Nepal Earthquake: नेपाल में भूकंप के झटके थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारत के पड़ोसी देश नेपाल की धरती फिर कांप उठी। नेपाल के मकवानपुर जिले के चितलांग में 4.5 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप के झटके गुरुवार (23 नवंबर) को तड़के 1.20 बजे महसूस किए गए। आधी रात को आए इन भूकंप के झटकों से किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। लेकिन लोग खौफ में जरूर दिखे। बता दें कि नेपाल में इसी महीने की शुरुआत में 3 नवंबर को 6.4 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे।
जिसमें कम से कम 153 लोग मारे गए थे और हजारों लोग बेघर हो गए थे। भूकंप से नेपाल के इस इलाके को काफी नुकसान हुआ था। लोग तंबुओं में रहने के मजबूर हो गए हैं। इसकी वजह से लोग अब ठंड की चपेट में भी आ रहे हैं।
वहीं रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है। लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। फिर सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।