापित होने के बाद से यूक्रेन जाने वाले पहले भारतीय पीएम बने। यूक्रेन में पीएम मोदी की मुलाकात यूक्रेन के राष्ट्रपति ववोलोदिमीर जेलेंस्की से हुई और दोनों ने शांति, आर्थिक सहयोग, संस्कृति और रक्षा समेत कई विषयों पर चर्चा की।
पुतिन ने किया इंस्ताबुल वार्ता का जिक्र
ऐसा नहीं है कि दोनों देशों के बीच शांति की इससे पहले कोशिशें नहीं की गई हैं। हालांकि रुस के राष्ट्रपति पुतिन के मुताबिक दोनों देशों के बीच युद्ध के शुरुआती हफ्तों में ही एक समझौते पर बात बनी थी लेकिन इस पर कभी अमल नहीं हो सका। अब पुतिन का कहना है कि यह समझौता इस बार के शांति वार्ता के लिए आधार का काम कर सकता है। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि उन्हें ऐसे लोगों को झेलना पड़ रहा है जो समझौते का सम्मान नहीं करते हैं।
पश्चिम की तरफ पूर्व की तरफ बढ़ रहा रुस का झुकाव
राष्ट्रपति पुतिन ने यह भी कहा कि रुस तेजी से पूर्व की ओर बढ़ रहा है और पश्चिम से दूर हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन ईस्ट इकनॉमिक फोरम (EEF) पर रुस ने 10.5 ट्रिलियन रूबल यानी 9.79 ट्रिलियन रुपये (9.79 लाख करोड़ रुपये) से अधिक मूल्य के हजारों समझौतों पर हस्ताक्षर किए। रुस ने कहा कि 30 से अधिक देश ब्रिक्स (BRICS) में शामिल होने या सहयोग करने के लिए तैयार दिख रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम पहले ही समझ चुका है कि उन्होंने देशों को डॉलर को छोड़ने के लिए उकसाकर गलती की है। रुस की बात करें तो यह पुतिन के मुताबिक BRICS देशों के साथ 65 फीसदी लेन-देन में आपसी मुद्राओं का उपयोग करता है।