खालिस्तानी आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोपी निखिल गुप्ता का प्रत्यर्पण, चेक गणराज्य से लाया गया अमेरिका

Nikhil Gupta US: चेक रिपब्लिक की जेल में बंद भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर अमेरिका को संदेह है कि वो खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक गुरपतवंत पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल है। इस बीच निखिल गुप्ता को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया है। यह अमेरिका की एक बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। फिलहाल 52 वर्षीय गुप्ता को ब्रुकलिन के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया है।

अपडेटेड Jun 17, 2024 पर 9:00 AM
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Nikhil Gupta US: गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश में एक भारतीय गिरफ्तार हुआ था।

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को चेक रिपब्लिक से अमेरिका प्रत्यर्पित  (Extradited) किया गया है। निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन अब अमेरिका निखिल का प्रत्यर्पण करवाने में कामयाब रहा। अमेरिका की संघीय कारागार ब्यूरो की वेबसाइट और इस मामले से जुड़े जानकारों के मुताबिक 52 साल के भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से संयुक्त राज्य अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया है। मौजूदा समय में गुप्ता को ब्रुकलिन के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया है।

अमेरिकी फेडरल अभियोजकों ने निखिल गुप्ता पर एक भारतीय सरकारी अधिकारी के साथ मिलकर गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। पन्नू अमेरिका के निवासी थे और उत्तरी भारत में एक संप्रभु सिख राज्य की वकालत करते थे। अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर पिछले साल चेक गणराज्य में निखिल गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था।

कोर्ट ने खारिज की थी याचिका


गुप्ता पिछले जून में भारत से प्राग गए थे और उन्हें चेक अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था। वहीं पिछले साल चेक रिपब्लिक की कोर्ट ने निखिल गुप्ता को अमेरिका प्रत्यर्पित करने पर रोक लगाने वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद उसके प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया था। गुप्ता को ब्रुकलिन के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर (Metropolitan Detention Center) में रखा गया है। एक संघीय प्रशासनिक हिरासत केंद्र है। आज यानी सोमवार को निखिल गुप्ता को न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। फिलहाल इस मामले में अमेरिकी न्याय विभाग के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। गुप्ता के अमेरिकी वकील, अटॉर्नी जेफरी चैब्रोवे ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है। वहीं चेक अधिकारियों की ओर से भी तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है।

भारत और अमेरिका के संबंधों पर पड़ा असर

अमेरिका और कनाडा में सिख अलगाववादियों के खिलाफ हत्या की साजिशों का पता चलने से भारत के साथ संबंधों पर असर पड़ा है। जिसे पश्चिमी देश चीन के बढ़ते वैश्विक प्रभाव के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि भारत सरकार ने इन साजिशों में शामिल होने से इनकार किया है।

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