8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए खुशखबरी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने 8वें वेतन आयोग के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) पास कर दिया है। आठवें वेतन आयोग की टीम में चेयरपर्सन, वन पार्ट टाइम मेंबर और मेंबर सेक्रेटरी होंगे। कमीशन को गठन की तारीख से 18 महीने के अंदर अपनी सिफारिशें जमा करनी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। इस आयोग की सिफारिशों से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स के वेतन और पेंशन में सुधार होने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस को तय करने से पहले सरकार ने कई मंत्रालयों, राज्य सरकारों और कर्मचारी एसोसिएशन के साथ बातचीत की है। आयोग को अपनी सिफारिशें 18 महीनों के भीतर सौंपनी होंगी।
सरकार ने जनवरी 2025 में ही 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। इसका मकसद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी, भत्तों और पेंशन स्ट्रक्चर की समीक्षा करना है। इसके तहत सौलरी को मौजूदा महंगाई और लाइफ स्टाइल कॉस्ट के अनुसार अपडेट किया जाएगा।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बताया था कि नए सैलरी स्ट्रक्चर को लागू करने का प्रोसेस तब शुरू होगी, जब आयोग अपनी सिफारिशें देगा और सरकार उन्हें मंजूर करेगी।
आमतौर पर हर 10 साल में एक बार वेतन आयोग गठित किया जाता है। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में बना था और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं। उसी क्रम में अब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है।
सरकार का कहना है कि आयोग के सुझावों से कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में सुधार के साथ-साथ उनकी खरीदने की क्षमता बढ़ेगी। मौजूदा केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (DA) देती है, जो हर छह महीने में महंगाई दर के आधार पर रिवाइज किया जाता है। हाल ही में सरकार ने डीए में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है।