कल्पना कीजिए कि आप सिर्फ 8 दिनों के लिए किसी यात्रा पर जाएं, लेकिन महीनों तक लौट ही न पाएं। ऐसा ही हुआ है भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर के साथ। वे 5 जून 2024 को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचे थे, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण उनकी वापसी लगातार टलती जा रही है। नासा और स्पेसएक्स ने फाल्कन-9 रॉकेट से उन्हें लाने की योजना बनाई थी, लेकिन लॉन्च से एक घंटे पहले ही तकनीकी समस्या आ गई और मिशन रोकना पड़ा। अब उनकी धरती पर वापसी 19 मार्च 2025 तक संभव मानी जा रही है।
हालात जस के तस रहे तो यह मिशन और लंबा खिंच सकता है। अंतरिक्ष में 281 दिन बिता चुकी इस जोड़ी के लिए हर दिन एक नई चुनौती है, और पूरी दुनिया उनकी सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रही है।
लॉन्च से एक घंटा पहले आया रोड़ा
बुधवार (12 मार्च) को एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का फाल्कन-9 रॉकेट चार नए अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) रवाना होने वाला था। ये नए वैज्ञानिक, वहां मौजूद सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की जगह लेते। लेकिन लॉन्च से महज एक घंटे पहले रॉकेट के हाइड्रोलिक सिस्टम और ग्राउंड सपोर्ट क्लैंप आर्म में खामी नजर आई, जिससे मिशन को रोकना पड़ा।
फाल्कन-9 रॉकेट को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाना था। अच्छी बात ये है कि लॉन्च के लिए गुरुवार (13 मार्च) और शुक्रवार (14 मार्च) को भी विंडो उपलब्ध है। अगर स्पेसएक्स जल्द समस्या ठीक कर लेता है, तो इसी हफ्ते नया प्रयास किया जाएगा। अगर सब कुछ सही रहा, तो सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 19 मार्च तक धरती पर लौट सकते हैं।
8 दिन की यात्रा बनी 281 दिन की चुनौती
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून 2024 को ISS पहुंचे थे। शुरुआत में उनकी यात्रा सिर्फ 8 दिन की होनी थी, लेकिन उनके विमान बोइंग स्टारलाइनर में तकनीकी गड़बड़ी आ गई, जिससे उनकी वापसी टलती गई। अब तक ये दोनों अंतरिक्ष में 281 दिन बिता चुके हैं, और उनकी धरती पर वापसी का इंतजार लगातार बढ़ता जा रहा है।
अगर इस बार भी लॉन्च नहीं हो सका, तो सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को और ज्यादा समय अंतरिक्ष में बिताना पड़ सकता है। अब सबकी नजरें स्पेसएक्स और नासा पर टिकी हैं, जो इस मिशन को सफल बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं।